
अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने रूस से तेल खरीदना बंद करने पर सहमति जताई है. उन्होंने कहा कि भारत के रूस से तेल खरीदने से मुझे खुशी नहीं थी, लेकिन आज उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि वे रूस से तेल नहीं खरीदेंगे. अब हमें चीन से भी यही करवाना होगा. हालांकि ट्रंप के दावे पर भारत ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. आफको बता दें कि अमेरिका ने अगस्त 2025 में भारत पर रूस से तेल खरीदने की वजह से 25 फीसदी एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया है.
अगस्त के मुकाबले सितंबर में कम खरीदारी-
भारत ने साल 2025 के अगस्त महीने में रूस से औसतन 1.72 मिलियन बैरल रोजाना कच्चा तेल आयात किया. जबकि सितंबर में ये आंकड़ा 1.61 मिलियन बैरल रह गया. आंकड़ों के मुताबिक रूस भारत का टॉप ऑयल सप्लायर है. रूस से भारत 17.8 लाख बैरल रोजाना तेल खरीदता है. जबकि इराक से भारत 9 लाख बैरल रोजाना तेल खरीदता है. सऊदी अरब से 7 लाख बैरल और अमेरिका से 2.71 लाख बैरल रोजाना खरीदता है.
दूसरे देशों के मुकाबले सस्ता तेल देता है रूस-
भारत रूस से तेल खरीदना इसलिए बंद नहीं करता है, क्योंकि रूस दूसरे देशों के मुकाबले सस्ता तेल भारत को देता है. भारत का रूस के तेल आयात पहले कम था, लेकिन यूक्रेन के साथ युद्ध के बाद आयात तेजी से बढ़ा. रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत साल 2021 में रूसी तेल का सिर्फ 0.2 फीसदी आयात किया था. लेकिन साल 2025 में भारत ने 1.67 मिलियन बैरल रोजाना तक पहुंच गया.
भारत को सबसे महंगा तेल बेचता है अमेरिका-
रूस भारत को सबसे सस्ता तेल बेचता है. जबकि अमेरिका सबसे महंगा तेल बेचता है. रूस से आयात किए गए तेल की प्रति बैरल कीमत 63 डॉलर है. फिलहाल भारत रूस से इंपोर्ट का 37 फीसदी हिस्सा आयात करता है. भारत को तेल आयात करने में दूसरे नंबर पर इराक है. भारत इराक से 78 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से तेल आयात करता है. जबकि सऊदी अरब, अमेरिका, नाइजीरिया, अंगोला, ब्राजील से भारत 83 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से तेल आयात करता है. भारत यूएई और ईरान से 78 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से तेल आयात करता है.
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