Budget for middle class
Budget for middle class केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट 2025 पेश करते हुए मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी. उन्होंने घोषणा की कि अब 12 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा. मानक कटौती (स्टैंडर्ड डिडक्शन) को जोड़ने के बाद यह सीमा 12.75 लाख रुपये तक पहुंच जाएगी.
इस घोषणा के साथ ही संसद में तालियों की गूंज सुनाई दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा सांसदों ने मेज थपथपाकर इस फैसले का स्वागत किया.
आइए समझते हैं टैक्स में छूट को-
12 लाख तक इनकम पर कोई टैक्स नहीं-
12 लाख की सालाना कमाई पर न्यू टैक्स सिस्टम के तहत कोई टैक्स नहीं लगेगा. सरकार 87A के तहत 5 फीसदी और 10 फीसदी टैक्स स्लैब को माफ कर रही है. IT का 87A के तहत उन व्यक्तिगत करदाताओं पर लागू होती है, जिनकी कुल आय निर्दिष्ट सीमा से अधिक नहीं है. ये एक्ट साल 2003 में आया था. जिसमें कई बार बदलाव किया जा चुका है.
12.75 लाख पर जीरो फीसदी टैक्स-
सैलरीड क्लास के लिए 75 हजार रुपए की स्टैंडर्ड डिडक्शन रखी गई है.
कौन कितने प्रतिशत देगा टैक्स?
सरकार की तरफ से विशेष छूट दी गई है. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्स स्लैब में बदलाव की घोषणा की है. नई दरें इस प्रकार होंगी-
मिडिल क्लास को टैक्स में बड़ी राहत
वित्त मंत्री ने कहा कि इस बदलाव से मध्यम वर्गीय परिवारों पर टैक्स का बोझ काफी कम होगा. सरकार का उद्देश्य देश के नागरिकों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है और इस फैसले से करोड़ों लोगों को फायदा होगा.
क्या होगा इस फैसले का असर?
निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में कहा, "हमारा लक्ष्य देश की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करना और हर नागरिक को आत्मनिर्भर बनाना है. यह बजट तेजी से विकास और मध्यम वर्ग को सशक्त बनाने की दिशा में एक और कदम है."
इसके अलावा बजट 2025 में मैन्युफैक्चरिंग, एमएसएमई सेक्टर, ग्रामीण विकास और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए भी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गईं. सरकार का फोकस "तेजी से विकास और मध्यम वर्ग को सशक्त करने" पर है.
क्या है पुरानी और नई टैक्स रिजीम?
भारत में इनकम टेस्ट सिस्टम दो मुख्य श्रेणियों में बांटा जाता है: पुरानी टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) और नई टैक्स रिजीम (New Tax Regime).
1. पुराना कर व्यवस्था (Old Tax Regime)
इसमें कर कटौतियां (जैसे PPF, LIC, होम लोन इंटरेस्ट) का फायदा मिलता है.
टैक्स स्लैब:
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2.5 लाख तक |
कोई टैक्स नहीं |
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2.5 लाख से 5 लाख |
5% टैक्स |
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5 लाख से 10 लाख |
20% टैक्स |
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10 लाख से ऊपर |
30% टैक्स |
-फायदा: टैक्स कटौतियां मिलती हैं, जिससे टैक्स कम हो सकता है.
-नुकसान: समझने में काफी मुश्किल होता है, क्योंकि आपको निवेश और खर्चों का ध्यान रखना पड़ता है.
2. नया कर व्यवस्था (New Tax Regime)
इसमें कोई टैक्स डिडक्शन का फायदा नहीं मिलता.
टैक्स स्लैब:
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2.5 लाख तक |
कोई टैक्स नहीं |
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2.5 लाख से 5 लाख |
5% टैक्स |
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5 लाख से 7.5 लाख |
10% टैक्स |
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7.5 लाख से 10 लाख |
15% टैक्स |
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10 लाख से 12.5 लाख |
20% टैक्स |
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12.5 लाख से 15 लाख |
25% टैक्स |
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15 लाख से ऊपर |
30% टैक्स |
-फायदा: टैक्स दरें कम और आसान है.
-नुकसान: कोई कर कटौती का फायदा नहीं मिलता.
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