चीन में पहली बार रोबोट को मिला पीएचडी में दाखिला, क्लास में साथियों संग करेगा रिहर्सल

चीन ने तकनीक और कला की दिशा में एक नया इतिहास रच दिया है. देश के पहले ह्यूमनॉइड रोबोट Xueba 01 को शंघाई थिएटर एकेडमी (STA) के ड्रामा और फिल्म के पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन मिल गया है. 

Xueba 01. Photo: Handout
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 01 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 3:58 PM IST
  • ओपेरा सीखेगा 'Xueba 01'
  • शंघाई थिएटर एकेडमी में ड्रामा और फिल्म में करेगा चार साल की डॉक्टरेट

चीन ने तकनीक और कला की दिशा में एक नया इतिहास रच दिया है. देश के पहले ह्यूमनॉइड रोबोट Xueba 01 को शंघाई थिएटर एकेडमी (STA) के ड्रामा और फिल्म के पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन मिल गया है. यह घोषणा 27 जुलाई को वर्ल्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कॉन्फ्रेंस में की गई. Xueba 01 को यूनिवर्सिटी ऑफ शंघाई फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी और DroidUp Robotics ने मिलकर बनाया है.

चेहरा बनावटी लेकिन हावभाव असली
चार साल के इस पीएचडी प्रोग्राम में Xueba 01 स्टेज परफॉर्मेंस, स्क्रिप्ट राइटिंग, सेट डिज़ाइन जैसे सब्जेक्ट्स के साथ-साथ मोटर कंट्रोल और भाषा निर्माण जैसे तकनीकी विषयों की भी पढ़ाई करेगा.

यह रोबोट 1.75 मीटर लंबा और करीब 30 किलोग्राम वजनी है. इसके चेहरे पर सिलिकॉन स्किन है, जिससे यह इंसानों जैसे फेशियल एक्सप्रेशन दिखा सकता है. चश्मा, शर्ट और पैंट पहने यह रोबोट, मैंडरिन भाषा में बात करता है. Xueba 01 को एक वर्चुअल स्टूडेंट आईडी भी जारी की गई है.

क्लास में साथियों संग रिहर्सल करेगा
प्रो. यांग ने बताया कि Xueba 01 अन्य पीएचडी छात्रों के साथ ओपेरा की रिहर्सल करेगा और आखिर में थीसिस भी सबमिट करेगा. उन्होंने कहा, “जब Xueba 01 ने ओपेरा कलाकार मेई लांफांग की आइकोनिक ‘ऑर्किड फिंगर्स’ की नकल की, तो बाकी के छात्र भी उसकी नकल करने लगे.”

अगर मैं फेल हो गया, तो म्यूज़ियम भेज देंगे
कुछ छात्रों ने सोशल मीडिया पर सवाल उठाए कि क्या एक रोबोट सच में ओपेरा जैसी भावनात्मक कला को समझ सकता है? एक छात्र ने लिखा, “ओपेरा के लिए तो अनुभव, आवाज और भावनाएं चाहिए होती हैं.” इस पर Xueba 01 ने मजाकिया अंदाज में जवाब दिया, "अगर मैं पीएचडी पूरी नहीं कर पाया, तो मेरी फाइलें डिलीट हो जाएंगी या मुझे म्यूजियम में भेज देंगे. वैसे कला का हिस्सा बनना बुरा भी नहीं है.

एक यूजर ने लिखा, “कुछ असली पीएचडी छात्र चीन में आज भी सिर्फ 3,000 युआन महीना पाते हैं. क्या रोबोट असली छात्रों के संसाधन खा रहे हैं?”

Read more!

RECOMMENDED