scorecardresearch

6 दिसंबर को मोदी से मुलाकात करेंगे रूस के राष्ट्रपति पुतिन, इन्वेस्टमेंट और डिफेंस जैसे मुद्दों पर चर्चा संभव

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रही चुनौतियों के बीच रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन 6 दिसंबर को भारत आ रहे हैं. यह भारत और रूस के रिश्ते में गहराई लाने का सुनहरा अवसर है. इस दौरान क्षेत्रीय मुंद्दों के साथ आपसी और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों को लेकर बातचीत संभव है.

India-Russia Summit (PC: Reuters) India-Russia Summit (PC: Reuters)
हाइलाइट्स
  • एक दिन के लिए भारत आएंगे रूसी राष्ट्रपति

  • आपसी और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर होगी चर्चा

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन 6 दिसंबर को भारत यात्रा पर आ रहे हैं. इस वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान भारत और रूस के बीच रक्षा और राजनीतिक संबंधों और क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय विकास को लेकर चर्चा होगी. रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव 5 दिसंबर को भारत पहुंचेंगे और 2+2 समिट में हिस्सा लेंगे.

2+2 अलग से होगी
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची रूस से भारत की विश्वसनीय और पुरानी रणनीतिक और सामरिक साझेदारी को लेकर आशान्वित हैं. एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान उन्होंने कहा कि इस वार्ता से दोनों पक्षों के बीच गहन जुड़ाव उतपन्न होगा. इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और शोइगू सैन्य-तकनीकी सहयोग पर अंतर-सरकारी आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे, जबकि विदेश मंत्री एस जयशंकर सोमवार सुबह तड़के लावरोव के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे. बागची ने कहा कि इन बैठकों के बाद उद्घाटन 2+2 मंत्रिस्तरीय संवाद होगा, जिसमें द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक और रक्षा मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है. भारत की  2+2 मंत्रिस्तरीय बैठकें सिर्फ कुछ ही देशों के साथ होती है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका जैसे देश शामिल हैं.

कई अहम समझौते होना संभव
6 दिसंबर को दोपहर में अपने वार्षिक शिखर सम्मेलन में दोनों नेता राज्य और द्विपक्षीय संबंधों की संभावनाओं की समीक्षा करेंगे और द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे. शिखर सम्मेलन क्षेत्रीय, बहुपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का एक अवसर होगा. इस दौरान कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है.

रूस पर टिप्पणी करने से किया इनकार
रूस से पांच एस-400 वायु रक्षा प्रणालियों के अधिग्रहण के भारत के सौदे पर काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (सीएएटीएसए) के तहत द्वितीयक प्रतिबंध लगाने की अमेरिका की धमकी के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कहा, “भारत और अमेरिका के बीच एक विशेष वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है. रूस के साथ हमारी एक विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी भी है और हम एक स्वतंत्र विदेश नीति का अनुसरण करते हैं. हालांकि उन्होंने रूसी अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि मॉस्को ने एस-400 सिस्टम की पहली रेजिमेंट की डिलीवरी शुरू कर दी है.