Sundar Pichai (photo twitter) 
 Sundar Pichai (photo twitter) Sundar Pichai Salary: गूगल के कर्मचारी जहां छंटनी और सैलरी में अंतर को लेकर परेशान हैं, वहीं सीईओ सुंदर पिचाई ने ने मोटी कमाई की है. भारतवंशी सुंदर पिचाई को साल 2022 में करीब 226 मिलियन डॉलर यानी 18.54 अरब रुपए वेतन मिला है. यह रकम सामान्य कर्मचारी के वेतन से 800 गुना अधिक है.
स्टॉक अवार्ड के कारण इतनी ज्यादा मिली सैलरी
गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट Inc ने इतना भारी-भरकम वेतन सीईओ के पद पर उनका प्रमोशन और कई प्रॉडक्ट्स की कामयाब लॉन्चिंग के लिए दिया है. पिचाई के नेतृत्व में गूगल को अपने प्रमुख विज्ञापनों एवं यूट्यूब बिजनेस से मुनाफा हुआ. इस दौरान कंपनी ने मशीन लर्निंग, हार्डवेयर और क्लाउड कंप्यूटिंग में भी निवेश किया है. कंपनी ने बताया है कि स्टॉक अवार्ड के कारण पिचाई को सैलरी इतनी ज्यादा मिली है. 
स्टॉक रिवार्ड हर तीन साल में मिलता है
सुंदर पिचाई वेतन में करीब करीब 218 मिलियन डॉलर यानी 17.88 अरब रुपए स्टॉक अवार्ड के शामिल हैं. हालांकि सैलरी के प्वॉइंट ऑफ व्यू से देखा जाए, तो सुंदर पिचाई की सैलरी बीते 3 साल से समान स्तर पर बनी हुई है. सीईओ के लेवल पर उनको स्टॉक रिवार्ड हर 3 साल में मिलता है, इसलिए 2022 में उन्हें इतना बड़ा पेमेंट मिला है. इससे पहले 2019 में भी उन्हें इसी तरह का जबरदस्त पेमेंट मिला है.
एम्प्लॉई की ऐवरेज सैलरी 
सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन फाइलिंग के अनुसार, पिछले साल अल्फाबेट के एमप्लॉइज की ऐवरेज सैलरी करीब 2.42 करोड़ (2,95,884 डॉलर) थी. अमेरिका की 20 सबसे बड़ी टेक कंपनियों की तुलना में, अल्फाबेट ने अपने एमप्लॉइज को कॉम्पिटिटर्स की तुलना में 153% ज्यादा पेमेंट किया.
सैलरी में अंतर को लेकर कर रहे प्रदर्शन 
सुंदर पिचाई की सैलरी से जुड़े ये आंकड़े कंपनी ने ऐसे वक्त में जारी किए हैं, जब दुनिया के अलग-अलग देशों में गूगल के एम्प्लॉइज सैलरी में अंतर, कॉस्ट कटिंग और छंटनी को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी महीने की शुरुआत में कंपनी के लंदन ऑफिस के बाहर छंटनी को लेकर सैकड़ों एम्प्लॉइज ने प्रदर्शन किया था. इससे पहले मार्च में गूगल के ज्यूरिख ऑफिस में 200 से ज्यादा लोगों की छंटनी किए जाने के बाद एम्प्लॉइज ने प्रदर्शन किया था. कैलिफोर्निया स्थित कंपनी माउंटेन व्यू ने जनवरी में घोषणा की थी कि दुनियाभर में 12,000 नौकरियों में कटौती की जाएगी, जो उसके वैश्विक कर्मचारियों के 6 फीसदी के बराबर है.