मेटा के सीईओ मार्क ज़करबर्ग अपने एआई लार्ज लैंग्वेज मॉडल लामा (Llama) की निराशाजनक रिलीज़ के बाद ज़ोरदार वापसी की कोशिश में जुट गए हैं. उन्होंने हाल ही में एक नई 'सुपरइंटेलिजेंस लैब्स' टीम का गठन किया है. अब उन्होंने इस टीम के लिए एक प्रमुख भी चुन लिया है. ज़करबर्ग ने ऐलान किया है कि चैटजीपीटी के को-क्रिएटर शेंजिया झाओ इस टीम के चीफ साइंटिस्ट होंगे.
नए किरदार में झाओ इस एआई लैब का एजेंडा सेट करेंगे, इसकी साइंटिफिक दिशा निर्धारित करेंगे और मेटा चीफ एआई ऑफिसर एलेक्जेंडर वांग को रिपोर्ट करेंगे. ज़ाहिर है कि झाओ को चैटजीपीटी में उनके मूल्यवान अनुभव को ध्यान में रखते हुए यह भूमिका सौंपी गई है. आइए जानते हैं झाओ कौन हैं और उन्होंने ओपनएआई के उदय में क्या भूमिका निभाई है.
शेंगजिया झाओ कौन हैं?
झाओ उन कर्मचारियों में शामिल थे जिन्होंने हाल के महीनों में ओपनएआई छोड़कर मेटा का रुख किया है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, वह चैटजीपीटी के एक मूल रिसर्च पेपर के सह-लेखक भी हैं और ओपनएआई के पहले रीज़निंग मॉडल ओ1 (o1) के एक प्रमुख रिसर्चर थे. ओपनएआई के ओ1 मॉडल ने रीज़निंग मॉडल की कैटेगरी को लोकप्रिय बनाया.
इसके बाद ही गूगल, डीपसीक, एक्स एआई (xAI), और अन्य कंपनियों के बीच रीज़निंग एआई मॉडल बनाने का चलन शुरू हुआ. ज़करबर्ग के एक पूर्व ज्ञापन के अनुसार, मेटा में आने से पहले झाओ ओपनएआई में सिंथेटिक डेटा संभालते थे. उन्होंने सिंघुआ यूनिवर्सिटी से बैचलर्स डिग्री और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी भी की है.
थ्रेड्स पर एक पोस्ट में नियुक्ति की घोषणा करते हुए, ज़करबर्ग ने लिखा, "शेंगजिया ने नई लैब की सह-स्थापना की और पहले दिन से ही हमारे प्रमुख वैज्ञानिक रहे हैं. अब जबकि हमारी भर्ती प्रक्रिया अच्छी चल रही है और हमारी टीम एकजुट हो रही है, हमने उनकी नेतृत्वकारी भूमिका को औपचारिक रूप देने का फैसला किया है."
उन्होंने कहा, "शेंगजिया पहले ही कई सफलताओं में आगे रहे हैं, जिनमें एक नया स्केलिंग प्रतिमान भी शामिल है. उन्होंने इस क्षेत्र में एक अग्रणी के रूप में अपनी पहचान बनाई है. मैं उनके वैज्ञानिक दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए उनके साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं."
लामा को सुधारने के लिए बनी है ड्रीम टीम
अप्रैल में मेटा के नवीनतम लामा मॉडल रिलीज़ के निराशाजनक स्वागत के बाद से ज़करबर्ग कंपनी को एआई दौड़ में आगे ले जाने के लिए काम कर रहे हैं. ज़करबर्ग ने इस कोशिश में स्केल एआई नाम के स्टार्टअप को 14 अरब डॉलर में खरीदा. इसके बाद उन्होंने ओपनएआई, गूगल और यहां तक कि ऐप्पल जैसी बड़ी एआई कंपनियों से कई प्रतिभाओं को मेटा सुपरइंटेलिजेंस लैब्स में शामिल करने के लिए कई तरह के पैंतरे आज़माए.
इस बीच, ज़करबर्ग ने उसी पोस्ट में यह भी पुष्टि की कि एआई रिसर्च यान लेकुन मेटा में बने रहेंगे. वह फेयर (FAIR) नाम के एक इंटरनल एआई रिसर्च ग्रुप में मुख्य वैज्ञानिक के रूप में काम करेंगे. लेकन ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में मेटा में अपनी स्थिति पर स्पष्टीकरण भी जारी किया, जिसमें लिखा था, "फेयर के मुख्य वैज्ञानिक के रूप में मेरी भूमिका हमेशा एआई रिसर्च और अगले एआई प्रतिमानों के निर्माण पर केंद्रित रही है. मेरी भूमिका और FAIR का मिशन अपरिवर्तित रहेगा."