सनराइजर्स हैदराबाद ने अभिषेक शर्मा (20 गेंद, 59 रन) के तूफानी अर्धशतक की बदौलत लखनऊ सुपर जायंट्स को छह विकेट से हराकर आईपीएल प्लेऑफ की दौड़ से बाहर कर दिया है. गुजरात टाइटन्स, पंजाब किंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु पहले ही प्लेऑफ में पहुंच चुके हैं.
टॉप-4 में जो आखिरी स्थान बचा है, उसके लिए मुंबई इंडियन्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच जंग है. दोनों ही टीमों को दो-दो मैच खेलने हैं. इनमें से एक मैच एक-दूसरे के खिलाफ भी है. आइए जानते हैं ये टीमें प्लेऑफ में कैसे पहुंच सकती हैं.
चौथे स्थान की दौड़ से कैसे बाहर हुई लखनऊ?
लखनऊ के एकाना स्टेडियम में सोमवार को उतरते हुए ऋषभ पंत की टीम के पास प्लेऑफ में पहुंचने का मौका था. टीम ने 11 मैचों में से पांच जीतकर 10 अंक अर्जित कर लिए थे. अगर लखनऊ अपने बचे हुए तीनों मैच जीत जाती तो उसके 16 अंक हो जाते और वह दिल्ली और मुंबई की एक-एक हार की बदौलत प्लेऑफ में पहुंच सकती थी.
ऐसा नहीं हो सका. अब अगर लखनऊ अपने बचे हुए दोनों मैच जीत भी जाती है तो उसके अधिकतम 14 अंक हो सकते हैं. दूसरी ओर, दिल्ली अधिकतम 17 जबकि मुंबई अधिकतम 18 अंक तक पहुंच सकती है.
क्या कहते हैं दिल्ली-मुंबई के समीकरण?
सबसे पहले मुंबई इंडियन्स की बात करते हैं. हार्दिक पांड्या की टीम इस समय 12 मैचों में से सात जीतकर पॉइंट्स टेबल पर सातवें स्थान पर है. उसे अपने बचे हुए दो मैच दिल्ली और पंजाब किंग्स के खिलाफ खेलने हैं. अगर मुंबई 21 मई को होने वाले मैच में दिल्ली को हरा देती है तो वह 16 अंक पर पहुंच जाएगी. दिल्ली से जीत मुंबई के लिए निर्णायक साबित होगी क्योंकि न सिर्फ टीम को दो अंक मिलेंगे, बल्कि इसी के साथ दिल्ली भी सीधे तौर पर प्लेऑफ की दौड़ के साथ बाहर हो जाएगी.
पेचीदा मामला तो दिल्ली का है. दिल्ली को भी मुंबई इंडियन्स से भिड़ने के बाद अपने आखिरी मैच में पंजाब से मुकाबला करना है. अगर दिल्ली आने वाले मैचों में मुंबई और पंजाब दोनों को हरा देती है, तो उसके 17 अंक हो जाएंगे. मुंबई पंजाब को हराकर भी अधिकतम 16 अंक तक ही पहुंच सकेगी यानी दिल्ली प्लेऑफ में पहुंच जाएगी. अगर दिल्ली मुंबई को हरा देती है और पंजाब से हार जाती है, तो उसे प्लेऑफ में पहुंचने के लिए उम्मीद करनी होगी कि पंजाब भी मुंबई को हरा दे.
दिल्ली की राह में रोड़े अनेक
दिल्ली के लिए प्लेऑफ में पहुंचना इस समय ज्यादा चुनौतीपूर्ण लग रहा है. अव्वल तो दिल्ली (13) के प्वॉइंट्स मुंबई (14) से कम हैं. ऊपर से यह टीम अच्छी फॉर्म में भी नहीं चल रही. अक्षर पटेल की टीम ने टूर्नामेंट की शानदार शुरुआत की थी और अपने शुरुआती चारों मैच जीते थे. लेकिन पांचवें मैच में मुंबई से हारने के बाद कैपिटल्स संभल नहीं पाए हैं. अपने पिछले आठ मैचों में से दिल्ली को सिर्फ दो में जीत मिली है.
अब जब यह टीम करो या मरो की कगार पर खड़ी है तो उसे अपने बल्लेबाजों की फॉर्म और स्टार गेंदबाज मिचेल स्टार्क की कमी भी खलने वाली है. हालांकि बचे हुए मैचों का नतीजा क्या होगा, यह कहा नहीं जा सकता. क्योंकि क्रिकेट में हर दिन नया होता है.