Aadhaar Card
Aadhaar Card भारत में बैंक अकाउंट से लेकर नौकरियों के फॉर्म या किसी अन्य जरूरी काम के लिए, आधार कार्ड सबसे जरूरी दस्तावेज हैं. आधार कार्ड 'Know Your Customer (KYC)' डॉक्यूमेंट है. इसका इस्तेमाल पहचान पत्र के तौर पर किया जाता है. इससे किसी भी व्यक्ति का पूरा नाम, परमानेंट एड्रेस, और जन्म की तारीख जैसा जरूरी डेटा पता चलता है. आज जीवन के हर सेक्टर में जैसे सरकारी स्कीम, जरूरी दस्तावेज, ट्रेवल, बिजनेस आदि में आधार कार्ड की जरूरत पड़ती है. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) आधार कार्ड जारी करता है और यह 12 अंक का यूनीक नंबर होता है.
भारत में बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए आधार कार्ड बनवाने का प्रावधान है. क्योंकि आधार कार्ड भारत के हर एक नागरिक को खास पहचान देता है. लोग अपने नवजात शिशु या पांच साल से कम उम्र के बच्चे का भी आधार कार्ड बनवा सकते हैं और आपको यह जरूर बनवाना चाहिए. UIDAI ने बच्चों के लिए 'बाल आधार' कार्ड का प्रावधान किया है, खासकर पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए. इसे नीले आधार कार्ड (Blue Aadhaar Card) के रूप में भी जाना जाता है.
नहीं पड़ती है बायोमेट्रिक डिटेल्स की जरूरत
बाल, या ब्लू आधार, कार्ड विशेष रूप से नवजात शिशुओं सहित पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए हैं. बाल आधार बनवाने के लिए किसी बायोमेट्रिक्स की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह कार्ड बच्चे के माता-पिता की यूआईडी से जुड़ी डेमोग्राफिक जानकारी और चेहरे की तस्वीर के आधार पर प्रोसेस किए जाते हैं.
पांच साल तक ही है वैलिडिटी
बाल आधार कार्ड बच्चे की पांच साल की उम्र तक ही वैलिड हैं. बच्चा जब पांच साल का हो जाए तो आपको फिर से आधार कार्ड अपडेट करवाना होता है. इसके बाद बच्चे के 15 साल की उम्र में दस्तावेजों और दस उंगलियों, आईरिस और चेहरे की तस्वीरों की बायोमेट्रिक जानकारी के साथ आधार कार्ड को अपडेट करना होता है. अगर आधार कार्ड को समय स अपडेट न करें तो यह अमान्य हो जाएगा.
बाल आधार कार्ड के जरूरी दस्तावेज
कैसे करें ब्लू आधार कार्ड के लिए रजिस्ट्रेशन