
गुजरात के अहमदाबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयपोर्ट से गुरुवार को उड़ान भरने के दो मिनट बाद ही लंदन जा रहा एयर इंडिया का एक विमान क्रैश हो गया. इस विमान में 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर्स सवार थे. इस दुर्घटना में शाम 6:30 बजे तक 204 लोगों के शव मिल चुके थे. दुर्घटना के बाद जिस तरह यह विमान आग के गोले में बदला है, उसको देखते हुए मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है. आइए जानते हैं प्लेन क्रैश में जान गंवाने वाले यात्रियों के परिजनों को कितना मुआवजा मिलेगा और क्या है विदेशी उड़ानों में इंश्योरेंस का नियम?
यात्रियों को लेना होता है बीमा
जहाज से यात्रा करने वाले यात्रियों को बीमा लेना होता है. इस बीमा का लाभ यह होता है कि खुदा न खास्ता यदि प्लेन क्रैश में किसी यात्री की मौत हो जाती है या वह गंभीर रूप से घायल हो जाता है तो उसे इस बीमा के तहत पैसे मिलते हैं. विदेश जाने वाले विमान दुर्घटना में यात्रियों को मिलने वाला मुआवजा मुख्य रूप से मॉन्ट्रियल कन्वेंशन 1999 (Montreal Convention 1999) के तहत निर्धारित होता है.
मॉन्ट्रियल कन्वेंशन को 130 से अधिक देशों ने अपनाया है. इंडिया ने भी इस समझौते पर हस्ताक्षर किया है. यह कन्वेंशन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में दुर्घटना, मृत्यु, चोट या सामान के नुकसान के लिए मुआवजे और क्षतिपूर्ति को निर्धारित करने के लिए बनाया गया था. नियम के अनुसार एयरलाइंस को मुआवजा का भुगतान करना होता है. एयर इंडिया जैसी एयरलाइंस भी इस नियम का पालन करती है. जहाज के दुर्घना होने पर यदि किसी यात्री की मौत हो जाती है तो एयरलाइंस मृतक के परिजन को मुआवजा देती है.
कितनी मिलेगी बीमा की रकम
1. मंट्रियल कनवेंशन 1999 के तहत एयरलाइन की जिम्मेदारी है कि वह लगभग 1.5 लाख अमेरिकी डॉलर या 12.5 करोड़ रुपए (अक्टूबर 2023 दरों के आधार पर) का बीमा हर यात्री के लिए सुनिश्चित करे.
2. यह राशि हादसे में मरने वाले यात्रियों को या शारीरिक रूप से अक्षम हुए यात्रियों को दी जाती है. बशर्ते दुर्घटना के लिए एयरलाइन की लापरवाही सिद्ध न हो.
3. यदि एयरलाइंस कंपनी या उसके स्टाफ की लापरवाही से हादसा हुआ है तो मुआवजा की राशि बढ़ सकती है.
4. यदि किसी यात्री की विमान हादसे में मौत होती है और वह अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला था तो कोर्ट में उच्च मुआवजा का दावा किया जा सकता है.
5. मंट्रियल कनवेंशन 1999 के तहत यदि किसी यात्री की प्लेन हादसे में मौत हो जाती है तो उसके परिवार के सदस्य को 1.4 करोड़ रुपए (175000 डॉलर) मिलते हैं.
6. यदि विमान हादसे में यात्री जिंदा बच गया है, लेकिन उसके सामान का नुकसान हुआ है तो प्रति यात्री लगभग 1.4 लाख रुपए का मुआवजा मिल सकता है. इसमें चेक-इन और केबिन बैग के सामान शामिल हैं.
7. यदि यात्री के पास कोई विशेष मूल्यवान वस्तु है तो यात्री को पहले से घोषणा करनी होती है, अन्यथा मुआवजा सीमित रहता है. यदि उसने एयरलाइंस को इसकी जानकारी दी है तो नुकसान होने पर उसकी भरपाई का दावा किया जा सकता है.
8. अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में मंट्रियल कनवेंशन 1999 का सख्ती से पालन होता है. भारतीय घरेलू एयरलाइंस मुआवजा के लिए डीजीसीए के दिशानिर्देशों का पालन करती हैं.
एयर इंडिया कैसे देती है बीमा कवरेज
एयर इंडिया इंटरनेशनल यात्रियों के लिए टाटा एआईजी के साथ यात्रा बीमा प्रदान करती है. इसमें दुर्घटना मुआवजा शामिल हो सकता है. बीमा पॉलिसी के आधार पर मृत्यु की दशा में 41 लाख से लेकर 8.3 करोड़ रुपए तक का कवरेज दिया जाता है. इसका प्रीमियम 40.82 रुपए प्रति दिन से शुरू होता है, जो कवरेज और यात्रा अवधि के आधार पर बढ़ सकता है.
मुआवजा के लिए क्या करना होगा
1. मुआवजा के लिए यात्री या उनके आश्रितों को एयरलाइन या बीमा प्रदाता के पास दावा दायर करना होता है.
2. मुआवजा के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट्स जैसे बोर्डिंग पास, पासपोर्ट, चिकित्सा प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र और दुर्घटना की FIR कॉपी लगानी होती है.
3. आपको मालूम हो कि मुआवजा के लिए दावा हादसे के दो साल के भीतर कर दिया जाना चाहिए.
4. यदि एयरलाइन या बीमा कंपनी कम मुआवजा देती है, तो यात्री मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के तहत अदालत में अपील कर सकता है.
ट्रैवल इंश्योरेंस का भी लाभ
कई बीमा कंपनियां यात्रियों को जोखिम भरे यात्रा से बचाने के लिए कवरेज पेश करती हैं. इनमें आम तौर पर 25 लाख रुपए से लेकर 1 करोड़ रुपए तक की आकस्मिक मृत्यु लाभ और 5 लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक की स्थायी विकलांगता मुआवजा शामिल है. यदि किसी यात्री ने बीमा कराया है तो उसके परिवार को इस कवर का भी लाभ मिलेगा.
ट्रैवल इंश्योरेंस नहीं लिया है तो क्या होगा
1. यदि आपने अलग से ट्रैवल इंश्योरेंस नहीं खरीदा है तो भी आप इसके लिए पात्र हो सकते हैं.
2. एयरलाइन मुआवजा (जो अनिवार्य है)
3. सरकारी अनुग्रह (दुर्लभ मामलों में मिलता है)
4. नियोक्ता बीमा (बिजनेस ट्रैवलर्स के लिए)
5. क्रेडिट कार्ड से लिंक्ड ट्रैवल इंश्योरेंस (यदि आपने टिकट कुछ प्रीमियम क्रेडिट कार्ड के माध्यम से बुक किया हो)
6. कुछ यात्री टूर ऑपरेटरों या एंप्लॉयर स्पांसर्ड ट्रैवल पॉलिसीज द्वारा प्रदान की गई ग्रुप इंश्योरेंस प्लान्स के अंतर्गत आते हैं.