एक रिपोर्ट के अनुसार एक रोबोट ने पहली बार मानव के मार्गदर्शन के बिना सुअर पर कीहोल सर्जरी की है. शोधकर्ताओं का कहना है कि यह प्रक्रिया रोबोटिक्स में मनुष्यों पर पूरी तरह से स्वचालित संचालन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
स्मार्ट टिश्यू ऑटोनॉमस रोबोट (स्टार) ने नाजुक कीहोल लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की, जिसमें चार जानवरों में एक आंत के दो सिरों को जोड़ना शामिल था. अध्ययन के अनुसार, रोबोट ने उस प्रक्रिया में काफी अच्छा प्रदर्शन किया जिसके लिए सटीकता और दोहराव वाले आंदोलनों की आवश्यकता होती है.
आंत के दो सिरों को जोड़ा
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ लेखक डॉ एक्सल क्राइगर ने कहा कि इस प्रक्रिया ने पहली बार किसी रोबोट ने मानव सहायता के बिना लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की थी. विशेषज्ञों का कहना है कि आंत के दो सिरों को जोड़ना गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी में सबसे चुनौतीपूर्ण कदम है, जिसमें सर्जन को टांके लगाने की आवश्यकता होती है. इस दौरान अगर हाथ जरा सा भी कांपता है या गलत सिलाई होती है तो रोगी को दिक्कत पैदा हो सकती है.
जॉन्स हॉपकिन्स के व्हिटिंग स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के सहायक प्रोफेसर डॉ क्रेगर ने कहा, 'हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि हम सर्जरी में सबसे जटिल और नाजुक कार्यों में से एक को स्वचालित कर सकते हैं, जिसमें आंत के दो सिरों को फिर से जोड़ना शामिल है. 'द स्टार ने चार जानवरों पर सर्जरी की और इसका रिजल्ट काफी अच्छा रहा.
रोबोट के लिए सबसे कठिन होती है सॉफ्ट-सर्जरी
वाशिंगटन डीसी और जिन कांग में चिल्ड्रन नेशनल हॉस्पिटल के सहयोगियों ने साथ मिलकर रोबोट बनाने में मदद की. डॉ क्राइगर इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग के जॉन्स हॉपकिन्स प्रोफेसर हैं. विशेषज्ञ का कहना है कि नई सुविधाएं बेहतर सर्जिकल परिशुद्धता की अनुमति देती हैं, जिसमें विशेष टांके लगाने वाले उपकरण और इमेजिंग सिस्टम शामिल हैं जो सर्जिकल क्षेत्र के अधिक सटीक इमेज देते हैं. रोबोट के लिए सॉफ्ट-टिशू सर्जरी करना विशेष रूप से कठिन होता है.