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Delhi Free Electricity: दिल्लीवासियों को लग सकता है बड़ा झटका! खत्म हो सकती है मुफ्त बिजली, ये है पूरा मामला 

Delhi Free Electricity: दिल्लीवासियों को बड़ा झटका लग सकता है. मुफ्त बिजली खत्म हो सकती है. दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी ने शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इससे राजधानी में रहने वाले 46 लाख परिवारों पर असर पड़ सकता है.

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हाइलाइट्स
  • बजट दिल्ली विधानसभा में हुआ था पारित

  • दिल्ली सरकार ने एलजी को भेजी थी फाइल 

दिल्लीवासियों को बिजली बिल को लेकर एक बड़ा झटका लग सकता है. दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी ने शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इससे राजधानी में रहने वाले 46 लाख परिवारों पर असर पड़ सकता है. आतिशी ने कहा कि शुक्रवार से सब्सिडी वाले बिजली बिल नहीं मिलेंगे और सोमवार को बढ़े हुए बिल आएंगे. आम आदमी पार्टी सरकार ने सब्सिडी पॉलिसी बंद कर दी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सब्सिडी वाले बिल जारी नहीं कर सकती है क्योंकि फाइल अभी भी दिल्ली के उपराज्यपाल के पास अटकी हुई है. 

दिल्ली सरकार ने एलजी को भेजी थी फाइल 

दरअसल, दिल्ली सरकार ने ये बिजली बिल की फाइल उपराज्यपाल को कुछ दिन पहले भेजी थी लेकिन अभी तक भी किसी तरह का जवाब नहीं आया है. आतिशी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “जब तक फाइल मंजूर नहीं हो जाती, तब तक हम सब्सिडी नहीं दे सकते. मैंने इस मामले पर चर्चा के लिए एलजी ऑफिस से भी समय मांगा था लेकिन 24 घंटे से ज्यादा हो गए हैं और मुझे समय नहीं दिया गया है. फाइल भी अभी तक वापस नहीं आई है."

बजट दिल्ली विधानसभा में हुआ था पारित

आतिशी ने कहा कि इस सब्सिडी के लिए बजट दिल्ली विधानसभा ने पारित किया था. केजरीवाल सरकार ने दिल्ली बजट 2023-24 में बिजली सब्सिडी के लिए कुल 3,250 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. बता दें, आप सरकार 200 यूनिट मासिक खपत वाले उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली देती है. मासिक खपत के 201 यूनिट से 400 यूनिट रखने वालों को 850 रुपये पर 50 प्रतिशत सब्सिडी मिलती है.

क्या है एलजी का पक्ष? 

गौरतलब है कि एल-जी कार्यालय ने दिल्ली सरकार से बिजली अधिनियम, 2003 की धारा 108 को लागू नहीं करने और दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के लिए अब तक डिस्कॉम का ऑडिट करना अनिवार्य बनाने पर सवाल उठाया है. एलजी कार्यालय ने अपने बयान में कहा,  "एलजी ने आश्चर्य व्यक्त किया कि डिस्कॉम के सीएजी ऑडिट को रद्द करने के हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सरकार की अपील 7 से अधिक वर्षों से लंबित है. सरकार से तत्काल सुनवाई के लिए अपील दायर करके इसे शीघ्र पूरा करने के लिए कहा जाता है.”