30% Indian employees experience daily stress
30% Indian employees experience daily stress गैलप की ‘स्टेट ऑफ द ग्लोबल वर्कप्लेस 2025 रिपोर्ट’ के अनुसार दक्षिण एशिया के कर्मचारियों में रोजाना तनाव और गुस्सा महसूस करने वालों की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है. इतना ही नहीं यहां के कर्मचारी अपने काम से संतुष्ट भी नहीं हैं. रिपोर्ट बताती है कि 49% भारतीय कर्मचारी ऐसे हैं जो नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं. भारत में दैनिक तनाव और क्रोध का स्तर बाकी दुनिया से काफी ज्यादा है.
कर्मचारी कम जुड़ाव महसूस कर रहे
'स्टेट ऑफ द ग्लोबल वर्कप्लेस 2025 रिपोर्ट' में दक्षिण एशिया को दुनिया का सबसे कम संतुष्ट कर्मचारी क्षेत्र बताया गया है. इसमें भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल और अफगानिस्तान शामिल हैं. रिपोर्ट के अनुसार, न केवल कर्मचारी कम जुड़ाव महसूस कर रहे हैं, बल्कि यहां के लोग दुनिया में सबसे ज़्यादा दैनिक गुस्से और तनाव से भी जूझ रहे हैं. बता दें, गैलप एक वैश्विक एनालिटिक्स और सलाहकार फर्म है जो पब्लिक ओपिनियन और वर्क स्पेस से जुड़ी रिसर्च के लिए जानी जाती है. गैलप की यह रिपोर्ट दुनियाभर के कर्मचारियों की भावनाओं, जुड़ाव और अनुभवों पर आधारित है.
क्या है Employee Engagement
गैलप के अनुसार, Employee Engagement यानी कर्मचारी जुड़ाव उस उत्साह और संलग्नता को दर्शाता है जो कर्मचारी अपने काम और कार्यस्थल के प्रति महसूस करते हैं. जब कर्मचारियों की मूलभूत ज़रूरतें पूरी होती हैं, उन्हें सीखने, योगदान देने और जुड़ाव का मौका मिलता है, तभी वे कंपनी के साथ खुद को ‘एंगेज्ड’ पाते हैं. अगर ऐसा नहीं होता है तो कर्मचारी केवल पैसों के बदले काम देने तक ही सीमित रहते हैं.
भारत में 49% कर्मचारी नई नौकरी की तलाश में
भारत में इस साल Employee Engagement 30% रहा, जो पिछले साल की तुलना में तीन अंक नीचे है. इसका मतलब साफ है. केवल 30% कर्मचारी ही अपने काम में सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं. वहीं दूसरी तरफ ऐसे कर्मचारियों की संख्या ज्यादा है जो अपने काम से असंतुष्ट हैं और नए अवसरों की तलाश में हैं. रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 49% कर्मचारी नई नौकरी की तलाश में हैं.
34% को रोज गुस्सा आता है
भारत में कर्मचारी तनाव और गुस्से का स्तर भी काफी ऊंचा है. रिपोर्ट के अनुसार, 30% भारतीय कर्मचारी रोजाना स्ट्रेस फील करते हैं, जबकि 34% को रोज गुस्सा आता है. चीन में यह आंकड़ा 18% और फिनलैंड में मात्र 6% है, जो दुनिया का सबसे खुशहाल देश माना जाता है.
एंगेज्ड कर्मचारियों की संख्या 23% से घटकर 21%
2024 में दुनियाभर में एंगेज्ड कर्मचारियों की संख्या 23% से घटकर 21% रह गई, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को अनुमानित 438 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. यह रिपोर्ट न सिर्फ वर्क प्लेस की वर्तमान स्थिति को उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि कंपनियों को अपने कर्मचारियों की भलाई को प्राथमिकता देनी चाहिए, नहीं तो प्रोडक्टिविटी में गिरावट जारी रह सकती है.