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ITR Filing AY 2022-23: सैलरी कम है फिर भी भरना चाहिए इनकम टैक्स रिटर्न, लोन लेने और इनकम प्रूफ देने में होता है फायदा

ITR Filing AY 2022-23: अगर आपकी सैलरी कम भी है तब भी आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की सलाह दी जाती है. आईटीआर दाखिल करने का सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि इसमें आगे चलकर आपको लोन लेने में मदद मिलती है. इतना ही नहीं बल्कि आप अपने टैक्स डिडक्टेड (TDS) के लिए भी क्लेम कर सकते हैं.

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हाइलाइट्स
  • सभी को करना चाहिए आईटीआर दाखिल

  • ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है

हम अक्सर इस भ्रम में रहते हैं कि जिनकी सैलरी ज्यादा होती है केवल वही इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं. लेकिन जिन लोगों की सालाना आय 2.5 लाख रुपये से कम है उन्हें भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना चाहिए. कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि हर उस इंसान को रिटर्न फाइल करना चाहिए जो वेतनभोगी हैं.  भले ही आपकी सैलरी टैक्सेबल हो, या आपकी आय उस लिमिट से कम हो, जहां से टैक्स लगाया जाता है. बता दें, इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई रखी गई है.

तो चलिए समझते हैं कि आखिर इनकम टैक्स रिटर्न क्यों और कब भरना चाहिए-

किन लोगों को है इनकम टैक्स रिटर्न भरने से छूट?

दरअसल, पुरानी आयकर व्यवस्था (old income tax regime) के तहत, 60 साल से कम उम्र के टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स छूट की लिमिट 2.5 लाख रुपये निर्धारित की गई है. वहीं, वरिष्ठ नागरिकों या 60 से 80 वर्ष की आयु के लोगों के लिए ये बेसिक लिमिट 3 लाख रुपये रखी गई है. जिनकी उम्र 80 वर्ष या उससे अधिक है, उनके लिए छूट की सीमा 5 लाख रुपये है. हालांकि, नई इनकम टैक्स रेजिम के मुताबिक,  टैक्सपेयर्स  की उम्र चाहे जो भी हो, उनके लिए बेसिक टैक्स छूट की लिमिट 2.5 लाख रुपये तय की गई है. हालांकि, विशेषज्ञ सभी करदाताओं को अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने का सुझाव देते हैं.

सभी को आईटीआर क्यों दाखिल करना चाहिए?

नेटवर्क 18 की एक रिपोर्ट के हवाले से , टैक्स2विन के सीईओ अभिषेक सोनी कहते हैं, "अगर किसी व्यक्ति की इनकम टैक्स देने वाले ब्रैकेट में नहीं आती है, तो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के कई फायदे हैं." आईटीआर दाखिल करने के लाभों के बारे में बताते हुए, सोनी ने कहा, "एक आयकर रिटर्न क़ानूनी रूप से आपकी सहायत करता है. आप इसमें अपनी आइडेंटिटी और इनकम प्रूफ देते हैं, जिसकी वजह से आगे चलकर आपको लोन लेने में, पेनल्टी जो दी है उसकी भरपाई करने में और अपने कटे हुए पैसे को क्लेम करने में आसानी होती है. 

इसके अलावा, आप अपने टैक्स डिडक्टेड (TDS) के लिए भी क्लेम कर सकते हैं. इसमें भी इनकम टैक्स रिटर्न वाला डॉक्यूमेंट आपके काम आता है. 

इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग इन चार शर्तों पर होनी चाहिए

1. अगर किसी व्यक्ति की कुल बिक्री, कारोबार या ग्रॉस रिसिप्ट पिछले साल के दौरान 60 लाख रुपये से अधिक है तो  टैक्स रिटर्न फाइल करना होता है.

2. यदि पिछले साल के दौरान पेशे में कुल ग्रॉस रिसिप्ट 10 लाख रुपये से अधिक है, तो व्यक्ति को आईटीआर दाखिल करने की सलाह दी जाती है.

3. यदि उस साल के दौरान टीडीएस या टीसीएस 25,000 रुपये या उससे अधिक है, तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना चाहिए. वरिष्ठ नागरिकों के लिए, यह नियम तब लागू होगा जब व्यक्तियों का कुल टीडीएस या टीसीएस एक वित्तीय वर्ष में 50,000 रुपये या उससे अधिक है तो.

4. अगर किसी व्यक्ति के एक या इससे ज्यादा सेविंग अकाउंट में पिछले वर्ष के दौरान कुल मिलाकर 50 लाख रुपये या उससे अधिक जमा हुए हैं तो उसे आईटीआर फाइल करना होता है.