इराकी प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कदीमी के आवास को रविवार को निशाना बनाया गया. दरअसल विस्फोटकों से भरे एक ड्रोन ने उनकी हत्या के इरादे से उनके घर पर निशाना लगाकर विस्फोट किया. हादसे में मुस्तफा अल-कदीमी बाल-बाल बच गए. लेकिन कदीमी की व्यक्तिगत सुरक्षा में लगे सात सुरक्षाकर्मी घायल हो गए.
ऐसा माना जा रहा है कि ये हमला पिछले महीने एक आम चुनाव के परिणाम पर इराकी राजधानी में हुए विरोध प्रदर्शन के बाद भड़की हिंसा के कारण हुआ है. दरअसल अक्टूबर के वोट के परिणाम के बाद हुई हिंसा और प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाला समूह भारी हथियारों से लैस ईरानी मिलिशिया हैं जिन्होंने चुनाव में अपनी संसदीय शक्ति का अधिकांश हिस्सा खो दिया. उनका आरोप है कि मतगणना में गड़बड़ी हुई थी. फिलहाल बगदाद के बेहद सुरक्षित इलाके ग्रीनजोन में हुए इस हमले की जिम्मेदारी किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली है. इस ग्रीनजोन में ज्यादातर सिर्फ सरकारी भवन और विदेशी दूतावास हैं.
कदीमी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट ने कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षित हैं इसके अलावा जनता को शांत रहने का आह्वान किया. हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री अल-कदीमी ने ट्वीट किया, ‘देशद्रोह के रॉकेट वीर सुरक्षा बलों की दृढ़ता और दृढ़ संकल्प को हिला नहीं पाएंगे। मैं ठीक हूं और अपने लोगों के बीच हूं. ईश्वर का शुक्र है.’
रॉयटर्स के हवाले से दो सरकारी अधिकारियों ने भी हमले कि पुष्टि की है, और बताया है कि प्रधानमंत्री सुरक्षित हैं. ग्रीन जोन में मौजूद पश्चिमी राजनयिकों ने कहा कि उन्होंने क्षेत्र में विस्फोट और गोलियों की आवाज सुनी.
हाल के वर्षों में संसद और सरकार में अपनी शक्ति बढ़ाने वाले ईरान-गठबंधन मिलिशिया समूहों ने 10 अक्टूबर के चुनाव के परिणामों की गिनती में धोखाधड़ी और अनियमितताओं का आरोप लगाया है. चुनाव के परिणामों पर विवाद करने वाले दलों के समर्थकों का विरोध शुक्रवार को तब हिंसक हो गया जब प्रदर्शनकारियों ने ग्रीन जोन के पास पुलिस पर पथराव किया, जिसमें कई अधिकारी घायल हो गए. जिसके जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और गोलियां चलाईं, जिसमें एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी.