फोन के Bluetooth से लगाया जा सकता है यूजर की लोकेशन का पता : स्टडी

ब्लूटूथ स्मार्टफोन और कंप्यूटर पर कनेक्टिविटी के मुख्य विकल्पों में से एक है ये बात सभी को पता है. ऐसा जानकर ऑनलाइन धोखा देने वालों की तादाद भी बढ़ रही है. अब ब्लूटूथ की मदद से हैकर्स यूजर की लोकेशन का पता लगा सकते हैं.

Bluetooth
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 09 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 5:26 PM IST
  • ब्लूटूथ का उपयोग करके आपको ट्रैक करेगा हैकर
  • BLE Signal करता है इसमें मदद

ब्लूटूथ स्मार्टफोन और कंप्यूटर पर कनेक्टिविटी के मुख्य विकल्पों में से एक है ये बात सभी को पता है.  ऐसा जानकर ऑनलाइन धोखा देने वालों की तादाद भी बढ़ रही है और वो नए-नए तरीकों से ब्लूटूथ कनेक्शन और सिस्टम को टारगेट कर रहे हैं. हालांकि, इस तरह के हमले का दायरा सीमित है क्योंकि ब्लूटूथ पेयरिंग डिफ़ॉल्ट रूप से एन्क्रिप्टेड है. मगर क्या आपने कभी सोचा है कि क्या होगा यदि आपके फोन का ब्लूटूथ उपयोग में नहीं है लेकिन फिर भी खुला है?

यह हमेशा सलाह दी जाती है कि जब आपके फोन का ब्लूटूथ उपयोग में न हो तो उसे बंद कर दें. कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय सैन डिएगो के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया एक नया अध्ययन इस अभ्यास के महत्व को दोहराता है. अध्ययन में एक नए तरीके का उल्लेख किया गया है जिसमें ब्लूटूथ ट्रांसमिशन का उपयोग आपके फोन की लोकेशन को ट्रैक किया जा सकता है. 

खतरनाक साबित हो सकता है इसका इस्तेमाल
यह बात पहली बार में अविश्वसनीय लगती है कि कैसे ब्लूटूथ (Bluetooth)को किसी डिवाइस की लोकेशन से कैसे जोड़ा जा सकता है? वैज्ञानिक बताते हैं कि वास्तव में ऐसा करने का एक तरीका है और अगर गलत लोगों द्वारा इसका इस्तेमाल किया जाता है तो यह तरीका बहुत खतरनाक हो सकता है.

मूल उपकरण को ट्रैक करने के लिए ब्लूटूथ का उपयोग करने का एक तरीका खोजने के लिए वैज्ञानिकों ने ब्लूटूथ तकनीक के एक विशिष्ट पहलू पर ध्यान केंद्रित किया जिसे ब्लूटूथ लो एनर्जी या बीएलई कहा गया. बीएलई पारंपरिक ब्लूटूथ का एक कम ऊर्जा वाला प्रारूप है, जिसकी तुलना में कम बिजली की खपत होती है. हालांकि, यह बैंडविड्थ और रेंज से समझौता करके ऐसा करता है.

BLE Signal करता है इसमें मदद
बिजली की कम खपत के कारण कई बार बीएलई डिवाइस ब्लूटूथ के चालू रहने तक लगातार 99 प्रतिशत तक सिग्नल संचारित कर सकता है. इसलिए जब वैज्ञानिकों को पता चला कि सिग्नल का एक निरंतर स्रोत है जिस पर वे टैप कर सकते हैं, तो केवल एक चीज बची है जो डिवाइस को ID करने के लिए व्यक्तिगत रूप से इन संकेतों की पहचान करती है.

शोधकर्ताओं ने तब विभिन्न उपकरणों से सिग्नल वैरिएंस की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित किया. इस दौरान हर फोन के सिग्नल में यूनीक खामियां पाई गईं. इन भिन्नताओं को अलग करते हुए शोधकर्ता प्रत्येक फोन को पहचानने में सक्षम थे.

क्या कहता है अध्ययन?
अध्ययन का सार यह है कि आपके फोन के ब्लूटूथ का उपयोग आपको ट्रैक करने के लिए किया जा सकता है. बेशक, इस प्रकार की लोकेशन ट्रैकिंग की बहुत अधिक सीमाएं भी हैं. सबसे पहले सिस्टम को एक करीबी और स्थिर वातावरण में काम करना होगा, क्योंकि कई कारकों के परिणामस्वरूप रिकॉर्डिंग में गड़बड़ी हो सकती है. इसके अलावा इन बीएलई संकेतों में खामियां हमेशा यूनिक नहीं होती हैं, जिसका अर्थ है कि कुछ डिवाइस ऐसे हैं जो समान सिग्नल भिन्नता उत्पन्न कर सकते हैं और इसलिए इसे व्यक्तिगत रूप से पहचाना नहीं जा सकता है.

ब्लूटूथ पर सेफ्टी के लिए दिया गया इंक्रिप्शन काफी नहीं है. इसके लिए हैकर को डिकोड  करने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी. आपकी लोकेशन जानने के लिए वो बस बीई सिग्नल जुटाएगा और फोन से उसके बारे में जानकारी प्राप्त कर लेगा. 

 

Read more!

RECOMMENDED