
ITR Filing Process: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने वित्त वर्ष 2024-25 और असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2025 तय की है. इसके बाद ITR दाखिल करने पर जुर्माना देना पड़ेगा.
किसी भी करदाता को आईटीआर भरने के लिए अंतिम तिथि का इंतजार नहीं करना चाहिए. चार्टर्ड अकाउंटेंट राकेश कुमार सिंह बता रहे हैं कि कैसे कोई करदाता खुद इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकता है और इसके लिए कौन-कौन से कागजात चाहिए. सीए राकेश कुमार सिंह यह भी बताएंगे कि आईटीआर दाखिल करने के कितने दिनों बाद आपके बैंक खात में रिफंड का पैसा आ सकता है.
क्या है आईटीआर
आईटीआर एक ऐसा फॉर्म है, जिसमें किसी व्यक्ति की कमाई और उस पर लगने वाले टैक्स की जानकारी भरता है. इसमें सैलरी से हुई आमदनी, बिजनेस या प्रोफेशन के जरिए की गई कमाई, हाउस प्रॉपर्टी के जरिए इनकम, कैपिटल गेन्स के जरिए की कमाई, लॉटरी, रॉयल्टी इनकम, डिविडेंड, डिपॉजिट पर ब्याज आदि से की गई इनकम आती है.
सात तरह के होते हैं आईटीआर फॉर्म
1. आईटीआर-1 फॉर्म.
2. आईटीआर-2 फॉर्म.
3. आईटीआर-3 फॉर्म.
4. आईटीआर-4 फॉर्म.
5. आईटीआर-5 फॉर्म.
6. आईटीआर-6 फॉर्म.
7. आईटीआर-7 फॉर्म.
- किस व्यक्ति को कौन सा फॉर्म भरना होगा यह उसकी आमदनी और उसके नेचर पर निर्भर करेगा.
दो तरह का होता है टैक्स रिजीम
1. ओल्ड टैक्स रिजीम.
2. न्यू टैक्स रिजीम.
इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए टैक्स रिजीम का चुनाव करना होता है. टैक्स रिजीम दो तरह के हैं. एक ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) और दूसरा न्यू टैक्स रिजीम. इनकम टैक्स एक्ट की धारा 115BAC में न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) को डिफॉल्ट टैक्स रिजीम बना दिया गया है. इसका मतलब है कि यदि आपने दोनों टैक्स रिजीम में से किसी एक का चुनाव नहीं किया तो आप स्वत: न्यू टैक्स रिजीम में आएंगे. न्यू और ओल्ड टैक्स रिजीम दोनों में अलग-अलग टैक्स छूट और दरें मिलती हैं. नई टैक्स रिजीम में टैक्स में छूट प्राप्त करने के लिए बहुत सीमित विकल्प हैं. जबिक पुरानी कर व्यवस्था में टैक्सपेयर्स को करीब 70 तरीकों से डिडक्शन और टैक्स छूट का लाभ लेने का मौका मिलता है.
ITR पहले भरने के फायदे
1. ITR फाइल करने के लिए डेडलाइन का इंतजार नहीं करना चाहिए.
2. आईटीआर पहले दाखिल करने से आपके बैंक खाते में रिफंड का पैसा जल्दी आ जाएगा.
3. यदि इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने में कोई गलती हो गई है तो आप उसमें सुधार कर सकते हैं.
4. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से यदि कोई जानकारी मांगी जाती है तो आप अंतिम तिथि से पहले दे सकते हैं.
आईटीआर दाखिल करने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स
1. आधार और पैन कार्ड.
2. बैंक अकाउंट डिटेल.
3. सैलरीड पर्सन के लिए फॉर्म 16.
4. टीडीएस सर्टिफिकेट.
5. टैक्स डिडक्शन के दावे के लिए इनवेस्टमेंट प्रूफ.
6. बैंकों और डाकघरों से मिले ब्याज का प्रूफ.
7. छूट क्लेम करने के लिए डोनेशन किया है तो उसकी रसीद.
8. स्टॉक ट्रेडिंग स्टेटमेंट.
9. इंश्योरेंस पॉलिसी की रसीद.
10. आधार से वैलिडेट बैंक खाता.
11. बैंक से लिया ब्याज सर्टिफिकेट सहित निवेश के अन्य डॉक्यूमेंट.
खुद से ऐसे दाखिल कर सकते हैं इनकम टैक्स रिटर्न
1. आईटीआर दाखिल करने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के ई-फाइलिंग पोर्टल https://eportal.incometax.gov.in/ पर जाना होगा.
2. फिर ऑफिशियल वेबसाइट पर पैन और यूजर आईडी डालकर अपना पासवर्ड बनाएं और लॉग इन करें.
3. इसके बाद डैशबोर्ड पर, ई-फाईल आयकर रिटर्न > 'आयकर रिटर्न दाखिल करें' पर क्लिक करें.
4. फिर असेसमेंट ईयर का चुनाव करें. जैसे 2025-26 और फिर 'कंटीन्यू' पर क्लिक करें.
5. इसके बाद आईटीआर फाइल करने के लिए ऑनलाइन ऑप्शन को चुनें.
6. टैक्स आय और टीडीएस कैलकुलेशन के हिसाब से अपना आईटीआर फॉर्म चुनें.
7. ITR फॉर्म चुनने के बाद सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स को पास रखकर स्टार्ट ऑप्शन पर क्लिक करें.
8. फिर कंप्यूटर या लैपटॉप के स्क्रीन पर कुछ सवाल आएंगे, जो भी आप पर लागू हैं, उसके चेक बॉक्स को मार्क करके कंटीन्यू क्लिक कर दें.
9. डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक अपनी आय और कटौती का ब्योरा अलग-अलग सेक्शन में दर्ज करें.
10. यदि टैक्सलायबिलिटी का मामला है तो आपके दिए गए ब्योरे के आधार पर टैक्स-कैलकुलेशन का संक्षिप्त विवरण दिखेगा.
11. कैलकुलेशन के हिसाब से टैक्सलायबिलिटी बनती है तो अभी भुगतान करें और बाद में भुगतान करें का विकल्प चुन सकते हैं.
12. यदि कोई टैक्सलायबिलिटी नहीं बनती, तो फिर टैक्स चुकाने के बाद, 'प्रिव्यू रिटर्न' पर क्लिक करना होगा.
13. इसके बाद 'प्रिव्यू और रिटर्न जमा करें' डिक्लेरेशन चेकबॉक्स पर क्लिक करके 'वैलिडेशन के लिए आगे बढ़े' ऑप्शन चुनें.
14. प्रिव्यू देखें और 'रिटर्न जमा करें' पेज पर, वेरिफाई के लिए आगे बढ़ें. रिटर्न को वेरिफाई और ई-सत्यापि करना अनिवार्य है.
15. ई-वेरिफाई पेज पर जिस विकल्प का इस्तेमाल कर आप ई-सत्यापन करना चाहते हैं, उसे चुनें और 'कंटीन्यू' पर क्लिक करें.
16. एक बार जब आप रिटर्न को ई-वेरिफाई करा लेते हैं तो फार्म के सफलतापूर्व भरे जाने की सूचना स्क्रीन पर दिखती है.
17. ट्रांजैक्शन आईडी और एकनॉलेजमेंट नंबर स्क्रीन पर मिलता है, जिससे आप भविष्य में अपने आईटीआर फॉर्म का स्टेटस चेक कर सकते हैं.
18. ई-फाइलिंग पोर्टल पर आपका जो मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी रजिस्टर्ड है, फॉर्म सफलता पूर्वक भरने जाने का मैसेज मिल जाएगा.
19. रिटर्न दाखिल करने के बाद 30 दिनों के भीतर वेरिफाई जरूर कर लें.
20. आप आधार ओटीपी, ईवीसी, नेट बैंकिंग का उपयोग करके या सीपीसी, बेंगलुरु को आईटीआर-वी की एक भौतिक प्रति भेजकर ई-सत्यापन कर सकते हैं.
कितने दिनों में आता है रिफंड का पैसा
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने रिफंड प्रक्रिया को और तेज करने के लिए ऑटोमेशन और तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में बताया था कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट औसतन 10 दिन में आईटीआर रिफंड जारी कर रहा है. चार्टर्ड अकाउंटेंट राकेश कुमार सिंह ने बताया कि रिफंड का पैसा कितने दिनों में आएगा यह कई स्थितियों पर निर्भर करता है. किसी को एक सप्ताह में भी रिफंड का पैसा मिल जाता है तो किसी को मिलने में 15 दिन या इससे ऊपर लग जाता है.
सीए राकेश कुमार सिंह ने बताया कि यदि रिटर्न की संख्या ज्यादा हो और आप डेडलाइन के करीब आईटीआर दाखिल करते हैं, तो प्रोसेसिंग में ज्यादा समय लग सकता है क्योंकि उस समय इनकम टैक्स डिपार्टमेंट पर काम का बोझ बढ़ जाता है. कुछ करदाता आईटीआर दाखिल करने के बाद ई-वेरिफिकेशन नहीं करते हैं, ऐसे में उनका रिफंड का पैसा अटक जाता है. सीए राकेश कुमार सिंह ने बताया कि आयकर विभाग आईटीआर के ई-वेरिफिकेशन के बाद ही रिफंड की प्रक्रिया शुरू करता है. PAN और आधार लिंक नहीं होने पर ITR होल्ड हो सकती है.TDS डिटेल्स में गड़बड़ी पर रिफंड अटक सकता है. बैंक अकाउंट नंबर या IFSC कोड में गलती से रिफंड अटक सकता है. यदि आयकर विभाग ने कोई ईमेल या नोटिस भेजा है और आपने उसका जवाब नहीं दिया तो रिफंड प्रोसेस रुक सकता है.
...तो देना पड़ेगा ब्याज
सीए राकेश कुमार सिंह ने बताया कि यदि किसी का रिफंड 30 दिन से ज्यादा लेट होता है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को 6 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज देना होगा. ये ब्याज तब तक मिलता है, जब तक रिफंड खाते में नहीं आ जाता. यदि किसी को लगता है कि रिफंड में बेवजह देरी हो रही है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ई-निवारण प्रणाली में शिकायत दर्ज कर सकते हैं. इसके बावजूद यदि रिफंड नहीं मिलता है तो आप हाईकोर्ट में रिट पेटिशन दायर कर सकते हैं.
ऐसे कर सकते हैं ITR वेरिफाई
1. रिफंड के लिए ITR का वेरिफिकेशन जरूरी है.
2. आप आधार OTP से वेरिफिकेशन कर सकते हैं.
3. नेट बैंकिंग से ITR वेरिफाई कर सकते हैं.
4. बैंक अकाउंट से आधार ई-वेरिफाई कर सकते हैं.
5. डीमैट अकाउंट से ITR वेरिफाई कर सकते हैं.
6. एटीएम कार्ड से भी ITR वेरिफाई कर सकते हैं.
7. ऑफलाइन तरीके से भी ITR वेरिफाई कर सकते हैं.