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सिविल इंजीनियरिंग के बाद नहीं मिली नौकरी तो शुरू किया अपना बिजनेस, गौपालन कर बेच रहे हैं दूध, घी और गोबर के उत्पाद

उत्तर प्रदेश का यह युवा हर किसी के लिए प्रेरणास्त्रोत है. सिविल इंजीनियर आशुतोष को पढ़ाई के बाद जब नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने हाथ पर हाथ रखकर बैठने की बजाय अपना काम करने की ठानी और नंदिनी गौशाला की शुरूआत की.

Civil Engineer earning in lacs from dairy business Civil Engineer earning in lacs from dairy business
हाइलाइट्स
  • पढ़ाई के बाद नहीं मिली नौकरी तो अपना काम करने की ठानी

  • लोन पर खरीदीं 4 गाय और शुरू किया दूध-घी का व्यवसाय

उत्तर प्रदेश में इटावा जनपद के बीहड़ी आसई गांव में रहने वाले आशुतोष दीक्षित ने कानपुर के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज 2017 में बीटेक सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की थी. पढ़ाई के बाद आशुतोष के बड़े-बड़े सपने थे कि वह अच्छी नौकरी करके अपने परिवार का सहारा बनेंगे. 

पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. लगातार एक साल तक जगह-जगह धक्के खाने के बाद भी आशुतोष को नौकरी नहीं मिली. पर आशुतोष ने हार नहीं मानी. उनमें कुछ अलग करने का जज्बा था और इसलिए उन्होंने पशुपालन में हाथ आजमाने की सोची. 

लोन लेकर खरीदी 4 गायों से की शुरूआत 

आशुतोष ने लोन लेकर राजस्थान के बीकानेर से चार शाहीवाल गाय खरीदीं और व्यवसाय की शुरूआत की. वह पढ़े-लिखे थे इसलिए बिजनेस की बारीकियां सीखने में समय नहीं लगा. चार गाय से शुरूआत करके, धीरे-धीरे अपना व्यवसाय बढ़ाया और 3 साल के अंदर आज 70 गायों की गौशाला के मालिक हैं. 

Shahiwal Cows in his cowshed

वह सभी गायों की अच्छी देखभाल करते हैं और सैकड़ों लीटर गाय का दूध कांच की बोतलों में पैक करके शहर में सप्लाई करते हैं. इससे उन्हें दूध और घी का अच्छी भाव मिल रहा है. गायों को वह जंगल में ही चराते हैं जहां कई तरह की जड़ी-बूटी भी होती हैं. इससे उनकी गायों के दूध की क्वालिटी काफी अच्छी है.  

दूध की क्वालिटी ने बढ़ाई मांग 

आशुतोष का कहना है कि इटावा जनपद के आसपास क्षेत्रों में गाय की यह प्रजाति नहीं पाई जाती है. शाहीवाल गाय राजस्थान और हरियाणा में सबसे अधिक संख्या में हैं. एक गाय 10 से 12 लीटर प्रतिदिन दूध देती है. जिसे कांच की बोतलों में पैक करके 50 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से बेचा जाता है. 

साथ ही, लो फैट का दूध होने के कारण लोगों को इससे कोलेस्ट्रॉल की समस्या नही होती है. ब्लड प्रेशर एकदम मेन्टेन रहता है. इससे उन्हें एक माह में लगभग एक लाख से अधिक प्रॉफिट हो जाता है. 

सालाना 15 लाख रुपए तक की कमाई

सामान्य तौर पर उनका देसी घी बाजार से 3 गुना रेट पर बिकता है. उनका व्यवसाय इतना बढ़ गया है कि सोशल मीडिया पर घी का ऑर्डर आता है. दूध भी बढ़िया क्वालिटी का होने के कारण जनपद के अधिकारी भी उनसे खरीद रहे हैं. गाय के गोबर से लकड़ी और खाद का निर्माण करके अच्छी कमाई कर रहे हैं.  

Ghee and Gobar ki lakadi

आशुतोष ने क्षेत्र के लोगों को रोजगार भी दे रखा है. 6 लोग उनके यहां काम कर रहे हैं. सालाना लगभग 12 से 15 लाख रुपए की आमदनी कमा रहे आशुतोष युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं. 

(अमित तिवारी की रिपोर्ट)