Social Media Ban: कानून को लिया हल्के में तो, नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया पर लगाया बैन.. जानें कौन-कौनसे प्लेटफॉर्म शामिल

नेपाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, ट्विटर (X), लिंक्डइन और व्हाट्सएप समेत 26 बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगा दिया है. सरकार का कहना है कि कंपनियों ने तय समय सीमा में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 06 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:23 AM IST

नेपाल सरकार ने देशभर में इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (ISP) को आदेश दिया है कि वे सभी बड़े सोशल मीडिया और कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म्स की सेवाओं को बंद करें. इस बैन में Facebook, YouTube, Instagram, X (Twitter), LinkedIn, WhatsApp, Reddit और Snapchat समेत 26 बड़े प्लेटफॉर्म शामिल हैं.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद फैसला
यह कदम नेपाल के सुप्रीम कोर्ट के एक निर्देश के बाद उठाया गया. अदालत ने एक अवमानना मामले (केस नंबर 080-8-0012) में सरकार को आदेश दिया था कि देश में काम करने वाले सभी घरेलू और विदेशी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना होगा. साथ ही, कंटेंट की मॉनिटरिंग और अनचाहे कंटेंट पर रोक भी सुनिश्चित करनी होगी.

7 दिन की डेडलाइन, फिर बैन
सरकार ने ‘सोशल मीडिया उपयोग विनियमन निर्देश, 2080’ के तहत सोशल मीडिया कंपनियों को 7 दिन की डेडलाइन दी थी. इस दौरान उन्हें संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में रजिस्ट्रेशन कराना था, लेकिन कंपनियों ने इस आदेश का पालन नहीं किया. इसके बाद नेपाल दूरसंचार प्राधिकरण को प्लेटफॉर्म्स को बंद करने का निर्देश दिया गया.

कौन से प्लेटफॉर्म बंद और कौन चालू?
बंद किए गए प्लेटफॉर्म्स 

  • Facebook
  • Instagram
  • Messenger
  • YouTube
  • X (Twitter)
  • Reddit
  • LinkedIn
  • WhatsApp
  • Discord
  • Pinterest
  • Signal
  • Threads
  • WeChat
  • Quora
  • Tumblr
  • Clubhouse
  • Rumble
  • Line
  • Imo
  • Jalo
  • Sol
  • Hamro Patro
  • Mi Video
  • Mi Vike3

अब भी चालू प्लेटफॉर्म्स 

  • TikTok
  • Viber
  • Wetalk
  • Nimbuzz (registered)
  • Telegram
  • Global Diary (in process)

कंपनियों से बार-बार अनुरोध, पर नजरअंदाज
नेपाल के संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरंग ने कहा कि सरकार ने बार-बार सोशल मीडिया कंपनियों से रजिस्ट्रेशन करने का अनुरोध किया, लेकिन इसे नज़रअंदाज़ कर दिया गया. मंत्री ने स्पष्ट किया कि जैसे ही प्लेटफॉर्म्स रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करेंगे, उनकी सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी.

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सवाल
हालांकि इस फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है. राइट्स ग्रुप्स का कहना है कि यह आदेश अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस फ्रीडम पर हमला है. Committee to Protect Journalists और Access Now ने इसे सेंसरशिप बताया और पारदर्शिता के साथ तुरंत सेवाएं बहाल करने की मांग की.

संसद में नया सोशल मीडिया बिल भी प्रस्तावित
इसी बीच नेपाल की संसद में एक नया सोशल मीडिया बिल भी चर्चा में है, जिसके तहत “राष्ट्रीय हित” के खिलाफ पाए जाने वाले कंटेंट पर जुर्माना और जेल की सजा तक हो सकती है. नागरिक समाज संगठनों ने इस प्रस्ताव का भी विरोध किया है.

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