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IMF की पहली डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर बनेंगी गीता गोपीनाथ, कैसे दिल्ली में पढ़ी लड़की पहुंची IMF तक, जानिए...

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (इंटरनेशनल मोनेटरी फंड/आईएमएफ) की हाई-प्रोफाइल मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने एक बार फिर मिसाल कायम की है. भारत के मैसूर से संबंध रखने वाली गीता अगले महीने वाशिंगटन स्थित संकट ऋणदाता आईएमएफ में नंबर दो अधिकारी बन जाएंगी. गुरूवार को आईएमएफ ने घोषणा की कि गीता गोपीनाथ अब पहले उप प्रबंध निदेशक (फर्स्ट डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर) का पद संभालेंगी.

Gita Gopinath Gita Gopinath
हाइलाइट्स
  • 2018 में नियुक्त हुई थीं आईएमएफ की चीफ इकोनॉमिस्ट

  • मैसूर से संबंध रखती हैं गीता गोपीनाथ

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (इंटरनेशनल मोनेटरी फंड/आईएमएफ) की हाई-प्रोफाइल मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने एक बार फिर मिसाल कायम की है. भारत के मैसूर से संबंध रखने वाली गीता अगले महीने वाशिंगटन स्थित संकट ऋणदाता आईएमएफ में नंबर दो अधिकारी बन जाएंगी. 

गुरूवार को आईएमएफ ने घोषणा की कि गीता गोपीनाथ अब पहले उप प्रबंध निदेशक (फर्स्ट डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर) का पद संभालेंगी. गीता से पहले यह पद जेफ्री ओकामोटो संभाल रहे थे. लेकिन अब गीता आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा के अधीन सेवारत होंगी.

और इसके साथ ही यह पहली बार होगा जब दो शीर्ष पदों पर महिलाएं नेतृत्व करेंगी.

ट्विटर पर आईएमएफ चीफ ने दी जानकारी: 

क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने अपने एक ट्वीट में बताया कि जेफ्री ओकामोटो अगले साल की शुरुआत में आईएमएफ छोड़ देंगे और मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ नई एफडीएमडी होंगी. उन्होंने लिखा कि गीता दुनिया की बेहतरीन मैक्रोइकॉनॉमिस्टों में से एक हैं. 

वर्तमान समय में महामारी ने आईएमएफ के सामने आने वाली आर्थिक चुनौतियों को बढ़ा दिया है और ऐसे में गीता इस पद को बेहतरीन तरीके से संभाल सकती हैं. जॉर्जीवा के मुताबिक ‘सही समय पर सही व्यक्ति’ को यह पद दिया जा रहा है. 

गीता गोपीनाथ को अक्टूबर 2018 में उनकी वर्तमान भूमिका के लिए नियुक्त किया गया था. और जनवरी में वह हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अपने पद पर लौटने वाली थीं. लेकिन अब वह विश्वविद्यालय के पद को छोड़ देंगी. गीता भारत में जन्मी हैं और अब एक अमेरिकी नागरिक भी है।

दिल्ली से पढ़ी हैं गीता गोपीनाथ: 

गीता गोपीनाथ का जन्म 8 दिसंबर 1971 को भारत में हुआ था. वह कर्नाटक के मैसूर में पली-बढ़ी और उनकी स्कूली शिक्षा भी मैसूर में ही हुई है. स्कूल की पढ़ाई के बाद गीता ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्री राम कॉलेज से ग्रैजुएशन पूरी की. और फिर दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से मास्टर्स डिग्री पूरी की. 

साल 1994 में उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ़ वॉशिंगटन में दाखिला लिया और मास्टर्स की डिग्री हासिल की. इसके बाद 1996 में उन्होंने इकोनॉमिक्स विषय से प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में पीएचडी शुरू की और साल 2001 में उन्होंने डिग्री पूरी की. 

2018 में नियुक्त हुई बतौर चीफ इकोनॉमिस्ट: 

पढ़ाई में हमेशा से अच्छी रहीं गीता को अपनी पीएचडी के दौरान यूनिवर्सिटी से स्कॉलरशिप भी मिली थी. उनके करियर की बात करें तो गीता 2001 से 2005 तक शिकागो यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर रहीं.  और फिर उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में असिस्‍टेंट प्रोफेसर के तौर पर ज्‍वाइन किया. 

साल 2010 में वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बन गईं. व्यापार एवं निवेश, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट, मुद्रा नीतियां, कर्ज और उभरते बाजारों की समस्याओं पर उन्‍होंने लगभग 40 शोध-पत्र भी लिखे हैं. साल 2018 में उन्हें आईएमएफ में बतौर चीफ इकोनॉमिस्ट नियुक्त किया गया था. 

और अब यह एक और उपलब्धि गीता ने हासिल की है. गीता दुनिया के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती हैं. विश्व अर्थशास्त्र पर उनके लेख और सरकारों को उनकी सलाह की सराहना की जाती है. लेकिन यह सब उनकी कड़ी मेहनत का नतीजा है. गीता भारत के हर युवा के लिए एक प्रेरणा है.