राजस्थान सरकार की वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना के तहत राजस्थान वाहिनी भारत गौरव पर्यटक ट्रेन की शुरुआत हो गई है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शुक्रवार को जयपुर के दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन से इस वातानुकूलित ट्रेन को रामेश्वरम और मदुरै की ओर रवाना किया. यात्रा का शुभारंभ एकादशी तिथि पर श्रीकृष्ण रास के साथ किया गया, जिससे कार्यक्रम का वातावरण धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों रूपों में दिव्य हो गया.
पहली बार एसी ट्रेन में तीर्थ यात्रा
यह पहली बार है जब राज्य सरकार द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को पूरी तरह एसी कोच में तीर्थ यात्रा करवाई जा रही है. इस 8 दिवसीय यात्रा में रामनाथस्वामी ज्योतिर्लिंग, धनुषकोटि, ब्रह्मकुंड और मीनाक्षी मंदिर (मदुरै) जैसे पवित्र स्थलों के दर्शन कराए जाएंगे. इस ट्रेन में एक साथ 800 यात्री यात्रा कर सकते हैं. दुर्गापुरा से 600 यात्री और सवाईमाधोपुर से 179 यात्री सवार हुए. कुल 779 वरिष्ठ नागरिक इस पवित्र यात्रा में शामिल हैं.
हर कोच में झलक रही है राजस्थान की संस्कृति
ट्रेन में कुल 14 कोच हैं, जिनमें प्रत्येक कोच में राजस्थान की पारंपरिक कला, स्थापत्य, त्योहार, दुर्ग, नृत्य, लोकवाद्य और वन्यजीवों की झलक एक थीम के रूप में दी गई है. एक कोच को राजस्थान के सैन्य योगदान को समर्पित किया गया है, जिसमें जैसलमेर वॉर म्यूजियम, तनोट बॉर्डर, और महाजन फायरिंग रेंज का चित्रण है. पूरी ट्रेन को केसरिया रंग से सजाया गया है, जो स्वर्णिम आभा का प्रतीक है. यात्रा के दौरान यात्रियों को राजस्थानी पारंपरिक भोजन जैसे कैर-सांगरी, बाजरे की रोटी, राबड़ी, लस्सी और कुल्फी परोसी जाएगी.
सुरक्षा और सुविधा का भी पूरा ध्यान
यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए प्रत्येक कोच में सरकारी अनुदेशक, डॉक्टर, और नर्सिंग स्टाफ को तैनात किया गया है. यात्रियों को माला और पटवस्त्र पहनाकर विदा किया गया, और पहली बार मोबाइल ऐप के माध्यम से उन्हें स्टेशन पहुंचने की सूचना दी गई.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की बजट घोषणा 2025-26 के अनुसार, 50 हजार वरिष्ठ नागरिकों को एसी ट्रेन से तीर्थ यात्रा करवाई जाएगी. इसके अलावा, 6 हजार वरिष्ठजनों को पशुपतिनाथ मंदिर (नेपाल) की हवाई यात्रा पर भेजा जाएगा. इस योजना के लिए आवेदन जून के तीसरे सप्ताह से प्रारंभ होने की संभावना है.