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Daak Room: क्या है डाक रूम स्टार्टअप, जिसकी पीएम मोदी भी कर चुके हैं तारीफ

शार्क टैंक इंडिया का सीजन 3 इन दिनों खूब चर्चा में है. शार्क टैंक के हालिया एपिसोड में डाक रूम स्टार्टअप ने हिस्सा लिया था. शो में डाक रूम के फाउंडर शिवानी मेहता और हरनेहमत कौर ने अपने स्टार्टअप के बारे में बताया.

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हाइलाइट्स
  • डाक रूम स्टार्टअप के बारे में जानिए

  • पीएम मोदी कर चुके हैं तारीफ

शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India) का सीजन 3 इन दिनों खूब चर्चा में है. शार्क टैंक के हालिया एपिसोड में डाक रूम (Daak Room) स्टार्टअप ने हिस्सा लिया था. शो में डाक रूम के फाउंडर शिवानी मेहता और हरनेहमत कौर ने अपने स्टार्टअप के बारे में बताया. वे लोग मिलकर स्कूल कार्यक्रमों, इवेंट्स और प्रोडक्ट्स के जरिए हाथ से लेखन (पारंपरिक लेखन) को बढ़ावा देते हैं. संस्थापकों ने 4 प्रतिशत इक्विटी के लिए ₹36 लाख मांगे.

अमन गुप्ता ने कही ये बात
बोट के फाउंडर अमन गुप्ता (Aman Gupta) ने कहा, पहले के समय में लोग लिखते थे यह आम बात थी. मैं सहमत हूं कि बच्चे लिख रहे हैं. लेकिन ये कोई बिजनेस नहीं है. मैं बाहर निकलने का विकल्प चुन रहा हूं क्योंकि मुझमें लिखने का उतना जुनून नहीं है जितना आपमें है, इसलिए मैं और योगदान नहीं दे पाऊंगा.

राघिका गुप्ता ने किया इंवेस्टमेंट से इनकार
Edelweiss की CEO राघिका गुप्ता को लगा कि डाक रूम के फाउंडर्स कंफ्यूज हैं. उन्होंने कहा, मुझे लगता है आप लोग अपने पैशन और बिजनेस को लेकर कंफ्यूज हैं. मैं फिलहाल कोई इंवेस्टमेंट नहीं कर पाऊंगा.  मैं बेशक आपके कार्निवल में शामिल होना चाहू्ंगी और चूंकि मैं इस विषय को लेकर बहुत भावुक हूं, इसलिए अगर मैं सलाह दे सकती हूं या सीएसआर सहित कुछ मदद कर सकती हूं, तो मुझे बहुत खुशी होगी.

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स्टेशनरी ब्रांड में बदलने की सलाह
Lenskart के फाउंडर Peyush Bansal भी इस स्टार्टअप से रिटेल नहीं कर पाए. पीयूष ने स्टार्टअप के फाउंडर्स को ये सुझाव भी दिया कि वे अपने बिजनेस को एक स्टेशनरी ब्रांड में बदलें. उन्होंने कहा, 'मुझे समझ में नहीं आ रहा कि आपकी सर्विस असल में क्या है और क्या काम करती है. आपका रेवेन्यू मॉडल क्या है?' हालांकि शार्क रितेश ने 'डाक रूम' के फाउंडर्स को 6 प्रतिशत स्वामित्व के लिए 36 लाख रुपये की पेशकश की.

पीएम मोदी कर चुके हैं तारीफ
डाक रूम के स्टार्टअप को प्रधानमंत्री मोदी ने भी तारीफ की थी. उन्हें एक खत भी भेजा था और युवा पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए उनके बिजनेस की जमकर तारीफ की थी. 

क्या है डाक रूम
'डाक रूम' एक ऐसा स्टार्टअप है, जो इवेंट और वर्कशॉप के जरिए हाथ से लेखन को प्रोत्साहित करता है. आज के डिजिटल जमाने में हाथ से लेखन की कला लगभग खत्म होने की कगार पर है. ऐसे में 'डाक रूम' के फाउंडर्स इसे जिंदा रखने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं. हाल ही में इस स्टार्टअप ने स्टेशनरी प्रोडक्ट भी लॉन्च किया है.