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फैक्ट्री में दारू का अंबार लेकिन खरीदार कम! एक साल के लिए बंद होने जा रही Jim Beam कंपनी

गोदामों में इस समय 1.6 करोड़ से ज्यादा बोरबन बैरल स्टोर हैं. इन बैरल पर सरकार टैक्स वसूलती है, जिससे कंपनियों की लागत तेजी से बढ़ गई है.

Jim Beam: Photo: Unsplash Jim Beam: Photo: Unsplash
हाइलाइट्स
  • Jim Beam की केंटकी फैक्ट्री 2026 में रहेगी बंद

  • दुनिया भर में मांग घटी, गोदाम भर गए…

अमेरिका की मशहूर Jim Beam बोरबन व्हिस्की बनाने वाली कंपनी एक साल के लिए बंद हो रही है. कंपनी ने ऐलान किया है कि केंटकी बेस्ड उसकी सबसे बड़ी डिस्टिलरी पूरे 2026 में उत्पादन नहीं करेगी. कंपनी का कहना है कि इस दौरान वह प्लांट में सुधार और अपग्रेड का काम करेगी.

केंटकी में बोरबन का रिकॉर्ड स्टॉक
केंटकी डिस्टिलर्स एसोसिएशन के मुताबिक, केंटकी में इस वक्त बोरबन के 1.6 करोड़ से ज्यादा बैरल गोदामों में रखे हैं. यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. हर बैरल पर राज्य सरकार टैक्स लेती है, जिससे डिस्टिलर्स पर भारी बोझ पड़ रहा है. सिर्फ इस साल टैक्स के रूप में कंपनियों को करीब 6200 करोड़ रुपये चुकाने पड़े हैं. इंडस्ट्री इसे कमर तोड़ने वाला खर्च बता रही है.

वैश्विक व्यापार तनाव से बिगड़े हालात
बोरबन इंडस्ट्री की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं होतीं. अप्रैल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ के बाद कई देशों ने अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी शुल्क लगा दिए. नतीजा यह हुआ कि जो बोरबन विदेशों में बिकनी थी, वह भी गोदामों में अटक गई. सबसे बड़ा झटका कनाडा से आया, जहां कई प्रांतों ने अमेरिकी शराब खरीदना ही बंद कर दिया. इससे अमेरिकी डिस्टिलर्स की एक्सपोर्ट कमाई पर सीधा असर पड़ा.

कर्मचारियों और टूरिज्म पर असर
जिम बीम की मालिक कंपनी Suntory Global Spirits के केंटकी में करीब 1000 कर्मचारी हैं. कंपनी का कहना है कि वह यूनियन से बातचीत कर रही है कि उत्पादन बंद रहने के दौरान कर्मचारियों का कैसे इस्तेमाल किया जाए. Jim Beam का विजिटर सेंटर भी खुला रहेगा.

विशेषज्ञों का मानना है कि बोरबन इंडस्ट्री ने बीते 10 सालों में यह सोचकर खूब विस्तार किया कि दुनिया भर में मांग बढ़ेगी लेकिन हालात उलटे पड़ गए. कंपनी ने माल ज्यादा बनाया लेकिन ग्राहक कम हैं. ऐसे में कंपनियां खर्च घटाने और नुकसान रोकने के लिए उत्पादन रोकने जैसे कड़े फैसले ले रही हैं.