Mark Zuckerberg कर रहे Superintelligence Labs के लिए Super Hiring, दिया Thinking Machine Lab के Co-Founder को 1.5 अरब का ऑफर... Andrew Tulloch ने ऑफर को किया मना

मेटी की सुपर इंटेलिजेंस लैब्स के लिए मार्क जुकरबर्ग बेजोड़ हाइरिंग कर रहे हैं. इसी कड़ी में उन्होंने थिंकिंग लैब के को-फाउंडर एंड्रयू टुलोच को 1.5 अरब डॉलर का ऑफर दिया जिसे उन्होंने ठुकरा दिया.

Andrew Tulloch (left) and Mark Zuckerberg (right)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 04 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 11:30 AM IST

मेटा का सुपरइंटेलिजेंस लैब्स काफी सुर्खियों में है. इसके लिए जुकरबर्ग काफी संख्या में लोगों का हायर कर रहे हैं. वह चुन-चुनकर ऐसे लोगों पर निशाना लगा रहे हैं, जो एआई के मामले में काफी माहिर हैं. साथ ही उन्हें ऐसे पैकेज ऑफर किए जा रहे हैं कि शायद ही वो मना कर पाएं. काफी हद तक जुकरबर्ग अपने इस हाई पैकेज देने के खेल में सफल भी हो रहे हैं. लेकिन हर जगह सफलता नहीं मिलती यह भी एक सच है. इसी कड़ी में मार्क जुकरबर्ग एक स्टार्ट और उसके माहिर लोगों को खरीदने में असफल साबित हुए.

सिर्फ कर्मचारी ही नहीं, कंपनी खरीदने का इरादा
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने हाल ही में ओपनएआई की पूर्व सीटीओ (चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर), मीरा मुराती के स्टार्ट अप थिंकिंग लैब को खरीदने की कोशिश की. लेकिन मीरा ने स्टार्ट अप को बेचने से इंकार कर दिया. जिसके बाद जुकरबर्ग ने शातिर चाल चलते हुए थिंकिंग लैब के कई कर्मचारियों को खरीदने की कोशिश की.

कितनी सफल हुई जुकरबर्ग की चाल
मार्क जुकरबर्ग इस स्टार्ट अप के कर्मचारियों को अपनी सुपरइंटेलिजेंस लैब्स के लिए हायर करना चाहा था. कर्मचारियों को हायर करने के दौरान जुकरबर्ग की रडार पर मुराती के को-फाउंडर एंड्रयू टुलोच भी थे. एंड्रयू को पहले एक अरब डॉलर का पैकेज ऑफर किया गया था. जिसे बाद में रिवाइस करके 1.5 अरब डॉलर किया गया, साथ ही कई पर्क, स्टॉक आदि देने की भी बात की गई. लेकिन एंड्रयू ने जुकरबर्ग के ऑफर को सिरे से नकार दिया.

कौन है वैसे एंड्रयू टुलोच?
एंड्रयू थिंकिंग लैब के को-फाउंडर है. वह मूल रूप से ऑस्ट्रेलिया से रहने वाले हैं. टुलोच युनिवर्सिटी ऑफ सिडनी से पासऑउट हैं. वह विज्ञान से छात्र होते हुए ज्यादा मार्क्स पाने वालों में शामिल हैं. हैरत की बात है जो एंड्रयू आज मेटा के लिए काम करने से मना कर रहा है, वो खुद पासआउट होने के बाद फेसबुक के लिए 18 महीने शानदार काम कर चुका है.

एंड्रयू का फेसबुक और ओपनएआई का सफर
पासआउट होने के बाद एंड्रयू ने फेसबुक के लिए 18 महीने काम किया. जिसके बाद वह फेसबुक के एआई रिसर्च ग्रुप का हिस्सा बने और खुद को एक शानदार इंजीनियर साबित किया. जिसके बाद ओपनएआई के प्रेसिडेंट ग्रेग ब्रोकमैन ने 2016 में उन्हें हायर करना चाहा. उस समय ओपनएआई शुरुआती चरण में अपनी पहली हायरिंग कर रहा था.

उस समय फेसबुक से एंड्रयू को 8 लाख डॉलर मिल रहे थे. जबकि ओपनएआई केवल 1.75 लाख डॉलर का पैकेज और 1.25 लाख डॉलर का सालाना बोनस दे रहा था. इसलिए एंड्रयू ने अपने पैर पीछे खींच लिए. लेकिन जैसे ही 2023 में ओपनएआई वायरल हुआ उन्होंने ओपनएआई का रुख कर लिया.

 

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