13 सालों से रात में बंद नहीं हुई लाइट.. फ्री में घर करने देती हैं कॉल.. देर रात लड़कियों को छोड़ने जाती हैं घर.. जानें आखिर कौन है ये महिला

सुन मेइहुआ मदद की एक ऐसी मिसाल बनी हैं जो समाज के हर किसी के लिए अपना मदद का हाथ बढ़ा देती है. वह अपने स्टोर से लोगों को फ्री में फोन करते देती है. रात में सुरक्षा के लिए लाइट खुली छोड़ती है.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 04 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 9:30 AM IST

मध्य चीन के हुनान प्रांत में एक छोटे से शहर चाइंग्शा में 2012 में एक ऐसी दुकान खुली जो दिन में तो बिजनेस के दौरान लाइट खुली रखती ही है, लेकिन पिछले 13 सालों से वह रात के समय भी दुकान की लाइट खुली रखती है. सवाल उठता है कि आखिर कौन चाहेगा कि उसका बिजली बिल बेवजह बढ़कर आए? तो इसके पीछे भी एक खास जवाब है.

दरअसल रात में यह लाइटे राहगीरों के लिए जली रहती हैं. ताकी वह रात में सुरक्षित महसूस कर सकें. खास तौर पर महिलाएं जो देर रात काम से लौटती है. पर कहीं न कहीं अंधेरे रास्तों से डरती है. जाहिर सी बात है कि औरत क्या आदमी भी डरेगा कि कहीं कोई चोर घाट लगाए न बैठा हो. बस इसी वजह से ये लाइट रात में जली रहती हैं.

कौन है इतना महरबान दुकानदार?
दरअसल इस दुकान को 2012 में सुन मेइहुआ ने खोला था. उनके दुकान खोलने के पहले ही महीने में कुछ युवा महिलाओं ने उन्हें बताया कि रात में इस खुली लाइट से वह सुरक्षित महसूस करती हैं. बस उसके बाद से सुन पिछले 13 सालों से इन लाइट को रात में खुला छोड़ देती हैं. कई लोगों ने तो उनका निकनेम 'स्ट्रीट लाइट आंटी' रख दिया है.

मदद का दूसरा नाम है 'सुन' 
सुन केवल रात में दुकान की लाइट खुली नहीं छोड़तीं, बल्कि उन्होंने तो दुकान के बिजनस टाइमिंग भी रात के 2 बजे तक पहुंचा दिए हैं. उन्होंने ऐसा उन लोगों के लिए किया है, जिन्हें रात में किसी प्रकार की मदद पड़ सकती है. उनके लिए सुन की दुकान के दरवाज़े खुले रहते हैं. कई बार तो सुन उन लड़कियों को घर छोड़ने जाती है, जिन्हें रास्ते में डर लगता है.

बढ़ता गया मदद का हाथ
सुन ने लोगों की मदद करने की इस हद तक ठानी कि उन्होंने घर से लैंडलाइन को दुकान में लगवा लिया है. इसकी मदद से वह बुजुर्गों को छोटे बच्चों को अपने परिवार से बात करने की सुविधा देती हैं. वह सुविधा बिलकुल फ्री ऑफ कॉस्ट है. सुन का कहना है कि आसपास कई बुजुर्ग हैं जिन्हें फोन इस्तेमाल करना नहीं आता, साथ ही बच्चों को स्कूल फोन ले जाने की इजाज़त नहीं है. ऐसे में उनके लिए यह लैंडलाइन मौजूद है.

जो मिला समाज से, उसे लौटाना है वापस
सुन और उनके पति करीब 2 दशक से उसी जगह रह रहे हैं. एक समय ऐसा भी था जब उनके पास काम नहीं. तक समाज ने आगे बढ़कर उनकी मदद की. अब सुन उस मदद को अलग तरीके से वापस पहुंचा रही हैं. सुन के उपर लोगों को इतना ज्यादा विश्वास है कि वह अपने घर की स्पेयर चाबी उनके पास छोड़ देते हैं. कई तो ऐसे भी हैं, जिनके पास स्पेयर चाबी नहीं होती तो वह अपनी चाबी ही छोड़ जाते हैं. सुन मदद और विश्वास की मिसाल बन चुकी हैं.

 

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