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From 1st Mobile Call to 6G: भारत में मोबाइल क्रांति के 30 साल! पहली कॉल से लेकर 6जी तक, जानें कैसे बदली हमारी जिंदगी

शुरुआत में, मोबाइल फोन केवल कॉल और मैसेज के लिए उपयोग होता था और एक स्टेटस सिंबल माना जाता था.

From 1st Mobile Call to 6G From 1st Mobile Call to 6G

भारत में मोबाइल क्रांति की शुरुआत 31 जुलाई 1995 को हुई, जब पहली बार मोबाइल कॉल की गई. यह ऐतिहासिक कॉल पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बसु ने कोलकाता स्थित राइटर्स बिल्डिंग से दिल्ली में बैठे केंद्रीय दूरसंचार मंत्री सुखराम को की थी. यह कॉल मोदी टेलीकॉम नेटवर्क और नोकिया हैंडसेट के माध्यम से संभव हुई थी. उस समय मोबाइल फोन रखना एक लग्ज़री माना जाता था. कॉल दरें भी बेहद महंगी थीं- 16 रुपये प्रति मिनट आउटगोइंग और 8 रुपये प्रति मिनट इनकमिंग।

मोबाइल का सफर: कीपैड से स्मार्टफोन तक
शुरुआत में, मोबाइल फोन केवल कॉल और मैसेज के लिए उपयोग होता था और एक स्टेटस सिंबल माना जाता था. लेकिन आज यह हर वर्ग, हर आयु और हर क्षेत्र के व्यक्ति की जरूरत बन चुका है. मोबाइल तकनीक ने कीपैड फोन से लेकर आधुनिक स्मार्टफोन तक का लंबा सफर तय किया है, जिसमें कैमरा, इंटरनेट, ऐप्स और AI जैसी सुविधाएं शामिल हो चुकी हैं.

तेजी से बढ़ता मोबाइल उपयोग
जून 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में मोबाइल ग्राहकों की संख्या 120 करोड़ से अधिक हो गई है. इनमें से 5G डिवाइस की संख्या 27 करोड़ को पार कर चुकी है. भारत अब दुनिया के सबसे बड़े मोबाइल उपभोक्ता देशों में शामिल है, जहां हर वर्ग के लोग मोबाइल का उपयोग कर रहे हैं.

ग्रामीण भारत में नेटवर्क विस्तार
ग्रामीण क्षेत्रों में भी मोबाइल नेटवर्क की पहुंच में भारी प्रगति हुई है. आज 97% ग्रामीण भारत मोबाइल कवरेज के दायरे में आ चुका है. भारत दुनिया में प्रति यूज़र सबसे अधिक डेटा उपयोग करने वाला देश बन गया है. 2G से शुरू हुई सेवा अब 5G तक पहुंच चुकी है, और निकट भविष्य में 6G भी लॉन्च होने की संभावना है.

भारत की मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में उपलब्धि
मोबाइल निर्माण के क्षेत्र में भारत ने जबरदस्त उन्नति की है. अब यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग देश बन गया है. पहले भारत पूरी तरह से इंपोर्टेड मोबाइल पर निर्भर था, लेकिन अब "मेक इन इंडिया" के तहत बने फोन न केवल देश में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में भी पहचान बना रहे हैं. हाल ही में, दिल्ली में आयोजित एक मोबाइल कॉन्फ्रेंस में पिछले 30 वर्षों के मोबाइल हैंडसेट्स की प्रदर्शनी लगाई गई थी.

डिजिटल क्रांति में मोबाइल की भूमिका
आज मोबाइल केवल संवाद का माध्यम नहीं रह गया है. यह अब बैंक, शॉपिंग मॉल, सिनेमा हॉल, ऑनलाइन क्लासरूम और डिजिटल पहचान सभी कुछ बन चुका है. यह हमारी डिजिटल लाइफलाइन बन गया है. मोबाइल फोन ने हमारी दुनिया को एक छोटे डिवाइस में समेट दिया है और देश में डिजिटल समावेशन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है.

30 साल की गौरवगाथा
पिछले 30 सालों में भारत की मोबाइल यात्रा एक तकनीकी क्रांति बन चुकी है. यह न केवल संचार का तरीका बदलने में सफल रही, बल्कि इसने आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक बदलावों को भी जन्म दिया. भारत में मोबाइल क्रांति एक प्रेरणा है कि कैसे एक तकनीक, अगर सही दिशा में विकसित हो, तो एक पूरे राष्ट्र को डिजिटल युग में अग्रसर कर सकती है.