ऑनलाइन शॉपिंग ने रोज़मर्रा की ज़िंदगी को बेहद आसान बना दिया है. अब कपड़े हों, मोबाइल, ग्रॉसरी या दवाइयां सब कुछ घर बैठे मंगाया जा सकता है. डिस्काउंट, कैशबैक और फेस्टिव सेल के लालच में लोग कई बार बिना सोचे-समझे खरीदारी कर लेते हैं. लेकिन यहीं से साइबर फ्रॉड का खतरा शुरू होता है. जालसाज़ इसी जल्दबाज़ी का फायदा उठाकर फर्जी वेबसाइट, नकली ऑफर और धोखाधड़ी वाले लिंक के जरिए लोगों को ठग लेते हैं. एक छोटी-सी चूक आपके बैंक अकाउंट को खाली कर सकती है. हालांकि, अगर कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखा जाए तो ऑनलाइन शॉपिंग पूरी तरह सुरक्षित रह सकती है.
असली प्लेटफॉर्म की कैसे करें पहचान
ऑनलाइन खरीदारी से पहले यह जरूर जांच लें कि जिस वेबसाइट या ऐप का आप इस्तेमाल कर रहे हैं, वह असली है या नकली. आजकल कई फर्जी वेबसाइट बिल्कुल असली प्लेटफॉर्म जैसी दिखती हैं, बस URL में हल्का-सा फर्क होता है जिसे लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं.
हमेशा https वाले सुरक्षित कनेक्शन पर ही खरीदारी करें और ऐप केवल Google Play Store या Apple App Store से ही डाउनलोड करें. सोशल मीडिया पर दिखने वाले अनजान लिंक से शॉपिंग करने से बचें. अगर कोई वेबसाइट बेहद सस्ता ऑफर दिखा रही है, तो सावधान हो जाएं. असली प्लेटफॉर्म पर कंपनी की पूरी जानकारी, कस्टमर केयर नंबर और यूजर रिव्यू आसानी से मिल जाते हैं. खरीदारी से पहले किया गया यह छोटा-सा चेक आपको बड़े नुकसान से बचा सकता है.
पेमेंट के समय बरतें सबसे ज्यादा सावधानी
ऑनलाइन फ्रॉड के ज्यादातर मामले पेमेंट के दौरान ही होते हैं. कभी भी किसी के साथ अपना कार्ड नंबर, CVV, एक्सपायरी डेट या OTP शेयर न करें. याद रखें, कोई भी बैंक या कंपनी फोन, मैसेज या ई-मेल पर OTP नहीं मांगती. अगर किसी कॉल या मैसेज में पेमेंट फेल होने या रिफंड के नाम पर लिंक भेजा जाए, तो उस पर क्लिक न करें. बेहतर होगा कि पेमेंट के लिए UPI या वर्चुअल कार्ड का इस्तेमाल करें. पब्लिक Wi-Fi पर ऑनलाइन शॉपिंग या पेमेंट करने से बचें और हर ट्रांजैक्शन के लिए अलर्ट जरूर ऑन रखें, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत मिल सके.
रिव्यू और रिटर्न पॉलिसी को नजरअंदाज न करें
कई लोग बिना रिव्यू पढ़े ही ऑर्डर कर देते हैं और बाद में पछताते हैं. किसी भी प्रोडक्ट को खरीदने से पहले उसके यूजर रिव्यू और रेटिंग जरूर देखें. अगर रिव्यू बहुत कम हों या सभी एक जैसे लगें, तो सतर्क हो जाना चाहिए. इसके साथ ही रिटर्न और रिफंड पॉलिसी को ध्यान से पढ़ें. कई फर्जी सेलर जानबूझकर ऐसी शर्तें रखते हैं जिनमें ग्राहक फंस जाता है.
बहुत लिमिटेड टाइम वाली डील दिखाकर जल्दबाज़ी कराई जाती है ताकि आप सोचने का मौका न पाएं. याद रखें, समझदारी से लिया गया फैसला न सिर्फ आपको फ्रॉड से बचाता है, बल्कि पैसे की बर्बादी से भी बचाता है.