
इस बार 25 अक्टूबर को साल का आखिरी सूर्यग्रहण लगेगा. सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है. दीपावली की आधी रात से सूतक लग चुका है. इस वजह से हर साल दीपावली के अगले दिन पड़ने वाली गोवर्धन पूजा अब एक दिन बाद यानी 26 अक्टूबर को पड़ेगी. यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा. सूर्य ग्रहण कुल तीन प्रकार के होते हैं. पूर्ण सूर्य ग्रहण,वलयाकार सूर्य ग्रहण और आंशिक सूर्यग्रहण.
साल का ये आखिरी सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार दोपहर 2 बजकर 29 मिनट से आरंभ हो जाएगा और शाम 6 बजकर 32 मिनट पर ग्रहण समाप्त होगा. सूर्य की उर्जा का असर सभी जीव-जंतुओं पर होता है. सूर्य ग्रहण के दौरान सेहत पर भी प्रभाव पड़ता है. ज्योतिष में सूर्य को प्रकाश और जीवन का कारक माना जाता है. ऐसे में सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य की शक्ति कुछ देर के लिए कम हो जाती है जिसका प्रभाव हम पर पड़ता है. इस दौरान व्यक्ति जिस तरह का अनुभव करता है आज हम आपको उसके बारे में बताएंगे.
गर्भवती महिलाएं कैसे रखें अपना ध्यान?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान विशेष सावधानियां रखनी चाहिए. गर्भवती महिलाओं को न तो ग्रहण देखना चाहिए और न ही ग्रहण के दौरान घर से बाहर जाना चाहिए. इसके पीछे कई धार्मिक मान्यताएं और वैज्ञानिक तथ्य दिए गए हैं. ग्रहण के दौरान अगर गर्वभती महिलाएं सूर्य ग्रहण देखती हैं या फिर बाहर निकलती हैं तो गर्भ में पल रहे नवजात बच्चे पर इसका नकारात्मक असर पड़ता है. ग्रहण के दौरान सूर्य से निकलने वाली किरणें मां और बच्चे की सेहत पर बुरा प्रभाव डालती हैं और बच्चा किसी रूप से (बुद्धि या शारीरिक रूप) कमजोर हो सकता है. ज्योतिष के नजरिए से ग्रहण के समय सूर्य और चंद्रमा पर बुरे ग्रह राहु-केतु का प्रभाव सबसे ज्यादा होता है. इस कारण से बच्चे की कुंडली में इन ग्रहों से संबंधित कोई न कोई दोष हो सकता है. इसलिए गर्भवती महिलाओं को इस समय बाहर जाने से बचना चाहिए.