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Motor Insurance Claim: बिना किसी झंझट के बड़ी आसानी से मिलेगा इंश्योरेंस क्लेम, बस फॉलो करें ये प्रोसेस

बीमा कंपनी के साथ अपनी बातचीत का रिकॉर्ड रखें, जिसमें कॉल की तारीख और समय, आपके साथ बात करने वाले व्यक्ति का नाम शामिल है. यह आपको अपने क्लेम को ट्रैक करने में मदद करेगा.

Avoid rejection of motor insurance claim    Avoid rejection of motor insurance claim
हाइलाइट्स
  • किसी भी दुर्घटना की स्थिति में, बीमा कंपनी को इसकी सूचना तुरंत दें.

मोटर इंश्योरेंस बड़े ही काम की चीज है. इसका अंदाजा असल में आपको तब होता है जब इसकी जरूरत आ पड़े. एक्सीडेंट, कार चोरी या आपकी गाड़ी से जुड़ी किसी भी दुर्घटना की स्थिति में आपको और आपकी गाड़ी को मोटर इंश्योरेंस बड़ी वित्तीय आफत से बचाता है. वैसे तो भारत में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य है. यानि थर्ड पार्टी बीमा आपको लेना ही पड़ेगा, लेकिन आपको सलाह है कि कॉम्प्रिहेंसिव कवर  लें क्योंकि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के मुकाबले कॉम्प्रिहेंसिव कवर बेहतर सुरक्षा देता है.  

कॉम्प्रिहेंसिव और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में अंतर है  
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में इंश्योरेंस कंपनी आपकी गाड़ी से किसी तीसरे को या उसकी गाड़ी के नुकसान की भरपाई करती है जबकि कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेस में किसी दुर्घटना की स्थिति में इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसी होल्डर के साथ-साथ तीसरे पक्ष को हुए नुक्सान की भरपाई भी करती है.     

अब इसमें समस्या ये है कि कई लोग अपने मोटर इंश्योरेंस का सही इस्तेमाल नहीं कर पाते और जरूरत के वक्त मोटर इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट हो जाता है. एक सफल क्लेम करने के लिए आपको अपनी पॉलिसी और क्लेम करने के सही प्रोसेस को समझना जरूरी है. जरूरत पड़ने पर आपको मोटर इंश्योरेंस क्लेम करने में कोई दिक्कत न हो इसलिए हम आपको कुछ आसान टिप्स बता रहे हैं.      
 
पॉलिसी खरीदने से पहले मूल्यांकन 
मोटर बीमा पॉलिसी खरीदने से पहले आप अपनी जरूरतों के आधार पर उसका मूल्यांकन कर लें. इस संबंध में अच्छा निर्णय लेने के लिए विभिन्न पॉलिसी में दी जानें वाली सुविधाएं, लाभ और उनकी प्रीमियम दरों की तुलना जरूर करें. मूल्यांकन करने पर आपको इस बात का आईडिया होगा कि क्या इस पॉलिसी में वो सुविधाएं हैं जिनकी आपको जरूरत है, या पॉलिसी में मौजूद कवरेज के अतिरिक्त आपको किसी चीज की जरूरत पड़ सकती है.    

    
अपनी पॉलिसी को समझें
सही प्रक्रिया का पालन न करने के कारण कई क्लेम रिजेक्ट होते हैं. इसलिए आपने जो पॉलिसी ली है उसको अंदर-बाहर अच्छे से समझ लें. पॉलिसी विवरण की समीक्षा करें और समझें पॉलिसी के तहत क्या कवर किया गया है और इस पॉलिसी के तहत क्लेम करने का प्रोसेस क्या है. जान लें पॉलिसी के तहत कवरेज से क्या क्या बाहर है. अगर आपको अपनी पॉलिसी की समझ होगी तो आपको इस बात का आईडिया रहेगा कि क्लेम करते समय कहां कहां मामला फंस सकता है और हो सकता है समय से उसका कोई समाधान निकाल लें.   

दस्तावेजों का रिकॉर्ड रखें
मोटर इंश्योरेंस क्लेम करने के प्रोसेस में दस्तावेजों यानि डॉक्यूमेंटेशन का बड़ा रोल है. क्लेम करते समय आप ये सुनिश्चित करें कि आपके पास आपकी मोटर बीमा पॉलिसी, पंजीकरण प्रमाणपत्र और ड्राइविंग लाइसेंस समेत वाहन से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज हैं. अपने वाहन के नियमित रखरखाव और मरम्मत के भी दस्तावेज साथ रखें. इससे घटना से पहले आपकी गाड़ी की सही स्थिति का अंदाजा मिलेगा, जिससे ये पता चलेगा की ताजा घटना में आपकी गाड़ी को कितना नुकसान हुआ है. 
 
समय पर एक्शन लें 
किसी भी दुर्घटना की स्थिति में, बीमा कंपनी को इसकी सूचना तुरंत दें. साथ ही, आपकी गाड़ी या आपको हुए नुकसान की फोटो लेना बिल्कुल न भूलें और गाड़ी से चोरी हुई चीजों की लिस्ट तैयार कर लें  ( अगर ऐसा हुआ है तो).   बीमा कंपनी आमतौर पर आपको दावा करने के लिए 48 घंटे का समय देती है. अपनी बीमा कंपनी को एक निश्चित समय सीमा के भीतर सही दस्तावेज न दे पाना, क्लेम खारिज होने का बड़ा कारण बनता है. यदि आपके वाहन को नुकसान पहुंचा है  तो मरम्मत के लिए देने से पहले अपनी बीमा कंपनी को इसकी सूचना दें. 

ईमानदार और पारदर्शी बनें
तथ्य छुपाना या अपने वाहन की स्थिति के बारे में झूठ बोलना भी आपकी बीमा पॉलिसी को अमान्य कर सकता है.  बीमा कंपनी के साथ अपनी बातचीत का रिकॉर्ड रखें, जिसमें कॉल की तारीख और समय, आपके साथ बात करने वाले व्यक्ति का नाम शामिल है. यह आपको अपने क्लेम को ट्रैक करने में मदद करेगा.