क्या आपका पालतू कुत्ता जब भौंकता है, तो वह गुस्से में है, खुश है, या फिर कुछ और कहना चाहता है? क्या आपकी बिल्ली की म्याऊं में कोई छिपा हुआ मैसेज होता है? अगर आप भी अपने पालतू जानवरों की भावनाओं को समझने के लिए बेताब हैं, तो यह खबर आपके लिए किसी जादू से कम नहीं! चीन की दिग्गज टेक कंपनी Baidu, जो चीन के सबसे बड़े सर्च इंजन की मालिक है, ने एक ऐसी तकनीक पर काम शुरू किया है, जो पशुओं की आवाजों, व्यवहार और शारीरिक संकेतों को पढ़कर उनकी भावनाओं को इंसानी भाषा में अनुवाद कर सकती है. जी हां, अब आपके पालतू जानवर की मन की बात सुनना सपना नहीं, बल्कि हकीकत बनने की राह पर है!
जानवरों के इमोशंस पता चलेंगे
Baidu ने हाल ही में चाइना नेशनल इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी एडमिनिस्ट्रेशन में एक पेटेंट दाखिल किया है, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है. इस पेटेंट में एक ऐसे सिस्टम की बात की गई है, जो पशुओं की आवाजों, उनके व्यवहार और शारीरिक संकेतों (जैसे हार्टबीट, शरीर का तापमान आदि) को इकट्ठा करेगा. फिर इन डेटा को एकत्रित करके AI की मदद से विश्लेषण किया जाएगा, ताकि यह समझा जा सके कि आपका पालतू जानवर किस भावनात्मक स्थिति में है. और सबसे रोमांचक बात? इन भावनाओं को इंसानी भाषा में अनुवाद किया जाएगा!
Baidu का दावा है कि यह तकनीक "क्रॉस-स्पीशीज कम्युनिकेशन" (अलग-अलग प्रजातियों के बीच संचार) की सटीकता और दक्षता को बढ़ाएगी. यानी, अब आप अपने कुत्ते की भौंकने की वजह को सिर्फ अनुमान लगाने तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि यह तकनीक आपको बता सकती है कि वह खुशी से भौंक रहा है, डर रहा है, या शायद उसे भूख लगी है!
कैसे काम करेगा यह AI सिस्टम?
Baidu के इस सिस्टम का आधार है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा एनालिसिस. यह सिस्टम तीन मुख्य चरणों में काम करेगा:
Baidu के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह तकनीक अभी रिसर्च स्टेज में है, लेकिन इस पेटेंट को लेकर दुनिया भर में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है. सोशल मीडिया पर लोग इसे "Revolution in Pet-Human Communication" कह रहे हैं, तो कुछ लोग इसे "साइंस फिक्शन का हकीकत में बदलना" बता रहे हैं.
क्या यह तकनीक वाकई काम करेगी?
हालांकि यह विचार बेहद रोमांचक है, लेकिन कुछ लोग इसकी सफलता को लेकर संशय में हैं. चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Weibo पर एक यूजर ने लिखा, "यह सुनने में तो बहुत शानदार लगता है, लेकिन असल जिंदगी में यह कितना कारगर होगा, यह देखना बाकी है." एक अन्य यूजर ने मजाकिया अंदाज में कहा, "क्या यह AI मेरे कुत्ते को यह बताएगा कि वह हर रात मेरे जूते क्यों चबाता है?"
दरअसल, पशुओं की भावनाओं को समझना और उन्हें इंसानी भाषा में अनुवाद करना कोई आसान काम नहीं है. पशुओं की भावनाएं जटिल होती हैं, और उनकी आवाजें या व्यवहार अलग-अलग परिस्थितियों में अलग-अलग मतलब रख सकते हैं. फिर भी, Baidu की यह कोशिश तकनीक और विज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ा कदम मानी जा रही है.
बता दें, अमेरिका की UC सैन डिएगो यूनिवर्सिटी में 2,000 कुत्तों पर एक स्टडी चल ही है, जो यह समझने की कोशिश कर रहा है कि क्या जानवरों की भाषा समझी जा सकती है.
विशेषज्ञों का मानना है कि AI की मदद से पशुओं की भावनाओं को समझना संभव है, लेकिन इसे इंसानी भाषा में अनुवाद करना एक थोड़ी मुश्किल प्रक्रिया होगी. पेट बिहेवियर एक्सपर्ट डॉ. ली मिंग ने कहा, "पशुओं की भावनाएं इंसानों से अलग होती हैं. हमें यह समझना होगा कि उनकी दुनिया हमारी दुनिया से कितनी अलग है. AI इस दूरी को कम करने में मदद कर सकता है, लेकिन पूरी तरह से उनकी भाषा को समझना अभी भी एक चुनौती है."
Baidu की यह तकनीक अगर सफल होती है, तो यह न सिर्फ पालतू जानवरों के मालिकों के लिए, बल्कि पशु चिकित्सकों, जूलॉजिस्ट्स और पशु कल्याण संगठनों के लिए भी गेम-चेंजर साबित हो सकती है.