Dabur Pharma in Sahibabad
Dabur Pharma in Sahibabad फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स कंपनी डाबर इंडिया लिमिटेड (Dabur India Limited) के चेयरमैन अमित बर्मन ने इस्तीफा दे दिया है. हालांकि वो कंपनी के नॉन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बने रहेंगे. डाबर ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 11 अगस्त को चेयरमैन और वाइस चेयरमैन के पद में बदलाव को मंजूरी दी है. इसके तहत अमित बर्मन के इस्तीफे को मंजूरी दे दी गई है. ये इस्तीफा 10 अगस्त 2022 से प्रभावी हो गया है.
मोहित और साकेत को मिली बड़ी जिम्मेदारी-
डाबर ने मोहित बर्मन को नॉन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन के तौर पर नियुक्ति किया है. मोहित की नियुक्ति 5 साल के लिए की गई है. इसके अलावा बोर्ड ने साकेत बर्मन को नॉन एग्जीक्यूटिव वाइस चेयरमैन के तौर पर नियुक्त किया है. साकेत का कार्यकाल भी 5 साल के लिए होगा.
अमित बर्मन का सफर-
अमित बर्मन ने कैंब्रिज विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री हासिल की है. अमित बर्मन ने पायलट की भी ट्रेनिंग ली है. अमित बर्मन साल 1999 में डाबर फूड्स के सीईओ के तौर पर नियुक्त हुए थे. उसके बाद से कंपनी ने लगातार कई बिजनेस में कदम रखा. कंपनी ने एथनिक कुकिंग पेस्ट, चटनी और पैकेज्ड फ्रूट जूस के साथ प्रोसेस्ड फूड बिजनेस में काम शुरू किया.
अमित ने डाबर फूड्स के सीईओ का पद तब छोड़ा, जब साल 2007 में कंपनी का डाबर इंडिया लिमिटेड में विलय हो गया. उसके बाद अमित को डाबर इंडिया लिमिटेड का उपाध्यक्ष बनाया गया. साल 2019 में अमित बर्मन को डाबर इंडिया लिमिटेड का चेयरमैन बनाया गया. 30 जून को खत्म हुए तिमाही में कंपनी को 441 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है. जबकि इस अवधि में पिछले साल ये आंकड़ा 438 करोड़ था.
डाबर कंपनी के सफर पर एक नजर-
डाबर कंपनी की शुरुआत 138 साल पहले हुई थी. बर्मन परिवार ने साल 1884 में डाबर इंडिया लिमिटेड की शुरुआत एक आयुर्वेदिक दवा कंपनी के तौर पर की थी. आज ये देश के हर्बल और नेचुरल प्रॉडक्ट की सबसे बड़ी पेशेवर कंपनी है. कंपनी के मार्केट में 250 से ज्यादा उत्पाद हैं. दवाई से लेकर फूड तक में डाबर का बोलबाला है. दुनिया के करीब 60 देशों में डाबर का कारोबार है. चलिए डाबर के सफर पर एक नजर डालते हैं...
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