ज़ेहन में कई सवाल छोड़ जाती है यह पांच मिनट की फिल्म

फिल्म की शुरुआत होती है भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम से. मुकाबला पाकिस्तान के साथ चल रहा है, तभी क्रिकेट देख रहे शख्स की पत्नी अपने प्रेगनेंट होने की बात अपने पति को बताती है. आमतौर पर जैसा होता है उस घर में भी शुभकामना संदेश आने शुरू हो जाते हैं. अब आने वाले बच्चे के पापा क्रिकेट के शौकीन हैं तो उन्होंने भी अपने कमरे में क्रिकेटर यानी विराट कोहली की फोटो अपने कमरे में लगा देते हैं, क्योंकि वो भी अपने आने वाले बच्चे को क्रिकेटर बनाना चाहते थे.

फिल्म द विश का एक सीन
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 19 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 12:47 AM IST
  • मिताली राज ठाकुर पर बनी है ये शार्ट फिल्म
  • सिर्फ मिताली राज नहीं की लड़कियों को दिया गया सम्मान है यह फिल्म

क्रिकेट की दुनिया में महिला क्रिकेटर का नाम लेना हो तो मिताली राज ठाकुर एक ऐसा नाम हैं जिनको याद करना सबसे जरूरी हो जाता है. हाल ही में भारतीय महिला क्रिकेटर मिताली राज को खेल रत्न अवॉर्ड से नवाजा गया है. लेकिन ये कहना भी गलत नहीं होगा कि आज हमारे समाज में ना जाने कितनी ऐसी लड़कियां हैं जो मिताली राज ठाकुर बनना चाहती हैं और वो ऐसा कर भी रही हैं. अब आप कल्पना कीजिए एक ऐसे परिवार की जिसके यहां बच्चा आने वाला है, और वो अपने बच्चे को क्रिकेटर बनाना चाहता है, अब आप ये अंदाजा लगा सकते हैं कि आने वाले बच्चे के कमरे में किसी पुरुष खिलाड़ी की फोटो लगाई गई होगी, आप अपनी पंसद के किसी भी क्रिकेटर की तस्वीर का अंदाजा लगा सकते हैं. लेकिन यूट्यूब पर एक ऐसी फिल्म आई है जो आपके इस भ्रम को तोड़ती हुई मालूम पड़ती है. इस फिल्म को बनाने वाले हैं पत्रकार और इंडिपेंडेंट शॉर्ट फिल्म मेकर निशांत शेखर. फिल्म का नाम है  'द विश'. 

क्रिकेटर मतलब सिर्फ विराट नहीं, मिताली भी है

फिल्म की शुरुआत होती है भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम से. मुकाबला पाकिस्तान के साथ चल रहा है, तभी क्रिकेट देख रहे श्खस की पत्नी अपने प्रेगनेंट होने की बात अपने पति को बताती है. आमतौर पर जैसा होता है उस घर में भी शुभकामना संदेश आने शुरू हो जाते हैं. अब आने वाले बच्चे के पापा क्रिकेट के शौकीन हैं तो उन्होंने भी अपने कमरे में क्रिकेटर यानी विराट कोहली की फोटो अपने कमरे में लगा देते हैं, क्योंकि वो भी अपने आने वाले बच्चे को क्रिकेटर बनाना चाहते थे. कहानी आगे बढ़ती है और फोन की घंटी बजने के साथ सासु मां की आवाज आती है कि बहु प्रसाद भिजवाया है, खा लेना, लड़का होगा, अब आने वाले बच्चे को क्रिकेटर बनाना है तो लड़का पैदा करने कि लिए इतनी कोशिश तो करनी पड़ेगी. 

और विराट के बगल में टांग दी गई मिताली की तस्वीर

लेकिन इस फिल्म का अगला सीन इन सारे दकियानुसी ख्यालात को तोड़ता मालूम पड़ता है, क्योंकि अगले दिन  कोहली के बगल में एक और तस्वीर टांग दी जाती है, और वो तस्वीर किसी और की नहीं मिताली ठाकुर की है.  आपको बता दें कि हाल ही में भारतीय महिला क्रिकेटर मिताली राज को खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. ये सम्मान पाने वाली वो पहली भारतीय महिला क्रिकेटर हैं.  कुछ मिनटों की फिल्म के जरिए हमारी जड़ों में जमी सोच को बदलने का संदेश दिया गया है. फिल्म में बड़े बड़े डायलॉग नहीं हैं, लेकिन डायरेक्टर अपना मेसेज देने में सफल हुए हैं.

मिताली को मिला ये सम्मान महज एक शुरुआत

जेंडर डिस्क्रिमिनेशन के मुद्दे पर बनी 5 मिनट की ये फिल्म सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर आशीर्वाद पुत्रवती भव ही क्यों दिए जाते हैं? लड़की के जन्म पर लक्ष्मी आई है कह कर दिलासा सा क्यों दिया जाता है? भ्रूण हत्या आज भी हमारे समाज का काला सच है, जिसमें हर वर्ग के लोग शामिल हैं. इसे खत्म करने की लड़ाई तो लड़नी ही है, सोच में बदलाव लाने की जंग भी जीतनी है . मिताली राज को सम्मान महज एक शुरुआत है. अभी हमें एक प्रोग्रेसिव समाज के रूप में बहुत लंबी दूरी तय करनी है ताकि कामयाबी पाने वाली लड़कियों के लिए ये न कहा जाए, ' ये तो मेरा बेटा है'.

 

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