
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की आखिरी तारीख 16 सितंबर 2025 गुजर चुकी है. जिन टैक्सपेयर्स ने रिटर्न भर दिया है, वे अब अपने रिफंड (Refund) का इंतजार कर रहे हैं. आपका भी रिफंड का पैसा बैंक खाता में नहीं आया है तो परेशान न हों, कई बार रिफंड मिलने में देरी हो जाती है. आइए जानते हैं रिफंड मिलने में क्यों देरी होती है, रिफंड मिलने का प्रोसेस क्या है और आप टैक्स रिफंड स्टेटस कैसे चेक कर सकते हैं?
क्या होता है रिफंड
टैक्सपेयर को हर फाइनेंसियल ईयर में एडवांस इनकम टैक्स जमा कराना होता है. एडवांस में जितना टैक्स करदाता ने जमा किया है और उस साल की इनकम पर जितना टैक्स बनता है, उसका हिसाब इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर में होता है. यदि आपने देय राशि से ज्यादा पैसा पहले ही जमा कर दिया है तो अतिरिक्त राशि ब्याज के साथ वापस कर दी जाती है. इसे ही रिफंड कहा जाता है.
क्या है रिफंड की प्रक्रिया
आईटीआर के ई-वेरिफाई होते ही रिफंड की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. इनमक टैक्स डिपार्टमेंट के नियमों के मुताबिक रिफंड की रकम मिलने को लेकर कोई सीमा तय नहीं है. रिफंड चाहे 10000 रुपए का हो, 1 लाख रुपए का हो या उससे भी ज्यादा, सभी को एक ही प्रक्रिया से बैंक अकाउंट में भेजा जाता है. यदि रकम बहुत अधिक है तो आयकर विभाग उसे थोड़ा और बारीकी से जांच सकता है, जिससे प्रोसेसिंग में कुछ देरी हो सकती है.
कितने दिनों में मिलता है रिफंड
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से रिफंड प्रोसेस में लगने वाला समय अब काफी कम हो गया है. पहले जहां रिफंड जारी करने में औसतन 93 दिन लगते थे, वहीं अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट औसतन 10 दिन में रिफंड प्रोसेस कर रहा है. हालांकि उस समय वित्त मंत्री ने बताया था कि हर आईटीआर 10 दिन में प्रोसेस नहीं होता. 10 दिन का समय एक एवरेज टाइम है, गारंटी नहीं. टैक्स एक्सपर्ट्स कहते हैं किसी को औसत समय से पहले भी रिफंड मिल सकता है. आपकी रिटर्न सीधी-सादी है, जैसे सैलरी इनकम और कुछ बेसिक डिडक्शन तो रिफंड जल्दी आ सकता है लेकिन यदि आपके रिटर्न में बिजनेस इनकम, कैपिटल गेन या कई डिडक्शन शामिल हैं तो जांच में समय लग सकता है और रिफंड देर से आ सकता है.
...तो इसलिए लेट होता है रिफंड और कई बार जाता है अटक
1. यदि आपने पैन, आधार या बैंक डिटेल्स में गलती की है तो रिफंड देर से आ सकता है या अटक सकता है.
2. बैंक अकाउंट प्री-वैलिडेट न होना. जिस बैंक खाते में इनकम टैक्स रिफंड आना है, उस बैंक खाते को प्री-वैलिडेट कराना जरूरी है.
3. गलत IFSC कोड या बंद अकाउंट. बैंक अकाउंट नंबर या आईएफएससी कोड जैसी महत्वपूर्ण जानकारियों के गलत होने पर रिफंड नहीं मिलता है.
4. TDS डेटा में गड़बड़ी होने पर रिफंड अटक सकता है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को जवाब नहीं देने पर भी रिफंड अटक सकता है.
5. ITR फॉर्म का चुनाव भी रिफंड देरी से आने का वजह हो सकता है. आयकर विभाग के लिए जिस फॉर्म को प्रोसेस करना जितना आसान होता है, उसका रिफंड उतना ही जल्दी आता है.
6. ITR का ई-वेरिफिकेशन नहीं कराने पर रिफंड नहीं मिलता है. आईटीआर दाखिल करने के 30 दिनों के अंदर ई-वेरिफाई करना जरूरी होता है. ई-वेरिफाई करने के बाद ही आयकर विभाग आगे का प्रोसेस शुरू करता है.
7. आयकर विभाग एक्यूरेसी और कंप्लायंस को वेरीफाई करने के कुछ रिटर्न की स्क्रूटनी यानी जांच कर सकता है. यदि आपका रिटर्न जांच के दायरे में है तो असेसमेंट पूरा होने तक आपके रिफंड में देरी हो सकती है.
8. आईटीआर दाखिल करने की डेडलाइन से पहले जो लोग ITR भर देते हैं, उनको रिफंड जल्दी मिलने की की संभावना होती है. आखिरी दिनों में फाइल करने पर सर्वर पर लोड बढ़ जाता है, जिससे प्रोसेसिंग में देरी होती है.
कैसे चेक करें अपना रिफंड स्टेटस
1. सबसे पहले www.incometax.gov.in की वेबसाइट पर जाएं.
2. इसके बाद अपना पैन नंबर और पासवर्ड के जरिए वेबसाइट पर लॉग-इन करें.
3. फिर ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग-इन करने के बाद 'ई-फाइल टैब' पर जाएं.
4. अब व्यू फाइल्ड रिटर्न का ऑप्शन सेलेक्ट करें.
5. यहां फाइल किए गए सभी रिटर्न की डिटेल नजर आएगी.
6. अब करेंट स्टेटस देखने के लिए व्यू डिटेल के ऑप्शन पर क्लिक करें.
7. इसके बाद आपकी स्क्रीन पर ITR फाइल का स्टेटस नजर आने लगेगा.
8. यदि आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से रिफंड भेज दिया गया है तो आपको उसकी डिटेल वहां नजर आ जाएगी.
9. आपको मोड ऑफ पेमेंट, रिफंड अमाउंट और डेट ऑफ क्लीयरेंस जैसी जानकारी भी वहां दिखाई देगी.
ऐसे भी चेक कर सकते हैं रिफंड स्टेटस
1. NSDL की वेबसाइट पर जाएं.
2. अपनी पैन डिटेल के साथ Assessment year और कैपचा कोड दर्ज करें.
3. स्टेटस देखने के लिए Proceed बटन पर क्लिक करें.
4. इसके बाद आपका रिफंड स्टेटस स्क्रीन पर दिखाई दे जाएगा.