
वित्त विधेयक 2023 लोकसभा से पास हो गया है. इसमें 64 आधिकारिक संशोधनों के साथ आम करदाताओं के लिए कई फायदे शामिल किए गए हैं. इसमें नई कर व्यवस्था को अपनाने वाले करदाताओं को कुछ राहत देने के साथ जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण का गठन और बॉन्ड में निवेश वाले कुछ श्रेणी के म्यूचअल फंड से दीर्घकालीन टैक्स लाभ को वापस लेना शामिल है.
नई टैक्स रिजीम
सरकार की ओर से पहले प्रस्ताव लाया गया था कि सात लाख तक कमाने वालों को नई टैक्स रिजीम के तहत टैक्स नहीं भरना पड़ेगा, लेकिन सरकार ने इस पर थोड़ी और राहत दी है. अगर किसी की कर योग्य आय 7,00,100 रुपए तक बनती है तो भी उसे अब टैक्स नहीं भरना होगा. वित्त मंत्रालय ने प्रावधान को समझाते हुए कहा कि नई टैक्स के तहत अगर किसी करदाता की वार्षिक आय सात लाख रुपए है तो उसे कोई कर अदा नहीं करना होता है लेकिन आय सात हजार एक सौ रुपए है तो अतिरिक्त आय की वजह से करदाताओं को 25, 010 रुपए का कर देना पड़ता है. इसलिए संशोधन के जरिए राहत देने का प्रस्ताव किया गया है ताकि व्यक्ति जो कर अदा करे वह सात लाख की कर मुक्त आय से बढ़ी हुई आय से अधिक नहीं होना चाहिए. उपरोक्त मामले में सात लाख से अधिक आय सौ रुपए है इसलिए कर भी इतनी ही रकम पर लगना चाहिए.
दूसरे देश रकम भेजने पर भी टैक्स
वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में उदारीकृत धन प्रेषण योजना के तहत एक जुलाई 2023 से शिक्षा और चिकित्सा को छोड़कर भारत से किसी अन्य देश को पैसा भेजने पर 20 प्रतिशत टीसीएस का प्रस्ताव किया गया है. इस प्रस्ताव से पहले भारत से बाहर सात लाख रुपए भेजने पर पांच प्रतिशत टीसीएस लगता था. अलआरएस 2004 में लाया गया. शुरू में इसमें 25 हजार डॉलर भेजने की अनुमति थी. बाद में इसमें चरणबद्ध तरीके से संशोधित किया गया.
क्रेडिट कार्ड से भुगतान
फाइनेंस बिल 2023 में प्रस्ताव दिया गया है कि विदेशों में होने वाला क्रेडिट कार्ड पेमेंट आरबीआई के एलआरएस के तहत लाया जाएगा, जिससे विदेशों में किया जाने वाला खर्च टीसीएस ( टैक्स कलेक्शन एट सोर्स) के दायरे में आए.
डेट फंड्स पर नहीं मिलेगा LTCG का लाभ
फाइनेंस बिल 2023 में डेट फंड्स (जो कि 35 प्रतिशत से अधिक घरेलू कंपनियों के शेयरों में निवेश नहीं करते हैं) पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के लाभ को समाप्त कर दिया है. मौजूदा समय में इन फंड्स में निवेश करने वाले लोगों को इंडेक्सेशन के साथ 20 प्रतिशत और बिना इंडेक्सेशन के साथ 10 प्रतिशत टैक्स चुकाना होता है. इसके बाद निवेशकों को स्लैब के मुताबिक ही टैक्स चुकाना होगा.
ऑनलाइन गेमिंग पर टीडीएस
ऑनलाइन गेमिंग पर लगने वाला टीडीएस अब एक अप्रैल 2023 से प्रभावी होगा. इससे पहले यह एक जुलाई 2023 से लागू किया जाना था. नियम के मुताबिक, अगर आप किसी ऑनलाइन गेम से कोई राशि जीतते हैं. तो उस राशि पर 30 प्रतिशत का टीडीएस कटेगा.
विदहोल्डिंग टैक्स को बढ़ाया
सरकार की ओर से फाइनेंस बिल 2023 के तहत टेक्नीकल सर्विसेज के लिए विदेशी कंपनियों को दी जाने वाली रॉयल्टी और फीस पर लगने वाले विदहोल्डिंग टैक्स को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है.
जीएसटी से जुड़े विवाद तेजी से होंगे हल
जीएसटी को लेकर होने वाले विवादों का निपटारा करने के लिए सरकार की ओर से जल्द अपीलीय न्यायाधिकरण का गठन किया जाएगा, इसके लिए लोकसभा ने मंजूरी दे दी है. इससे जीएसटी के तहत होने वाले विवादों को सुलझाने में तेजी आएगी.
वित्त विधेयक क्या है
अगर परिभाषा पर जाएं तो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 110 के मुताबिक एक वित्त विधेयक एक धन विधेयक भी होता है. कौन सा विधेयक धन विधेयक है और कौन नहीं, यह फैसला करने का एकाधिकार लोकसभा स्पीकर के पास सुरक्षित होता है. जहां तक वित्त विधेयक के अर्थ की बात है तो इसका मतलब सरकार की ओर से लगाए जाने वाले नए करों, मौजूदा कर ढांचे में बदलाव या किसी कर की अवधि समाप्त होने के बाद उसे आगे भी जारी रखने के लिए संसद में प्रस्ताव के रूप में जो मसौदा पेश किया जाता है, वह वित्त विधेयक है. वित्त विधेयक में कर संबंधित प्रस्तावों का विस्तृत ब्योरा दिया जाता है. वित्त विधेयक को भी पहले लोकसभा या निचले सदन में ही पेश किया जाता है. राज्यसभा वित्त विधेयक में बदलाव के सुझाव दे सकता है, लेकिन उसे रोकने या उसे टालने का अधिकार उसके पास नहीं है. पेश किए जाने के बाद वित्त विधेयक को संसद से 75 दिनों के भीतर पास होना आवश्यक है.