Austrelia Election 2025: ऑस्ट्रेलिया में कितने हैं भारतीय मूल के वोटर, क्या हैं इनके लिए लुभावने वादे, किस पार्टी की जीत का है दावा

ऑस्ट्रेलिया में आम चुनाव हो रहे हैं. शनिवार को वोटिंग होने वाली है. इससे पहले सर्वे में पीएम एंथनी अल्बनीज की अगुवाई वाली लेबर पार्टी को जीत मिलती दिख रही है. सर्वे एजेंसियां लेबर पार्टी की जीत का दावा कर रहे हैं. पोल ऑफ पोल्स के मुताबिक लेबर पार्टी को गठबंधन के मुकाबले 5 फीसदी ज्यादा वोट मिलता दिख रहा है.

Prime Minister Anthony Albanese
शशिकांत सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 02 मई 2025,
  • अपडेटेड 1:26 PM IST

ऑस्ट्रेलिया में शनिवार को आम चुनाव के लिए वोटिंग होने वाली है. इससे पहले सर्वे में लेबर पार्टी को साफ बहुमत मिलता नजर आ रहा है. ऐसे में प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज की अगुवाई में फिर से सरकार बन सकती है. तमाम सर्वे में पीएम अल्बनीज की पार्टी आगे बताई जा रही है. अगर पोल ऑफ पोल्स की बात करें तो लेबर पार्टी को 5 फीसदी ज्यादा वोट मिलता नजर आ रहा है.

लेबर पार्टी की जीत का दावा-
ऑस्ट्रेलिया के आम चुनाव में लेबर पार्टी की जीत हो सकती है. एक बार फिर से एंथनी अल्बनीज प्रधानमंत्री बन सकते हैं. सर्वे एजेंसियों की के मुताबिक लेबर पार्टी गठबंधन से काफी आगे है. युगोव के सर्वे के मुताबिक लेबर पार्टी को 34 फीसदी वोट मिल सकते हैं. जबकि गठबंधन को 31 फीसदी वोट मिलने की संभावना है. सर्वे एजेंसी रेडब्रिज के मुताबिक 53 फीसदी वोट लेबर पार्टी के पक्ष में जाता दिख रहा है, जबकि गठबंधन के समर्थन में 47 फीसदी वोट मिल सकते हैं. सर्वे एजेंसी स्पेक्ट्रे स्ट्रैटेजी के मुताबिक लेबर पार्टी को 53 फीसदी और गठबंधन को 47 फीसदी वोट मिल सकते हैं.

लेबर पार्टी को कितनी सीटें-
युगोव के सर्वे के मुताबिक संसद की 150 सीटों में से लेबर पार्टी को 84 सीटों पर जीत मिल सकती है. जबकि गठबंधन को सिर्फ 47 सीटें मिलती दिख रही हैं. इसके अलावा ग्रीन्स को 3 सीट और दूसरे दलों को 2 सीटें मिल सकती हैं. निर्दलीयों के खाते में 14 सीटें जाने का अनुमान है. फरवरी में युगोव ने सर्वे किया था, जिसमें लेबर पार्टी को 18 सीटें कम मिल रही थी.

भारतीय मूल के कितने वोटर्स-
ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल की अच्छी-खासी आबादी है. इस बार चुनाव में भारतीय मूल के 8 लाख मतदाता अपने वोट का इस्तेमाल करेंगे. भारतीय मूल के वोटर्स को लुभाने के लिए सियासी दलों ने अपनी-अपनी रणनीति बनाई है. पीएम की पार्टी ने भारतीय छात्रों के लिए वीजा की संख्या बढ़ाने का वादा किया है. इतना ही नहीं, वर्क वीजा बढ़ाने का भी मुद्दा चुनाव में छाया हुआ है. इसके साथ ही पीएम अल्बनीज भारत के साथ संबंधों को और भी बेहतर बनाना चाहते हैं. 

क्या हैं चुनावी मुद्दे-
ऑस्ट्रेलिया के चुनाव में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का असर दिख रहा है. कंजर्वेटिव लीडर पीटर डटन की तुलना ट्रंप से की जा रही है. जनवरी के सर्वे में डटन पीएम अल्बनीज से आगे थे. लेकिन बाद में सर्वे में पिछड़ने लगे तो खुद को ट्रंप से अलग कर लिया. इस बार ऑस्ट्रेलिया के चुनाव में महंगाई, आवास संकट, ऊर्जा नीति और चीन के साथ संबंधों जैसे मुद्दे हावी हैं. ऑस्ट्रेलिया 30 साल के सबसे उच्चतम महंगाई की मार झेल रहा है. सबकुछ महंगा हो गया है. इस देश में घर खरीदना, कर्ज लेना मुश्किल हो गया है. चीन के साथ संबंध भी चुनाव मुद्दा है. डटन चीन के कट्टर आलोचक हैं. जबकि पीएम अल्बनीज चीन से बेहतर संबंधों के समर्थक हैं.

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