अल्बानिया ने एक क्रांतिकारी कदम उठाया है. यूरोप का यह छोटा-सा देश दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है, जिसने अपने मंत्रिमंडल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से बनी मंत्री को जगह दी है. इस एआई मंत्री का नाम दीएला (Diella) रखा गया है और इसे सरकारी टेंडरों की प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
प्रधानमंत्री एदि रामा ने हाल ही में अपनी नई कैबिनेट का ऐलान किया. इसी दौरान उन्होंने दीएला को मंत्री के तौर पर पेश किया. हालांकि यह नियुक्ति प्रतीकात्मक है, क्योंकि अल्बानिया के संविधान में साफ लिखा है कि मंत्री वही बन सकता है जो मानसिक रूप से सक्षम और 18 साल से अधिक उम्र का नागरिक हो.
क्या होगी दीएला की जिम्मेदारी?
दीएला की मुख्य जिम्मेदारी सरकारी टेंडरों और ठेकों की निगरानी करना है. अल्बानिया लंबे समय से भ्रष्टाचार और ठेकेबाजी की घटनाओं के लिए बदनाम रहा है. सरकार का मानना है कि AI आधारित मंत्री इस प्रक्रिया को अधिक तेज, पारदर्शी और निष्पक्ष बनाएगी.
रामा का कहना है कि दीएला का मकसद देश को ऐसा राष्ट्र बनाना है जहां पब्लिक टेंडर 100% भ्रष्टाचार-मुक्त हों. उन्होंने कहा, हम एक अंतरराष्ट्रीय टीम के साथ काम कर रहे हैं ताकि पहला ऐसा AI मॉडल तैयार किया जा सके, जो खरीद प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी, तेज और जवाबदेह बनाए.
प्रधानमंत्री के इस फैसले पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं. डेमोक्रेटिक पार्टी ने इसे "मजाक" और "असंवैधानिक" बताया. उनका कहना है कि यह कदम असल सुधार नहीं बल्कि एक पब्लिसिटी स्टंट है. हालांकि कारोबारी और तकनीकी जगत में इस पहल को लेकर उम्मीदें भी जताई जा रही हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
भ्रष्टाचार और शासन व्यवस्था पर शोध करने वाले किंग्स कॉलेज लंदन के डॉ. एंडी होक्सहाज का कहना है कि AI सही तरीके से प्रोग्राम किया जाए तो बोली लगाने वाली कंपनियों की पात्रता और मानदंड तुरंत जांचे जा सकते हैं. इससे भ्रष्टाचार की संभावना काफी घट जाएगी. अल्बानिया पर यूरोपीय संघ (EU) में शामिल होने का दबाव है. 2027 तक सदस्यता प्रक्रिया पूरी करने के लिए भ्रष्टाचार खत्म करना सबसे बड़ी शर्त है. ऐसे में दीएला का प्रयोग बेहद अहम साबित हो सकता है.
विशेषज्ञों का मानना है कि दीएला का मंत्री पद भले ही प्रतीकात्मक हो, लेकिन इससे सरकार और अधिकारियों पर दबाव बनेगा कि वे तेजी और पारदर्शिता से काम करें.
भारत में क्या है इसकी संभावना?
अल्बानिया का यह प्रयोग भारत जैसे बड़े लोकतंत्र में भी बहस का विषय बन सकता है। देश पहले से ही स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और प्रशासन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग बढ़ा रहा है, लेकिन कैबिनेट स्तर पर AI को शामिल करना फिलहाल दूर की संभावना लगती है. अल्बानिया ने AI मंत्री नियुक्त कर यह संदेश दिया है कि भविष्य की राजनीति और शासन में तकनीक की भूमिका कितनी अहम होगी. अब दुनिया यह देख रही है कि यह प्रयोग सफल होता है या नई चुनौतियां लेकर आता है.