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जुलाई-सितम्बर तिमाही के लिए भारत की जीडीपी 8.4 फीसदी, चीन और अमेरिका जैसे देशों को छोड़ा पीछे

India GDP Growth: पिछले साल दो-तिमाही के कॉन्ट्रैक्शन के बाद सकारात्मक वृद्धि की यह लगातार चौथी तिमाही है. अधिकतर विशेषज्ञों ने जुलाई-सितम्बर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.5 प्रतिशत और 8.5 प्रतिशत के बीच रहने का अंदाजा लगाया था. जीडीपी के साथ कंस्ट्रक्शन और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भी सुधार देखने को मिला है. वहीं मॉनसून सीजन के  बढ़िया रहने की वजह से भी जीडीपी पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है.

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हाइलाइट्स
  • सकारात्मक वृद्धि की यह लगातार चौथी तिमाही

  • पिछले साल इसी अवधि के दौरान 7.4 फीसदी तक गिर गई थी जीडीपी 

  • पिछले साल इसी अवधि के दौरान 7.4 फीसदी तक गिर गई थी जीडीपी 

  • जीडीपी वृद्धि में चीन को छोड़ा पीछे 

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) गुड न्यूज़ लेकर आई है. अच्छे मॉनसून सीजन के साथ भारत के जीडीपी ग्रोथ रेट (India GDP Growth Rate) में वृद्धि दिखी है. जुलाई-सितम्बर तिमाही के लिए भारत की जीडीपी 8.4 फीसदी दर्ज की गई है. केंद्र सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही के लिए जारी किए गए GDP के आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था कोरोना काल के बाद रिकवरी के रास्ते पर निकल पड़ी है. यही नहीं इस तिमाही की जीडीपी ने  कोरोना काल से पहले वाली दर को भी पार कर गई है. 

सकारात्मक वृद्धि की यह लगातार चौथी तिमाही

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने अपने वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही के जीडीपी अनुमान में यह जानकारी दी है. इस साल की शुरुआत में महामारी की दूसरी लहर के बाद आर्थिक गतिविधियां सामान्य स्थिति में लौट रही हैं, पिछले साल दो-तिमाही के कॉन्ट्रैक्शन के बाद सकारात्मक वृद्धि की यह लगातार चौथी तिमाही है. अधिकतर विशेषज्ञों ने जुलाई-सितम्बर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.5 प्रतिशत और 8.5 प्रतिशत के बीच रहने का अंदाजा लगाया था. इस तिमाही के लिए ‘जीडीपी ऐट कॉन्स्टैंट प्राइसेज’ 35.73 लाख करोड़ रुपये है जबकि पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में यह आंकड़ा 32.97 करोड़ रुपये था. 

पिछले साल इसी अवधि के दौरान 7.4 फीसदी तक गिर गई थी जीडीपी 

जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए देश की जीडीपी (India GDP Growth) में हुई वृद्धि एक अच्छा सूचक है. हालांकि विशेषज्ञों के मुताबिक इस उछाल की वजह कोरोना काल में दर्ज की गई भारी गिरावट से तुलना  है. भारत की जीडीपी 2020-21 में इसी अवधि के दौरान 7.4 फीसदी गिर गई थी. जीडीपी के साथ कंस्ट्रक्शन और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भी सुधार देखने को मिला है. वहीं मॉनसून सीजन के  बढ़िया रहने की वजह से भी जीडीपी पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है.

पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और डिफेंस का सबसे बढ़िया प्रदर्शन

अच्छे मॉनसून की वजह से कृषि में तेजी आई, जिससे बैक-टू-बैक 4.5 फीसदी की बढ़त देखने को मिली. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में  5.5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो घरेलू मांग में सुधार और साथ ही निर्यात में उछाल दर्शाता है. अनलॉकिंग के प्रभाव को निर्माण, व्यापार, होटल, परिवहन और वित्तीय सेवाओं में आई 7-8 प्रतिशत के उछाल में देखा जा सकता है. सबसे बढ़िया प्रदर्शन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और डिफेंस का रहा, जिसमें 17.4 प्रतिशत की जबरदस्त वृद्धि देखने को मिली.

जीडीपी वृद्धि में चीन को छोड़ा पीछे 

मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के वी सुब्रमण्यम ने कहा कि भारत को चालू वित्त वर्ष (अप्रैल 2021 से मार्च 2022) में दो अंकों वाली वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है, जो बढ़ती मांग और एक मजबूत बैंकिंग क्षेत्र से सहायता प्राप्त है. उन्होंने यह भी कहा कि ‘सेमिनल सेकंड जनरेशन रिफॉर्म्स’ इस दशक के दौरान देश को 7 प्रतिशत से अधिक बढ़ने में मदद करेंगे. इस वित्त वर्ष, चीन के लिए सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर का अनुमान 8 प्रतिशत और अमेरिका के लिए 6 प्रतिशत था. भारत के पड़ोसी देश चीन ने जुलाई-सितंबर 2021 की अवधि में 4.9 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है, जो भारत की तुलना में काफी कम है.