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Explainer: परमाणु हमले की धमकी के पीछे क्या है वजह, जानिए

जब रूस ने यूक्रेन पर हमले का ऐलान किया था तब उसे लगा था कि वह यूक्रेन को आसानी से तबाह कर देगा लेकिन, यूक्रेन अभी भी इस जंग का पूरी ताकत से सामना कर रहा है.

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
हाइलाइट्स
  • रूसी करंसी रुबल हुआ 26 प्रतिशत कमजोर

  • हर दिन युद्ध में हो रहे सवा लाख करोड़ रुपये खर्च 

रूस और यूक्रेन के बीच आज युद्ध का छठा दिन है. शायद ही रूस को उम्मीद थी की यूक्रेन उसके आगे इतने दिनों तक भी टिक पाएगा. ऐसे में अब रूस को भी कई तरह के नुकसानों का सामना करना पड़ रहा है. लगातार युद्ध का असर आर्थिक तोर पर अब रूस को भारी पड़ने लगा है. सोमवार को रूसी करंसी रुबल 26 प्रतिशत कमजोर हो गया. जर्मनी, इटली समेत यूरोप के कई देशों ने रूस से व्यापार पूरी तरह खत्म करने का फैसला लिया है. इसके साथ ही हर दिन युद्ध में सवा लाख करोड़ रुपये का खर्च आ रहा है. यही वजह है कि यूक्रेन पर दवाब बनाने के लिए अब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन परमाणु हमले की धमकी देने लगे हैं. 

दरअसल, जब रूस ने यूक्रेन पर हमले का ऐलान किया था तब उसे लगा था कि वह यूक्रेन को आसानी से तबाह कर देगा लेकिन, यूक्रेन अभी भी इस जंग का पूरी ताकत से सामना कर रहा है. रूस ने खुद इस बात को कबूला है कि उसके सैनिक भी यूक्रेन में मारे गए और घायल हुए हैं. दोनों देशों में युद्ध को लेकर अभी भी कई आंकड़े साफ नहीं हो पाए हैं लेकिन, इतना साफ है कि इससे रूस को भी काफी नुकसान पहुंचा है. 

परमाणु हमले की धमकी के पीछे क्या हैं अहम वजह 

1- रूसी करेंसी रूबल में आई भारी गिरावट

रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग अब गंभीर मोड़ लेते नजर आ रही है. ऐसे में अब पुतिन की तरफ से लगातार परमाणु हमले की चेतावनी मिल रही है. इसका सबसे बड़ा कारण है आर्थिक नुकसान होना. रूसी सेंट्रल बैंक ने अपनी प्रमुख दर को 9.5 फीसदी से बढ़ा कर 20 फीसदी कर दिया है. साथ ही अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रूबल लगभग 26 फीसदी टूट गया था. ऐसे में अब पुतिन यूक्रेन पर दवाब बनाकर युद्ध को जल्द समाप्त कराना चाहते हैं. 

2- हर दिन युद्ध में सवा लाख करोड़ रुपये का खर्च 

युद्ध में खून बहाने के साथ ही पैसा भी पानी की तरह बहाना पड़ता है. ऐसे ही रूस को भी हर दिन जंग के लिए सवा लाख करोड़ रुपये खर्च करना पड़ रहा है और इसके बाद भी यूक्रेन ने अभी तक हार नहीं मानी है. रूस शायद ही लंबे समय तक इस वॉर में इतना पैसा लगा सकेगा. यह भी एक बड़ा कारण है परमाणु की धमकी देकर यूक्रेन को पीछे करने का. 

3- यूक्रेन को पड़ रही पड़ोसी देशों से हथियार की मदद 

जैसे-जैसे स्थिति खराब हो रही है वैसे-वैसे यूक्रेन को अन्य देशों से हथियारों की मदद लेनी पड़ रही है. ऐसे में पुतिन को डर है कि कहीं अन्य देश यूक्रेन की मदद को आगे न आ जाएं. इसलिए लगातार पुतिन की तरफ से धमकी दी जा रही है कि ताकि नाटो और पड़ोसी देश इसमें दखलंदाजी न करें. 

यूरोपीय विशेषज्ञों की मानें तो पुतिन अभी केवल दवाब बना रहे हैं, जिससे यूक्रेन पर परमाणु हमले का डर पैदा हो और वह खुद ही पीछे हो जाए. ऐसे में पुतिन जल्द से जल्द यूक्रेन की सत्ता पलटने में कामयाब हो सकेंगे. 

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