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GST Confusion: फूड इंडस्ट्री में GST के कई स्लैब से व्यापारी परेशान, दिल्ली सीएम से की शिकायत

फूड इंडस्ट्री, रेस्टोरेंट, ढाबा और होटल संचालक जीएसटी के जटिल स्लैब से परेशान हैं. इसी को लेकर दिल्ली के व्यापारियों ने चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) के चेयरमैन बृजेश गोयल के नेतृत्व में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से दिल्ली सचिवालय में मुलाकात की.

Delhi CM Rekha Gupta Delhi CM Rekha Gupta
हाइलाइट्स
  • GST काउंसिल में मुद्दा उठाने का वादा

  • फूड इंडस्ट्री में GST स्लैब की दिक्कतें

फूड इंडस्ट्री, रेस्टोरेंट, ढाबा और होटल संचालक जीएसटी के जटिल स्लैब से परेशान हैं. इसी को लेकर दिल्ली के व्यापारियों ने चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) के चेयरमैन बृजेश गोयल के नेतृत्व में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से दिल्ली सचिवालय में मुलाकात की.

मीटिंग को लेकर CTI चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि होटल, रेस्टोरेंट्स एवं फूड व्यापारियों को GST को लेकर बहुत सारी परेशानी आ रही है इसी को लेकर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से मुलाकात की क्योंकि उनके पास वित्त विभाग का भी प्रभार हैं , वो जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में दिल्ली का प्रतिनिधित्व करती हैं इसलिए फूड इंडस्ट्री की समस्या ऊपर तक पहुंचाएंगी.

दिल्ली सीएम से व्यापारियों की मुलाकात
व्यापारियों ने बताया कि अगर हम रेस्टोरेंट्स में खाते हैं, तो 5 प्रतिशत जीएसटी लगता है, वहीं खाने के बाद आइसक्रीम खाई, तो 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है.रोटी पर 5 प्रतिशत, तो पराठे पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है. कोई गेस्ट एक रोटी और दो पराठे खा ले, तो बिल बनाने में परेशानी होती है.

फूड इंडस्ट्री में GST स्लैब की दिक्कतें
रेस्टोरेंट में एसी चल रहा हो या नहीं चल रहा हो लेकिन यदि जीएसटी में एसी रजिस्टर्ड है, तो हर फूड आइटम पर 18 प्रतिशत जीएसटी देना पड़ेगा. ब्रेड पर कोई जीएसटी नहीं लगता है मगर पिज्जा बेस पर 5 प्रतिशत जीएसटी है. लस्सी गिलास में ली तो जीरो टैक्स वहीं पैकेट में ली, तो 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा. यदि प्लेन काजू लिया तो 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा लेकिन उस पर नमक या मसाला लग गया, तो 12 प्रतिशत जीएसटी लगता है. पाउडर फोम में चटनी लेंगे, तो 5 प्रतिशत और लिक्विड फोम में लेंगे, तो 12 प्रतिशत जीएसटी है. खुली नमकीन पर 5 प्रतिशत और पैक्ड नमकीन पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगता है. इस तरह कई दिक्कत बिलिंग में व्यापारी और कस्टमर को होती है.

डबल लाइसेंस सिस्टम पर आपत्ति
फेडरेशन ऑफ स्वीट्स एंड नमकीन मैन्युफैक्चरर्स के प्रेजिडेंट वीरेंद्र जैन ने कहा कि अब रेस्टोरेंट और फूड इंडस्ट्री चलाने में मुश्किल आ रही है. इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने में परेशानी होती है. सरकारी अधिकारी आते हैं, तो गैर जरूरी कागज मांगते हैं. उन्हें समझाना आसान नहीं होता है. विसंगतियों के बीच जीएसटी के नॉर्म्स पूरा करना ईमानदार व्यापारी के लिए मुश्किल हो गया है. कितना सामान खुला और कितना पैक्ड बेचा, इसका ब्यौरा रखना मुश्किल काम है. सॉफ्टवेयर तक फेल हो गए. यही नहीं एक गिफ्ट हेंपर में पांच तरह के जीएसटी स्लैब लग रहे हैं. नमकीन, मिठाई, चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक पर अलग जीएसटी है.

GST काउंसिल में मुद्दा उठाने का वादा
बृजेश गोयल नहीं बताया की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में यह विषय उठाने का भरोसा दिया है, इसके साथ ही सीएम रेखा गुप्ता ने दिल्ली के जीएसटी अधिकारियों को भी इस मुद्दे पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा है. मीटिंग में फूड सेक्टर के व्यापारियों ने बताया कि दिल्ली में डबल लाइसेंस सिस्टम फूड इंडस्ट्री झेल रही है. FSSAI से हेल्थ लाइसेंस लेने के बावजूद एमसीडी अलग से हेल्थ लाइसेंस थोप रही है. इस पर रोक लगनी चाहिए. देश में ऐसा कहीं नहीं है. मीटिंग में प्रियंका सक्सेना, संजय सिंघानिया, किशन अग्रवाल, आनंद गुप्ता, विनय अग्रवाल, ध्रुव अग्रवाल और नवीन गुप्ता मौजूद रहे.

रिपोर्ट- सुशांत मेहरा