अमेरिका ने रविवार तड़के ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला किया. फोरदो, नतांज़ और इस्फ़हान. इन तीनों में फोरदो पर हुए हमले ने कई सुर्खियां बटोरीं क्योंकि यह ईरान का प्रमुख परमाणु ठिकाना (Primary Nuclear Facility) है. फोरदो न्यूक्लियर फैसिलिटी के बारे में खास बात यह है कि यह ज़मीन के अंदर मौजूद है.
फिर भी अमेरिका ने फोरदो को तबाह करने का दावा किया है. इसकी वजह यह है कि अमेरिका ने अपना 'बंकर बस्टर' (Bunker Buster) बम इस्तेमाल किया है. 13.5 हज़ार किलो का यह बम क्यों खास है और अमेरिका ने इसका इस्तेमाल क्यों किया, आइए जानते हैं.
'बंकर बस्टर' क्या हैं और इनका इस्तेमाल क्यों किया जाता है?
बंकर बस्टर ऐसे हथियार हैं जिन्हें सामान्य बमों की पहुंच से परे, गहरे भूमिगत बंकरों जैसी अत्यधिक संरक्षित सुविधाओं को तबाह करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. बंकर बस्टर को विस्फोट करने से पहले खुद को ज़मीन में दफनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इससे विस्फोटक बल हवा या सतह के पार जाने के बजाय ज़मीन में घुस पाता है.
ईरान के फ़ोरदो, नतांज़ और इस्फ़हान में परमाणु संवर्धन स्थल गहरे भूमिगत बनाए गए हैं. अनुमान बताते हैं कि उदाहरण के लिए फ़ोरदो सतह से 80 मीटर नीचे हो सकता है, और प्रबलित कंक्रीट और मिट्टी की परतों से ढका हो सकता है.
अमेरिका ने कौनसे बम इस्तेमाल किए?
इस विशेष ऑपरेशन में इस्तेमाल किया गया बंकर बस्टर अमेरिकी तरकश का सबसे बड़ा बम है. इसका नाम है जीबीयू-57 मैसिव ऑर्डेंस पेनेट्रेटर (GBU-57 MOP Bunker Buster). परमाणु हथियारों को छोड़ दें तो एमओपी दुनिया का सबसे बड़ा ज्ञात बंकर बस्टर है. माना जाता है कि लगभग 13.5 टन वजनी एमओपी सही परिस्थितियों में ज़मीन के नीचे 60 मीटर तक घुसने में सक्षम है.
फिलहाल यह जानकारी सार्वजनिक नहीं है कि अमेरिका के पास ऐसे कितने बम मौजूद हैं. द कन्वर्सेशन की एक रिपोर्ट का कहना है कि यह संख्या कम है (शायद कुल मिलाकर 20 या उससे ज़्यादा). अभी यह जानकारी भी सार्वजनिक नहीं कि अमेरिका ने ईरान में कितने बम इस्तेमाल किए. कुछ रिपोर्ट्स का कहना है कि यहां 14 बम इस्तेमाल हुए. इतना ज़रूर है कि अमेरिका ने अपने जखीरे का एक बड़ा हिस्सा ईरान पर इस्तेमाल किया है.
क्या सिर्फ अमेरिका के पास है यह ताकत?
अमेरिका बंकर-तोड़ हथियार रखने वाला एकमात्र देश नहीं है, लेकिन एमओपी इतना भारी है कि इसके इस्तेमाल के लिए बहुत ही खास विमान की ज़रूरत होती है. फिलहाल सिर्फ बी2 स्टेल्थ बॉम्बर (B2 Stealth Bomber) ही एमओपी को लाने-ले जाने में सक्षम है. हर बी2 एक बार में ज्यादा से ज्यादा दो एमओपी ले जा सकता है. ईरान ऑपरेशन में अमेरिका के 19 ऑपरेशनल बी2 में से लगभग सात का इस्तेमाल किया गया था.
द कन्वरसेशन की रिपोर्ट बताती है कि अमेरिका सी-130 हरक्यूलिस जैसे बड़े परिवहन विमानों को भी एमओपी ले जाने और गिराने के लिए इस्तेमाल करने पर विचार कर रहा है. हालांकि इसके लिए उसे विमान में कुछ बदलाव करने होंगे. ऐसा होता है तो इसराइल सहित कई दूसरे देश भी यह बम इस्तेमाल कर सकेंगे. हालांकि यह विचार अभी सिर्फ कागज़ी है.
बहरहाल, अमेरिका ने ईरान पर ऐसी ताकत का बम इस्तेमाल कर युद्ध को चिंगारी तो दे ही दी है. अब ईरान इसके जवाब में क्या करता है, यह वक्त आने पर ही पता चलेगा.