क्या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आपके माइक का एक्सेस कर, आपको दिखा रहे हैं विज्ञापन.. इंस्टाग्राम के चीफ ने दी सफाई

कई बार आप किसी प्रोडक्ट के बारे में बात करते हैं और सोशल मीडिया प्लेटफॉ़र्म उसके विज्ञापन दिखाने लग जाते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि कही ये हमारे माइक का एक्सेस तो नहीं लेकर रखते?

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 04 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 12:58 PM IST

कितनी बार आपने Instagram या Facebook पर किसी चीज़ के बारे में बात की और फिर उसी प्रोडक्ट या सर्विस के एड्स आपके फीड में आ गए? लंबे समय से लोगों का मानना रहा है कि ये ऐप्स आपके फोन के माइक्रोफोन से आपकी बातचीत सुनते हैं और उसी के आधार पर विज्ञापन दिखाते हैं. यह सोचना ही एक प्रकार का प्राइवेसी नाइटमेयर है.

लेकिन क्या वास्तव में ऐसा होता है? हाल ही में Instagram के चीफ Adam Mosseri ने इस पर खुलासा किया और यूज़र्स को भरोसा दिलाया कि ऐप आपके फोन के माइक्रोफोन के माध्यम से आपकी बातें नहीं सुनता.

Instagram और प्राइवेसी पर संदेह
Instagram का नाम Meta (पहले Facebook) से जुड़ा है, और इसके कारण यूज़र्स में प्राइवेसी को लेकर हमेशा चिंता रही है. Meta के इतिहास में यूज़र डेटा ट्रैकिंग और लीक होने के कई मामले रहे हैं, इसलिए Instagram के संबंध में भी शंकाएं स्वाभाविक हैं.

Adam Mosseri ने एक वीडियो में साफ किया कि हम आपकी बातें नहीं सुनते. हम फोन के माइक्रोफोन का इस्तेमाल आपकी चैट या बातचीत को सुनने के लिए नहीं करते. 

अगर ऐप सच में सुन रहा होता तो…
Mosseri ने कहा कि अगर Instagram सच में आपकी चैट रिकॉर्ड कर रहा होता, तो यूज़र्स इसे आसानी से नोटिस कर सकते थे. उन्होंने बताया कि अगर ऐसा होता तो यह प्राइवेसी का बड़ा उल्लंघन होता, आपके फोन की बैटरी तेजी से खत्म होती, और आपको माइक्रोफोन इंडिकेटर लाइट भी जलती हुई दिखती.

यह सच है, क्योंकि आज के Android और iOS वर्ज़न यूज़र्स को स्पष्ट संकेत देते हैं जब कोई ऐप माइक्रोफोन, लोकेशन या कैमरा को बैकग्राउंड में एक्सेस करता है. Google और Apple ने यह नियम लागू किया है ताकि यूज़र्स की प्राइवेसी सुरक्षित रहे.

विज्ञापन कैसे दिखते हैं?
तो फिर, हम अक्सर जो चीज़ें Instagram पर देखते हैं, उनका आधार क्या है? इसका कारण सिर्फ़ डेटा ट्रैकिंग और यूज़र एक्टिविटी है. जैसे कि आप किसी वेबसाइट पर कुछ सर्च करते हैं, किसी प्रोडक्ट के बारे में पढ़ते हैं, या किसी ऐप पर इंटरैक्ट करते हैं. Instagram और Facebook इसी जानकारी का उपयोग आपके फ़ीड में रिलेटेड एड्स दिखाने के लिए करते हैं. यानी, ऐप्स आपकी बातें नहीं सुनते, बल्कि आपके ब्राउज़िंग पैटर्न, सर्च हिस्ट्री और ऐप इंटरैक्शन को ट्रैक करके एड्स दिखाते हैं.

 

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