ग्रह,नक्षत्र,देवी, देवता,मानव, असुर, शुभ अशुभ , सब कृष्ण के ही अधीन हैं . इसलिए शनि भी कृष्ण की शक्ति के ही अधीन है. ये बात सभी जानते हैं कि शनिदेन न्यायाधीश हैं. शिव जी ने शनि को दंड देने का अधिकार भी दिया है. इसलिए शनि न्याय भी करते हैं और दंड भी देते हैं कर्म करवाना और कर्म का फल देना शनि के ही हाथ में है शनिदेव के न्याय का है अलग तरीका.