
फाइनेंशियल ईयर 2024-25 और असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) यानी आईटीआर (ITR) दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. टैक्सपेयर्स 15 सितंबर 2025 तक बिना किसी शुल्क के आईटीआर दाखिल कर सकते हैं. यदि आप भी आईटीआर दाखिल करने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको यह जरूर जानना चाहिए कि आपकी किसी कमाई पर एक भी पैसा टैक्स नहीं देना होता है. हम आपको आज ऐसी 11 तरह की इनकम के बारे में बता रहे हैं, जिनपर कोई टैक्स नहीं लगता है.
1. कृषि आय
आपको मालूम हो कि सरकार ने खेती-किसानी को बढ़ावा देने के लिए इनकम टैक्स कानून 1961 में कृषि से होने वाली कमाई को टैक्स फ्री रखा है यानी आयकर के दायरे से बाहर रखा है. करदाता खेती से होने वाली अपनी आय को रिटर्न में दिखाकर टैक्स छूट ले सकते हैं. किसान भी खेती से कितना भी मुनाफा कमाएं, उस पर एक भी पैसा टैक्स नहीं देना होता है.
2. पीएफ अकाउंट में जमा पैसा
प्रोविडेंट फंड यानी पीएफ नौकरीपेशा लोगों के लिए सेविंग करने और मोटा फंड जुटाने का एक बड़ा जरिया है. नौकरी करने वाले लोगों की बेसिक सैलरी का एक हिस्सा हर महीने भविष्य निधि खाते में जमा होता है. आपकी ओर से जमा रकम पर इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है. बस यह रकम आपकी बेसिक सैलरी के 12% से अधिक नहीं होनी चाहिए. यदि इससे रकम अधिक है तो बाकी रकम पर आपको टैक्स भरना पड़ेगा.
3. ग्रेच्युटी
सरकारी कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट या मृत्यु के कारण मिलने वाली ग्रेच्युटी पूरी तरह से इनकम टैक्स फ्री होती है. सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली 25 लाख रुपए तक की ग्रेच्युटी टैक्स मुक्त होती है. प्राइवेट कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी के नियम अलग हैं. प्राइवेट कर्मचारी चाहे ‘पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट 1972 के तहत आते हैं या नहीं आते हैं, तो भी उन्हें 20 लाख रुपए तक की ग्रेच्युटी टैक्स फ्री मिलती है. इस सीमा के ऊपर की रकम पर टैक्स लागू होता है.
4. सेविंग अकाउंट से आय
बचत खाता यानी सेविंग अकाउंट से मिलने वाला ब्याज 10 हजार रुपए से कम है तो इस पर कोई टैक्स नहीं लगता है. यदि किसी के पास एक से अधिक सेविंग अकाउंट है और उनमें 10 हजार और पांच हजार रुपए हैं तो सिर्फ पांच हजार रुपए पर ही टैक्स देना होगा. इसका मतलब है कि आपके सभी सेविंग अकाउंट्स पर कुल मिलाकर जितना भी ब्याज मिला है, उसमें से 10 हजार रुपए घटाकर बची रकम पर ही टैक्स आपको देना होगा.
5. पार्टनरशिप फर्म के शेयर से कमाई
इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 10(2) के मुताबिक पार्टनरशिप फर्म के हिस्सेदारों को अपनी कमाई पर इनकम टैक्स भरना नहीं पड़ता है. आपको मालूम हो कि पार्टनरशिप फर्म की आय पर इकाई स्तर पर कर लगाया जाता है. फर्म के लिए काम करने वाले पार्टनर आयकर का भुगतान नहीं करते हैं क्योंकि उन्हें करों का भुगतान करने के बाद लाभ का हिस्सा मिलता है.
6. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर टैक्स छूट
आपको मालूम हो कि इक्विटी या म्युचुअल फंड में आपने निवेश किया है तो इसमें लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स छूट मिलती है. इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 10(36) के अनुसार यदि 1 साल से अधिक समयावधि में शेयर या म्युचुअल फंड बेचने से कैपिटल गेन होता है, तो उस पर टैक्स छूट मिलती है. आपको मालूम हो कि डेट म्युचुअल फंड पर यह लागू नहीं होता है. इससे होने वाली आय पर कर का भुगतान करना होता है.
7. सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम
यदि किसी वरिष्ठ नागरिक ने सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में रुपए निवेश कर रखा है तो इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स में छूट मिलती है. मूल राशि पर कोई टैक्स नहीं देना होता है लेकिन इस पर मिलने वाली ब्याज की रकम पर टैक्स चुकाना पड़ता है.
8. स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति
यदि किसी ने सेवानिवृत्ति की तारीख से पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति यानी VRS ले ली है तो उससे प्राप्त 5 लाख रुपए तक की रकम पर कोई टैक्स नहीं लगता है.
9. छात्रवृत्ति और अवार्ड
यदि किसी स्टूडेंट को कोई छात्रवृत्ति या कोई अवॉर्ड मिलता है जिससे वह पढ़ाई का खर्च चला रहा है तो इस पर इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 10 (16) के तहत उस पर कोई टैक्स नहीं देना होता है. इसमें रकम की कोई सीमा निर्धारित नहीं है.
10. विदेशी सेवाओं के लिए भत्ता
यदि आप किसी सरकारी जॉब में हैं और आपकी नियुक्ति देश के बाहर है और इसके एवज में कोई भत्ता मिलता है तो इनकम टैक्स की धारा 10(7) के तहत उस पर कोई टैक्स नहीं लगता है.
11. शादी में मिले गिफ्ट
यदि आपको अपने माता-पिता से किसी भी प्रकार का कोई भी जेवर, दौलत या नकद विरासत में मिलता है या दिया जाता है तो फिर उसपर कोई भी टैक्स नहीं देना होता. शादियों में लोगों को अक्सर महंगे गिफ्ट और तोहफे मिलते हैं. इनपर कोई टैक्स देने की जरूरत नहीं होती है. यदि गिफ्ट की वैल्यू 50 हजार रुपए से ज्यादा की होगी तो फिर टैक्स भरना पड़ सकता है.