टीवी टुडे नेटवर्क ग्रुप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू किया. टीवी टुडे नेटवर्क ग्रुप की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और टीवी टुडे नेटवर्क की फॉरेन अफेयर्स सीनियर एग्जीयक्यूटिव एडिटर गीता मोहन ने राष्ट्रपति पुतिन से तमाम मसलों पर सवाल किया. पुतिन ने यूक्रेन से लेकर कीव और रूस के इतिहास से जुड़े सवालों के जवाब दिए.
रूसी शहरों की मां है कीव- पुतिन
जब अंजना ओम कश्यप ने पूछा कि 8 मार्च 2014 को आपने कहा था कि कीव इज द मदर ऑफ ऑल रसियन सिटीज यानी कीव सभी रूसी शहर के मां के समान है. इसका क्या मतलब है? इसपर राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि आप जानते हैं कि मैंने कुछ भी ऐसा आविष्कार नहीं किया, जो ऐतिहासिक हो. रूसी राज्य शुरू में अलग-अलग सेंटर्स से बना था. पहली राजधानी ऐतिहासिक डेटा के अनुसार उत्तर-पश्चिम में नोवगोरोड शहर के आसपास थी. बाद में राज्य की राजधानी एलीकेट शहर में चली गई. इसके बाद कीव हो गई. ये रूस का इतिहास था. बाद में कीव को रूसी शहरों की मां कहा जाने लगा.
पुतिन ने आगे कहा कि बाद में इतिहास बदला और प्राचीन रूसी राज्य का बंटवारा हो गया. प्राचीन रूसी राज्य का एक हिस्सा मॉस्को में एक सेंटर के साथ विकसित होना शुरू हुआ और इसका दूसरा हिस्सा दूसरे देशों के साथ मिल गया, जैसे कीव और दूसरी जमीन. ये जमीनें लिथुआनिया के साथ मिलकर एक राज्य का हिस्सा थी. बाद में पोलैंड के साथ मिलकर पोलिस राज्य का हिस्सा बन गई तो प्राचीन रूसी राज्य का वो हिस्सा 17वीं सदी में पोलैंड में खत्म हो गया.
जो क्षेत्र उनके कंट्रोल में नहीं थे, उसे कीव ने बर्बाद कर दिया- पुतिन
पुतिन ने कहा कि वो क्षेत्र कीव के कंट्रोल में था और जो क्षेत्र कीव के कंट्रोल में नहीं थे, उसे कीव ने पूरी तरह से बर्बाद कर दिया और इसलिए हम मजबूर हो गए, उन इलाकों का साथ देने के लिए जो नष्ट कर दिए गए. लोगों ने रेफरेंडम के लिए खुलेआम बोलना शुरू कर दिया. जो आजादी चाहते थे इधर आए, जो नहीं चाहते थे, वो दूसरी तरफ जा सकते हैं, हम उनको मना नहीं करेंगे.
जेलेंस्की जो करना चाहते हैं, वो तो वही बता सकते हैं- पुतिन
यूक्रेन के NATO मेंबरशिप के सवाल पर पुतिन ने कहा कि जब जेलेंस्की सत्ता में आए तो उन्होंने कहा था कि वो हर हालत में शांति की कोशिश करेंगे. भले ही इसके लिए उनको अपना करियर दांव पर लगाना पड़े. अब देखिए सबकुछ दूसरी तरह से दिखाई पड़ रहा है. अब वो छोटे से समूह नेशनल रेडिकल फासिस्ट की मदद से हल निकाल रहे हैं. सरकार अपनी सोच से न्यू नाजी है. इनके राष्ट्रवाद और न्यू नाजी की परिभाषा एक ही है और इसी वजह से सारा माहौल युद्ध का बना. नाकामयाबी ही मिली. पुतिन ने कहा कि उनके लिए सबसे जरूरी है ये समझना कि शांतिपूर्ण वार्ता से ही हर समस्या का हल मुमकिन है और ये ही बात हम उनको साल 2022 से समझाने की कोशिश कर रहे हैं. जो वो करना चाह रहे हैं, वो तो वही बता सकते हैं.
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