एमपी की राजधानी भोपाल में पुलिसिंग को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है. यहां ऐसा सिस्टम लॉन्च किया गया है जिससे अब कोई भी नागरिक अपनी शिकायत, समस्या या सुझाव सीधे कमिश्नर तक पहुंचा सकेगा. इसके लिए विशेष QR Code सिस्टम तैयार किया गया है, जिसे शहर भर के थानों, सार्वजनिक स्थानों और सरकारी दफ्तरों में लगाया जा रहा है.
QR कोड के जरिए कर सकते हैं शिकायत
QR कोड स्कैन करते ही मोबाइल पर एक इंटरफेस खुलता है. इसमें नागरिक थाने से जुड़े व्यवहार, कार्रवाई में देरी, ट्रैफिक व्यवस्था की दिक्कतें, गली-मोहल्लों की समस्याएं जैसे सड़क, नाली, स्ट्रीटलाइट, पानी और इलाके में चल रही किसी भी अनैतिक गतिविधि की जानकारी दे सकते हैं. सबसे खास बात यह कि शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाएगी. इससे ऐसे लोग भी खुलकर सामने आ सकेंगे, जो अभी तक डर या झिझक के कारण गंभीर मामलों की जानकारी नहीं दे पाते थे.
फीडबैक देने का विकल्प भी मिलेगा
सिस्टम में शिकायत दर्ज होने के बाद नागरिक को फीडबैक देने का विकल्प भी मिलेगा. यानी व्यक्ति न केवल समस्या बताएगा, बल्कि यह भी समीक्षा कर सकेगा कि जिम्मेदार विभाग ने समय पर समाधान किया या नहीं. पुलिस कमिश्नर का मानना है कि यह फीडबैक मैकेनिज्म व्यवस्था की खामियों को दूर करने में बड़ी भूमिका निभाएगा.
हर शिकायत की स्थिति को लाइव ट्रैक किया जाएगा
कमिश्नर ने QR सिस्टम के लिए एक स्पेशल मॉनिटरिंग यूनिट गठित की है. यह यूनिट आने वाली हर शिकायत की रियल-टाइम निगरानी करेगी. संबंधित विभाग को तुरंत कार्रवाई के निर्देश भेजे जाएंगे. इसके लिए कमिश्नर कार्यालय में एक आधुनिक कंट्रोल रूम भी तैयार किया जा रहा है. यहां हर शिकायत की स्थिति को लाइव ट्रैक किया जाएगा. अधिकारियों को तय समय सीमा में रिपोर्ट देना अनिवार्य होगा.
थाने के चक्कर लगाने का झंझट खत्म
यह सिस्टम राजधानी में पुलिस-जनता दूरी को कम करेगा. अब लोगों को थाने के चक्कर लगाने, आवेदन लिखवाने या अधिकारियों से मिलने के लिए समय बर्बाद नहीं करना होगा. QR कोड स्कैन कर कुछ मिनटों में ही पूरी शिकायत दर्ज की जा सकेगी. अधिकारियों का दावा है कि इससे न केवल कामकाज पारदर्शी होगा, बल्कि फील्ड स्टाफ की जवाबदेही भी बढ़ेगी.
डिजिटल पुलिसिंग के इस मॉडल से शहर में तेज, प्रभावी और भरोसेमंद व्यवस्था विकसित होगी. कई राज्यों में इस तरह की तकनीक का प्रयोग हो चुका है, लेकिन भोपाल में इसे बड़े स्तर पर लागू करने की तैयारी की जा रही है.
-रवीश पाल सिंह, भोपाल