2019 में हुए पुलवामा आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया था. अब इस हमले को लेकर एक हैरान करने वाली जानकारी सामने आई है. दुनिया भर में आतंकी गतिविधियों पर नजर रखने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में दावा किया है कि हमले में इस्तेमाल हुआ विस्फोटक पदार्थ ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजन से खरीदा गया था.
हमले में इस्तेमाल हुए बम में जो एल्यूमीनियम पाउडर डाला गया था जिसकी वजह से हमला और घातक हुआ वह अमेजन से ऑनलाइन खरीदा गया था. आपको बता दें, एल्यूमीनियम जलने पर लगभग 3000°C या उससे ज्यादा तापमान पैदा कर सकता है, जो विस्फोटक को और ज्यादा घातक बनाता है.
इस रिपोर्ट के बाद सबसे बड़ा सवाल ये क्या कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन कुछ भी खरीद सकता है? क्या भारत में ऑनलाइन चीजें बेचने और खरीदने के लिए कोई नियम नहीं हैं?
ऑनलाइन शॉपिंग कैसे काम करती है?
ई-कॉमर्स यानी ऑनलाइन बिक्री आज भारत में लाखों लोगों के जीवन का हिस्सा बन चुका है. चाहे मोबाइल खरीदना हो, कपड़े हों या घरेलू सामान सबकुछ एक क्लिक पर उपलब्ध है. लोग आसानी से अमेजन, फ्लिपकार्ट, मीशो, अजियो जैसे प्लेटफॉर्म्स पर ऑर्डर करते हैं और कुछ ही दिनों में सामान घर पहुंच जाता है लेकिन इस पूरी प्रक्रिया के पीछे एक मजबूत और जटिल कानूनी ढांचा काम करता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि कस्टमर को सही जानकारी मिले, प्रोडक्ट असली हो, पेमेंट सेफ हो और अवैध चीजों की बिक्री न हो.
भारत में ऑनलाइन बिक्री के लिए ये कानून और नीतियां लागू होती हैं.
FDI नीति (DPIIT): यह नीति तय करती है कि विदेशी कंपनियां भारत में कैसे निवेश कर सकती हैं और किस प्रकार का बिजनेस मॉडल अपनाया जा सकता है.
कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट (Consumer Protection Act 2020): यह कानून कस्टमर को ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान ठगी, फर्जीवाड़े या गलत जानकारी से सुरक्षा देता है.
IT Rules (Information Technology Rules): ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को कंटेंट मॉडरेशन और यूजर डेटा को लेकर गाइडलाइंस देती हैं.
लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट (Legal Metrology Act): यह सुनिश्चित करता है कि जो सामान ऑनलाइन बेचा जा रहा है, उसकी मात्रा, माप, और कीमत पारदर्शी तरीके से बताई गई हो.
कौन-कौन से प्रोडक्ट ऑनलाइन बेचना गैरकानूनी है?
हर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की एक लिस्ट होती है जिसमें ऐसे सामान शामिल होते हैं जिन्हें बेचना या खरीदना प्रतिबंधित (Prohibited) या सीमित (Restricted) है. इनकी बिक्री भारत में बिना सरकारी मंजूरी के गैरकानूनी मानी जाती है.
सैन्य उपकरण
हथियार
वायरलेस डिवाइसेज जैसे स्पाई कैमरा, रेडियो जैमर
विस्फोटक रसायन या सब्सटेंस
दवाएं जो बिना डॉक्टर की पर्ची के नहीं बेची जा सकतीं
क्या कोई भी ऑनलाइन कुछ भी खरीद सकता है?
नहीं. ई-कॉमर्स कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म पर ऐसे प्रोडक्ट को लिस्ट नहीं कर सकतीं जो प्रतिबंधित हों. लेकिन कई बार विक्रेता गलत जानकारी देकर या प्रोडक्ट को अलग नाम से छिपाकर लिस्ट कर देते हैं, जिससे वह सिस्टम की नजर में नहीं आ पाता. साथ ही, अगर कोई प्रोडक्ट आम तौर पर घरेलू इस्तेमाल के लिए वैध है, लेकिन उसका इस्तेमाल आतंकी या अवैध गतिविधियों के लिए किया जाता है, तो इसका पता लगाना मुश्किल हो जाता है.
कौन करता है निगरानी
भारत में ई-कॉमर्स कंपनियों पर निगरानी डीपीआईआईटी (Department for Promotion of Industry and Internal Trade), उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय और साइबर क्राइम सेल और एनआईए (National Investigation Agency) और कंपनियों के पास अपनी जांच प्रणाली भी होती है जो संदिग्ध प्रोडक्ट्स या विक्रेताओं की पहचान करने की कोशिश करती है.
आप कैसे ऑनलाइन बेच सकते हैं अपना सामान
कोई भी व्यक्ति ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर विक्रेता बनने के लिए एक वैध GST नंबर, पैन कार्ड, बैंक खाता और आधार कार्ड के जरिए रजिस्ट्रेशन करता है. हालांकि बहुत से छोटे प्रोडक्ट्स बिना जीएसटी के भी बेचे जाते हैं. कंपनियां डॉक्यूमेंट के आधार पर ही सेलर को ऑनबोर्ड करती हैं, जिससे कुछ फर्जी विक्रेता बच निकलते हैं.
क्या सरकार सख्त नियम ला रही है?
सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में ई-कॉमर्स नियमों को कड़ा किया है. 2020 में आए कंज्यूमर प्रोटेक्शन (ई-कॉमर्स) रूल्स के तहत कंपनियों को हर ऑर्डर की जानकारी सुरक्षित रखने, ग्राहक की शिकायतों का जवाब समय पर देने और नकली सामान की बिक्री पर रोक लगाने जैसे प्रावधान लागू किए गए हैं.
कब हुआ था पुलवामा हमला
14 फरवरी 2019 को श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर CRPF के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ. जैसे ही काफिला पुलवामा के पास पहुंचा, एक आत्मघाती हमलावर ने 200 किलो विस्फोटक से भरी मारुति ईको कार से सुरक्षाबलों की बस में टक्कर मार दी. धमाका इतना जबरदस्त था कि दो बसों के परखच्चे उड़ गए और 40 जवान मौके पर ही शहीद हो गए. भारत सरकार की जांच में यह सामने आया कि इस हमले की साजिश पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने रची थी.