नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पार्थ सिंह नाम के खिलाड़ी ने शानदार प्रदर्शन किया. पार्थ ने 100 मीटर में 10.51 सेकंड का समय निकालकर गोल्ड मेडल जीता. इतना ही नहीं, पार्थ सिंह ने लंबी कूद में 7.82 मीटर का रिकॉर्ड बनाया और गोल्ड मेडल पर कब्जा किया. पार्थ सिंह भारत के लिए खेल रहे हैं, लेकिन उनके बैग पर ताइवान लिखा हुआ था. भारत में जन्मे इस खिलाड़ी का कनेक्शन ताइवान से भी है.
कौन है पार्थ सिंह?
18 साल के पार्थ सिंह की पढ़ाई-लिखाई ताइवान में हुई है. उन्होंने अपने एथलेटिक्स की शुरुआत भी ताइवान से की. पार्थ का संघर्ष बचपन से ही शुरू हो गया था. जब उनकी शुरुआती पढ़ाई ताइवान में शुरू हुई तो वो क्लास में अकेले भारतीय थे. सब बच्चे चीनी बोलते थे, जो उनको समझ नहीं आता था. लेकिन जल्द ही उन्होंने मंडारिन भाषा सीख ली. इसके बाद उनके दोस्त भी बन गए. इसके साथ ही, उन्होंने स्पोर्ट्स में भी रूचि थी. पार्थ ने क्लास 3 में स्कूल स्पोर्ट्स डे में 60 मीटर दौड़ में जीत हासिल की थी. पार्थ ने 10वीं क्लास में लॉन्ग जंप में 7.62 मीटर की कूद लगाई. यह ताइवान के नेशनल रिकॉर्ड से भी बेहतर था.
भारत में हुआ जन्म-
पार्थ सिंह का जन्म भारत के पुणे में हुआ था. 6 साल की उम्र में पार्थ अपने पिता सुनील सिंह के साथ ताइवान चले गए थे. उनके पिता इंजीनियर थे, उनको ताइवान में जॉब मिली थी. वो भारतीय थे. इसलिए उनको पता था कि वो ताइवान की तरफ से नहीं खेल सकते हैं. इसलिए उन्होंने भारत की तरफ से खेलने का फैसला किया. पिछले साल उन्होंने 100 मीटर लॉन्ग जंप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. इस बार उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया.
भारतीय होने पर गर्व, दिल में ताइवान- पार्थ
पार्थ का कहना है कि वो भारत का प्रतिनिधित्व करके गर्व महसूस करते हैं. लेकिन उनके दिल में ताइवान बसता है. उनका कहना है कि उनका घर ताइवान में है, मेरे दोस्त, मेरी भाषा, सब वहीं के हैं. मैं मंदारिन में सोचता हूं. उनका कहना है कि भारत के लिए खेलना सम्मान की बात है, लेकिन ताइवान को छोड़ना भी आसान नहीं है.
ओलंपिक में खेलना चाहते हैं पार्थ-
पार्थ सिंह का सपना ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करना है. वे साल 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं. पार्थ को अगले साल होने वाली अंडर-20 वर्ल्ड चैंपियनशिप का टिकट मिल गया है.
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