 Income Tax Return Filing
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 Income Tax Return Filing ITR Filing: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को बड़ी राहत दी है. इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल करने की अंतिम तारीख बढ़ा दी है. पहले आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर 2025 थी, जिसे बढ़ाकर 10 दिसंबर 2025 कर दी गई है. इतना ही नहीं ऑडिट रिपोर्ट फाइल करने की तारीख भी 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 10 नवंबर 2025 कर दी गई है. आपको मालूम हो कि यह राहत मुख्य रूप से उन करदाताओं (टैक्सपेयर्स) के लिए है जिनके अकाउंट्स का ऑडिट अनिवार्य है.
CBDT ने क्यों लिया ये फैसला 
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीडीटी ने आईटीआर दाखिल करने की डेडलाइन बढ़ाने का फैसला टैक्सपेयर्स, ऑडिटर्स और प्रोफेशनल्स की मांग को देखते हुए लिया है ताकि समय पर और बिना पेनल्टी के रिटर्न फाइल की जा सके. ये बढ़ोतरी सिर्फ क्लॉज (a) ऑफ एक्सप्लनेशन 2 टू सेक्शन 139(1) के तहत आने वाले टैक्सपेयर्स के लिए लागू होगी. CBDT ने टैक्सपेयर्स से अपील की है कि वे इन बढ़ी तिथियों का लाभ उठाते हुए समय पर आईटीआर दाखिल जरूर कर दें. सीबीडीटी ने स्पष्ट किया है कि इन विस्तारों के अलावा अन्य तारीखे यथावत रहेंगी.
बढ़ी हुई तिथि का ये लोग उठा सकते हैं लाभ
1. बड़े बिजनेस फर्म्स
2. कॉरपोरेट्स
3. प्रोफेशनल्स (सीए, डॉक्टर, आर्किटेक्ट आदि)
4. पार्टनरशिप फर्म्स
...तो लेट फीस या पेनल्टी नहीं लगेगी
यह एक्सटेंशन Assessment Year 2025-26 यानी वित्त वर्ष 2024-25 के लिए है. इस अवधि में 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 के बीच की आय शामिल होती है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने यह कहा है कि 10 दिसंबर 2025 तक फाइल की गई रिटर्न on-time filing मानी जाएगी यानी लेट फीस या पेनल्टी नहीं लगेगी. यदि कोई करदाता 10 दिसंबर 2025 के बाद फाइल करता है तो फिर उस पर सेक्शन 234F के तहत लेट फीस लगेगी. वैसे टैक्सपेयर्स जो बाद में आईटीआर फाइल करना चाहते हैं, वे सेक्शन 139(8A) के तहत अपडेटेड रिटर्न फाइल कर सकते हैं. हालांकि इस पर अतिरिक्त ब्याज और पेनाल्टी का भुगतान करना होता है.यदि पांच लाख रुपए से आय कम है तो 1000 रुपए और ₹5 लाख से इनकम अधिक है तो  ₹5,000 लेट फाइन देना होगा.
ITR फाइलिंग और टैक्स ऑडिट रिपोर्ट में क्या है अंतर
1. टैक्स ऑडिट रिपोर्ट एक चार्टर्ड अकाउंटेंट की ओर से तैयार की जाती है. इसमें कंपनी या फर्म की वित्तीय स्थिति, खर्च और आय का लेखा-जोखा होता है. 
2. ITR वह दस्तावेज है जो टैक्सपेयर्स स्वयं जमा करता है ताकि सरकार को अपनी आय और टैक्स का विवरण दिया जा सके.