Nepal Only Train: ये है नेपाल की इकलौती ट्रेन, 2 घंटे में करती है सिर्फ 38 किमी. का सफ़र, भारत से कनेक्शन, जानिए कितना है किराया?

नेपाल में हिंसा और प्रदर्शन के बीच ट्रेन को बंद कर दिया है. नेपाल में सिर्फ एक पैसेंजर ट्रेन चलती है. नेपाल रेलवे का इतिहास 100 साल से भी ज्यादा पुराना है. 30 करोड़ की आबादी वाले इस देश में सिर्फ एक ही पैसेंजर ट्रेन चलती है. आइए नेपाल की इस ट्रेन के बारे में जानते हैं.

Nepal Railway
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 13 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:23 PM IST
  • नेपाल में भी चलती है पैसेंजर ट्रेन
  • प्रदर्शन के बीच नेपाल में ट्रेन सेवा हुई बंद

नेपाल में युवाओं के हिंसक प्रदर्शन के बाद सुशील कार्की अंतरिम प्रधानमंत्री बनी हैं. नेपाल में सोशल मीडिया पर बैन का फैसला ओली सरकार पर महंगा पड़ा. पूरे देश में हिंसा भड़क उठी. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा. काठमांठू समेत देश के कई शहरों में हिंसा हुई. सुशील कार्की देश की अंतरिम पीएम बनी हैं. नेपाल में 6 महीने के बाद चुनाव होंगे. प्रदर्शन और हिंसा के बीच नेपाल में देश की इकलौती ट्रेन को बंद कर दिया गया. नेपाल की इकलौती ट्रेन कैसी है? ये नेपाल में कहां चलती है? आइए इस बारे में जानते हैं.

कहां चलती है नेपाल की ये ट्रेन?

  • नेपाल भारत का पड़ोसी देश है. इस पड़ोसी देश की कुल आबादी लगभग 30 करोड़ है. 30 करोड़ की पॉपुलेशन वाले देश में सिर्फ एक ही ट्रेन है.
  • वैसे तो नेपाल में दो ट्रेनें चलती है लेकिन पैसेंजर ट्रेन सिर्फ एक है. नेपाल की दूसरी ट्रेन मालगाड़ी है. नेपाल में सिर्फ दो ऑपरेशनल रेलवे लाइन है.
  • नेपाल की इस ऑपरेशनल रेलवे लाइन पर मालगाड़ी और पैसेंजर ट्रेन चलती है. पड़ोसी देश में इकलौती पैसेंजर ट्रेन जयनगर-भंगाहा पैसेंजर ट्रेन है.
  • नेपाल की ये इकलौती पैसेंजर ट्रेन कुर्था मार्ग पर चलती है. नेपाल की ये पैसेंजर ट्रेन कुल 59 किमी. का सफर तय करती है. नेपाल के इस रेल रूट को ब्रिटिश काल के दौरान बनाया गया था. 

भारत से क्या है कनेक्शन?

  • नेपाल की इकलौती ट्रेन का भारत से कनेक्शन है. नेपाल की इस पैसेंजर ट्रेन को भारती की कोंकण रेलवे ने डेवलप किया है.
  • नेपाल की ये ट्रेन सिर्फ नेपाल में ही नहीं चलती है, भारत में भी चलती है. ये ट्रेन नेपाल और भारत के बीच चलती है. भारत से नेपाल जाने के लिए ये एकमात्र रेल मार्ग है.
  • पड़ोसी देश की इकलौती पैसेंजर ट्रेन नेपाल के जनकपुर से भारत के जयनगर के बीच चलती है. ये कुल 59 किमी. का सफर तय करती है.

कितनी है इस ट्रेन की स्पीड?

  • भारत में रेल नेटवर्क का बड़ा जाल है. इंडिया में वंदे भारत और राजधानी समेत तेज स्पीड में दौड़ने वाली सैकड़ों ट्रेनें हैं. भारत में बुलेट ट्रेन चलाने की बात हो रही है.
  • नेपाल की इकलौती पैसेंजर ट्रेन की स्पीड जानकर आप हैरान हो जाएंगे. ये ट्रेन नेपाल की सबसे तेज और सबसे धीमी चलने वाली ट्रेन है.
  • इस पैसेंजर ट्रेन को सुस्त ट्रेन भी कहा जाता है. इसकी स्पीड इतनी कम होती है कि ऑटो भी इससे आगे निकल सकता है.
  • नेपाल की इकलौती ट्रेन 40 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है. इसकी स्पीड इससे ज्यादा नहीं होती है.
  • इस ट्रेन की स्पीड काफी स्लो होने की वजह से जयनगर से जनकपुर का रास्ता लंबा लगता है. इस ट्रेन से 36 किमी. का सफर करने में दो घंटे का वक्त लगता है.
नेपाल रेलवे

कितना होता है किराया?

  • नेपाल की एकमात्र पैसेंजर ट्रेन में 300 लोगों की यात्रा करने की क्षमता है. इस ट्रेन में दो तरह के कोच हैं, एसी और रेगुलर पैसेंजर कोच.
  • नेपाल की इस पैसेंजर ट्रेन में एसी का सिर्फ एक कोच होता है. बाकी सब रेगुलर कोच होते हैं. ट्रेन का टिकट प्लेटफॉर्म पर ही मिल जाता है.
  • नेपाल की इकलौती पैसेंजर ट्रेन में रेगुलर कोच का टिकट 56 रुपए है. रिपोर्ट्स के अनुसार, इस ट्रेन में एसी कोच के टिकट की कीमत 281 रुपए है.

नेपाल में कब शुरू हुई ट्रेन?

  • नेपाल में ट्रेन का इतिहास काफी रोचक है. इसकी शुरुआत लगभग सौ साल पहले हुई थी. नेपाल में पहली बार ट्रेन को 16 फरवरी 1927 को चली थी. 
  • उस समय इस रेलवे लाइन को नेपाल गवर्नमेंट रेलवे कहा जाता था. यह रेलवे लाइन भारत के बिहार के रक्सौल को नेपाल के आमलेखगंज से जोड़ती थी.
  • यह नेपाल की पहली और ऐतिहासिक रेलवे परियोजना थी. इस रेलवे लाइन की कुल लंबाई लगभग 47 किलोमीटर थी.
  • उस समय नेपाल के तराई और पहाड़ी इलाकों में परिवहन के साधन बेहद सीमित थे. काठमांडू और तराई के बीच सामान लाने-ले जाने के लिए बैलगाड़ियों का उपयोग किया जाता था.
  • ब्रिटिश भारत और नेपाल के बीच व्यापार को बढ़ावा देने और राजशाही के लिए सामग्री लाने में आसानी के लिए रेलवे का आइडिया आया. नेपाल सरकार ने ब्रिटिश इंजीनियरों की मदद से इस प्रोजेक्ट को शुरू किया.
  • नेपाल में 1927 में पहली बार ट्रेन शुरू हुई. हालांकि यह रेलवे लाइन शुरू में सफल रही लेकिन समय के साथ कुछ चुनौतियां सामने आईं.
  • पहाड़ी इलाकों और खराब मौसम के कारण रेलवे ट्रैक को संभालना कठिन था. इन समस्याओं के चलते 1965 में नेपाल गवर्नमेंट रेलवे को पूरी तरह से बंद कर दिया गया.
  • इस समय नेपाल में जनकपुर से जयनगर के बीच ब्रॉड गेज ट्रेन चल रही है. इस लाइन का आधुनिकीकरण भारत की मदद से किया गया. 2022 में नियमित रूप से ये ट्रेन शुरू हुई.

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