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Finance Ministry: यूपीआई से ट्रांजेक्शन करने वालों के लिए सरकार ने दिया तोहफा, बजट से पहले ये टैक्स किए माफ

रुपे डेबिट कार्ड और कम कीमत के भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर बैंकों को दिए जाने वाले प्रोत्साहन पर माल और सेवा कर नहीं लगेगा. वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी है.

BHIM-UPI ट्रांजैक्शन पर नहीं लगेगा GST BHIM-UPI ट्रांजैक्शन पर नहीं लगेगा GST
हाइलाइट्स
  • रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए उठाया कदम

  • यूपीआई ने दिसंबर में डिजिटल भुगतान लेनदेन का बनाया था रिकॉर्ड 

सरकार ने बजट से पहले बड़ा तोहफा दिया है. अब रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से बैंकों को दिए जाने वाले इंसेंटिव पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) नहीं लगेगा. वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी है. जीएसटी के मुख्य कमिश्नर को भेजे एक सर्कुलर में वित्त मंत्रालय ने कहा कि प्रोत्साहन सीधे सेवा के कीमत से जुड़ी सब्सिडी से संबंधित है. यह केंद्रीय जीएसटी कानून, 2017 के प्रावधानों के तहत लेनदेन के टैक्स योग्य कीमत का हिस्सा नहीं है

पिछले सप्ताह केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चालू वित्त वर्ष में रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बैंकों के लिए 2,600 करोड़ रुपए की इंसेंटिव स्कीम को मंजूरी दी थी. रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना के तहत सरकार बैंकों को रुपे डेबिट कार्ड लेनदेन के मूल्य और 2,000 रुपए तक के कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेनदेन के प्रतिशत के रूप में प्रोत्साहन राशि का भुगतान करती है. 

ये नियम बना मददगार
भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम 2007 बैंकों और प्रणाली प्रदाताओं को रुपे डेबिट कार्ड या भीम के माध्यम से भुगतान लेने या किसी को भुगतान करने पर शुल्क लेने से रोकता है. रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मेइटी) द्वारा दिए गए प्रोत्साहन पर जीएसटी नहीं लगेगा. इस तरह का लेनदेन सब्सिडी के रूप में है और इसपर कर नहीं लगेगा.

लेनदेन का बनाया था रिकॉर्ड
यूपीआई ने अकेले दिसंबर में 12.82 लाख करोड़ रुपए के कीमत के 782.9 करोड़ डिजिटल भुगतान लेनदेन का रिकॉर्ड बनाया है. रुपे, कम कीमत के भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन पर जीएसटी नहीं लगाने से इस क्षेत्र में और ज्यादा बढ़ोतरी आने की उम्मीद है.