रूस क्यों कहलाता है दूसरा सबसे ताकतवर देश...इतिहास में क्यों खास है आज का दिन, जानिए

एक तरफ जहां आज रूस और यूक्रेन युद्ध का 5वां दिन है वहीं इतिहास के पन्नों में भी ये दिन किसी खास वजह के लिए दर्ज है. अमेरिका ने एक मार्च 1954 को हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था. ये मानव इतिहास में उस समय का सबसे बड़ा विस्फोट था. इसकी ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह हिरोशिमा को नष्ट करने वाले परमाणु बम से भी हजार गुना ज्यादा शक्तिशाली था.

Hydrogen Bomb
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 01 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 9:31 PM IST
  • रूस और यूक्रेन युद्ध का 5वां दिन आज
  • अमेरिका ने एक मार्च 1954 को हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था

एक तरफ जहां आज रूस और यूक्रेन युद्ध का 5वां दिन है वहीं इतिहास के पन्नों में भी ये दिन किसी खास वजह के लिए दर्ज है. अमेरिका ने एक मार्च 1954 को हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था. ये मानव इतिहास में उस समय का सबसे बड़ा विस्फोट था. इसकी ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह हिरोशिमा को नष्ट करने वाले परमाणु बम से भी हजार गुना ज्यादा शक्तिशाली था. वहीं दूसरी ओर इस परीक्षण ने पूरी दुनिया का ध्यान परमाणु सुरक्षा की ओर खींचा. 

क्या है हाइड्रोजन बम?
हाइड्रोजन बम बनाने का श्रेय एनरिको फर्मी को दिया जाता है. हाइड्रोजन बम बनाने में Deuterium और Tritium का इस्तेमाल किया जाता है. हाइड्रोजन बम को थर्मोन्यूक्लियर बम (Thermonuclear Bomb) या एच बम भी कहा जाता है. हाइड्रोजन बम के धमाके की हवा ही किसी भी इंसान को कई किलोमीटर तक फेंक सकती है.

रूस ने बढ़ाई अपनी ताकत
अमेरिकी के जापान पर किए परमाणु बम हमले के बाद रूस ने अपनी परमाणु क्षमता बढ़ाने की दिशा में कदम उठाने शुरू किए. 29 अगस्त 1949 को रूस ने पहली बार परमाणु बम का परीक्षण किया था. रूस ने इस परीक्षण को आरडीएस 1 नाम से कोड नेम दिया था.. रूस के कजाकिस्तान प्रांत में परमाणु बम का परीक्षण हुआ था जिससे पूरी धरती हिल उठी थी. इसका वजन  22 किलोटन था. 

किन देशों के पास है हाइड्रोजन बम?
अमेरिका के इस प्रशिक्षण के बाद कई अन्य देशों ने भी इसे करने की सोची. 30 अक्टूबर 1961 को सोवियत यूनियन ने आर्कटिक महासागर में अब तक का सबसे बड़ा धमाका कर खुद को हाइड्रोजन बम के सफल प्रशिक्षण करने वाले देश के तौर पर स्थापित किया. फिलहाल आधिकारिक तौर पर सिर्फ अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस, भारत, पाकिस्तान और इजराइल के पास ही हाइड्रोजन बम हैं. हाइड्रोजन बम का पहला परीक्षण सन 1952 में किया गया था. वहीं भारत ने हाइड्रोजन बम टेस्ट साल 1998 में किया था.

कब किसने किया परीक्षण?
संयुक्त राज्य अमेरिका ने 1945 और 1992 के बीच 1,032 परीक्षण किए
सोवियत संघ ने 1949 से 1990 के बीच 715 परीक्षण किए. 
यूनाइटेड किंगडम ने 1952 और 1991 के बीच 45 परीक्षण किए. 
फ्रांस ने 1960 और 1996 के बीच 210 परीक्षण किए. 
चीन ने 1964 से 1996 के बीच 45 परीक्षण किए. 
भारत ने 1998 में दो परीक्षण किए.
1998 में पाकिस्तान ने दो परीक्षण किए.
डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया ने 2006, 2009, 2013, 2016 और 2017 में परमाणु परीक्षण किए.

 

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